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समसामयिक घटनाचक्र

पायका बास्केटबाल में राजस्थान को खिताब

जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में सम्पन्न पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान (पायका) की राष्ट्रीय ग्रामीण बास्केटबाल प्रतियोगिता में राजस्थान ने बालक वर्ग का खिताब अपने नाम कर लिया। दिनांक 18 फरवरी को खेले गए फाइनल में मेजबान राजस्थान ने गत उपविजेता पंजाब को 52-28 से हराया। राजस्थान के लिए महिपाल सिंह भाटी ने 23, प्रदीप सांखला ने 16 और अखिलेश ने 8 अंक अर्जित किए। राजस्थान के महिपाल सिंह भाटी और हरियाणा की भारती सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने गए।

डॉ. महावीर गोलछा को सम्मान

भारत के युवा वैज्ञानिक डॉ. महावीर गोलछा को असाध्य रोग अल्जाईमर रोग पर किए गए उनके शोध के लिए विश्व प्रतिष्ठित अल्जाईमर युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
उन्हें यह सम्मान हाल ही में अमेरिका में हुई पांचवी ड्रग डिस्कवरी फॉर न्यूरो डी जेनरेशन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रदान किया गया। हर वर्ष यह पुरस्कार दुनिया भर के 25 युवा वैज्ञानिकों को अल्जाईमर रोग के बारे में शोध कार्य के लिए दिया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव में बड़ी संख्या में देश विदेशों के पतंगबाजों ने उड़ाई पतंगे

पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थान के उदयपुर में 5 से 10 जनवरी 2011 तक आयोजित किए गए अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव में बड़ी संख्या में देश विदेशों से आए पतंगबाजों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक सुमिता सरोच के अनुसार राजस्थान में पहली बार आयोजित हो रहे इस महोत्सव में भारत के अलावा जर्मनी , अमेरिका, सिंगापुर , थाईलैंड , इंडोनेशिया , फ्रांस , कुवैत , नीदरलैंड तथा तुर्की के पतंगबाजों ने भाग लिया।
महोत्सव में पतंगबाजों द्वारा विभिन्न आकार एवं डिजाइन वाली पतंगों को आकाश में उड़कर उपस्थित लोगों को अचरज में डाल दिया। उदयपुर के अब्दुल मलिक ने एक डोर पर 500 पंतगे उड़ाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया। इस महोत्सव में पतंगबाजों ने दो मिलीमीटर से लेकर 45 मीटर तक की पतंगें उड़ाई।

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Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...

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हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

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