Skip to main content

समसामयिक घटनाचक्र तथ्य - Current Affairs facts Februar 2011

1. क्रिकेट वर्ल्ड कप -

*- क्रिकेट वर्ल्ड कप 2011 का उद्घाटन रंगारंग कार्यक्रम के साथ ढाका के ऎतिहासिक बंगबंधु स्टेडियम में दिनांक 17 फरवरी को हुआ।

* यह आयोजन
15 साल बाद भारतीय उपमहाद्वीप में हो रहा है।

* बांग्लादेश का राष्ट्रगान 'आमार सोनार बंगला' है।

* बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना है।

* आई सी सी वर्ल्डकप 2011 में भाग लेने वाली टीमों की संख्या 14 है।

* क्रिकेट वर्ल्डकप 2011 का शुभंकर नन्हा हाथी 'स्टंपी' है।

* क्रिकेट वर्ल्डकप 2011 के उद्घाटन समारोह में शंकर महादेवन, एहसान और लॉय की तिकड़ी ने वर्ल्डकप के थीम सॉन्ग 'दे घुमा के' गाया।

*- क्रिकेट वर्ल्ड कप में कुल 49 मैच होंगे ।

2. अजमेर में सोने के भंडार मिले-

अजमेर की पीसांगन तहसील से 10 किमी दूर रिछमालिया गांव में सोने के भंडार का पता चला है। वैज्ञानिकों के अनुसार यहां खनिज के प्रति 10 लाख में सोने के 3.36 कण हैं। वैज्ञानिक मिट्टी में सोने की इस मात्रा को आदर्श स्थिति मानते हैं।

--> आमतौर पर सोना क्वार्ट्ज के साथ पाया जाता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे ‘नेटिव-फॉर्म’ कहा जाता है। अजमेर में पहले से ही क्वार्ट्ज का बड़े पैमाने पर खनन होता रहा है। ऐसे में रिछमालिया में मिले सोने की संभावना बहुत बड़ी बेल्ट में फैल सकती है।

-->> देश की सबसे बड़ी सोने की खान कर्नाटक के कोलार जिले में है।

3. अजमेर के कायड़ में सीसा-जस्ता खनन परियोजना प्रारंभ-

जिंक और सीसा खनन के लिए अजमेर शहरी सीमा से सटे कायड़ ग्राम में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और वेदांता का प्रोजेक्ट 16 फरवरी को विधिवत शुरू हुआ। प्रोजेक्ट के तहत कायड़ का 480.45 हैक्टेयर क्षेत्र माइनिंग लीज पर लिया गया है। शुरुआती चरण में 52 हैक्टेयर क्षेत्र में भूमिगत खनन किया जाएगा।

4. राष्ट्रीय खेल में राजस्थान

-> झारखंड में आयोजित किए जा रहे 34वें राष्ट्रीय खेलों के तीसरे दिन राजस्थान का स्वर्ण पदक खाता स्टार निशानेबाज शगुन चौधरी ने ट्रेप स्पर्द्धा में सोना जीतकर खोला।

-> राजस्थान ने राष्ट्रीय खेलों में कबड्डी में प्रथम बार स्वर्ण पदक जीता। यह उपलब्धि राज्य की टीम ने 17 फरवरी को फाइनल में दिल्ली को 34 - 21 से हरा कर हासिल की।

-> राष्ट्रीय खेलों के पहले दिन राजस्थान की झोली में दो पदक आए। कराटे प्रतियोगिता के पुरूष कुमिते एकल स्पर्द्धा के 55.1-61 किग्रा वर्ग में दिलीप कुमार ने रजत और पुरूष काता एकल स्पर्द्धा में अनिल शर्मा ने कांस्य पदक प्राप्त किए।

-> लॉन बाल प्रतियोगिता में प्रदेश के राजेश एवं कमल की टीम ने टीम स्पर्द्धा में कांस्य पदक जीता।

Comments

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली...