मिटिगेटिंग पॉवर्टी इन वेस्टर्न राजस्थान (mpower) योजना -
इसके तहत पश्चिमी राजस्थान में गरीबी उन्मूलन के लिए 415 करोड़ रुपयों की लागत से जोधपुर संभाग के
6 जिलों की 6 पंचायत समितियों में '' मिटिगेटिंग पॉवर्टी इन वेस्टर्न राजस्थान '' (mpower) योजना राज्य सरकार द्वारा चालू की गई।
बांदरसिंदरी -
किशनगढ़ ( अजमेर ) में केन्द्रीय विश्वविद्यालय अस्थाई तौर पर प्रारम्भ कर दिया गया है तथा इस हेतु बांदरसिंदरी ( किशनगढ़ ) में भूमि का आवंटन किया जा चुका है।
उदयपुर का बलीचा गाँव-
भारत सरकार खोले जाने वाली उच्च स्तरीय शैक्षणिक संस्थानों में से एक आई आई एम -
Indian Institute of Management , उदयपुर के लिए उदयपुर के बलीचा ग्राम में भूमि आवंटन किया जा चुका है तथा कार्य प्रगति पर है। पूर्ण परिसर बनने तक फिलहाल इस संस्थान को सुखाड़िया विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट कैम्पस में संचालित करने का निर्णय हुआ है।
ग्राम पंचायत विद्युत वितरण योजना -
इस योजना के अंतर्गत हर ग्राम पंचायत के लिए अब अलग से
11 केवी फीडर लगाए जा रहे हैं। इससे ग्रामीणों को गुणवत्ता पूर्ण बिजली मिलेगी। ग्राम पंचायत विद्युत वितरण योजना के तहत
33 केवी जीएसएस बनाने के बाद प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए अलग से
11 केवी फीडर निकाले जा रहे हैं। वर्तमान में कार्यरत 11 केवी फीडरों की लंबाई अधिक होने के कारण उपभोक्ताओं को कम वोल्टेज, फाल्ट जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि फाल्ट को तलाशने में ही घंटों के बजाय दिन लग जाते हैं। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को अंधेरे में रात गुजारनी पड़ती है। इस व्यवस्था के बाद विद्युत निगम की परेशानियां भी कम होगी।
साथ ही उपभोक्ताओं को गुणवत्ता पूर्ण बिजली मिल सकेगी।
{ kv = kilo volt }
कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि व्यवसाय प्रोत्साहन नीति वर्ष 2010
राज्य सरकार ने जून 2010 में कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि व्यवसाय प्रोत्साहन नीति वर्ष 2010 जारी की थी। इस नीति में राज्य में स्थापित होने वाले नये कृषि प्रसंस्करण और कृषि व्यवसाय प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत लगाये जाने वाले सूक्ष्म, लघु, व मध्यम उद्योगों को राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2003 के अन्तर्गत मिलने वाले सभी लाभों के अलावा विभिन्न लाभ नई नीति में देय होंगे। जिसमें प्रमुखतः रोजगार सृजन हेतु प्रोत्साहन, विद्युत कर में छूट, मुद्रांक कर में छूट, भूमि रूपान्तरण शुल्क में छूट, निर्दिष्ट कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र में रूपान्तरण प्रक्रिया का सरलीकरण, भूमि का लीज पर आवंटन, कृषि भूमि हदबंदी अधिनियम के अन्तर्गत छूट, कृषि भूमि के लिये बड़ी अवधि की लीज, कृषि उत्पादों हेतु बाजार विकास व विविधीकरण हेतु प्रोत्साहन, गुणवत्ता एवं मापदण्ड हेतु प्रोत्साहन, सीधी क्रय तथा मण्डी शुल्क में छूट, नई परियोजना के विकास हेतु प्रोत्साहन है। इसके अतिरिक्त इसमें मानव संसाधन विकास हेतु प्रोत्साहन, आधारभूत सुविधाओं हेतु सामूहिक परियोजनाएँ, उत्तमता के केन्द्र व फसल विकास संस्थान, फूडपार्क हेतु सहायता, निजी मण्डी , यार्ड व ई-मार्केट विकास के लिए उद्यम पूंजी निधि आदि सुविधाएँ प्रदान की जाएगी।
इसके तहत पश्चिमी राजस्थान में गरीबी उन्मूलन के लिए 415 करोड़ रुपयों की लागत से जोधपुर संभाग के
6 जिलों की 6 पंचायत समितियों में '' मिटिगेटिंग पॉवर्टी इन वेस्टर्न राजस्थान '' (mpower) योजना राज्य सरकार द्वारा चालू की गई।
बांदरसिंदरी -
किशनगढ़ ( अजमेर ) में केन्द्रीय विश्वविद्यालय अस्थाई तौर पर प्रारम्भ कर दिया गया है तथा इस हेतु बांदरसिंदरी ( किशनगढ़ ) में भूमि का आवंटन किया जा चुका है।
उदयपुर का बलीचा गाँव-
भारत सरकार खोले जाने वाली उच्च स्तरीय शैक्षणिक संस्थानों में से एक आई आई एम -
Indian Institute of Management , उदयपुर के लिए उदयपुर के बलीचा ग्राम में भूमि आवंटन किया जा चुका है तथा कार्य प्रगति पर है। पूर्ण परिसर बनने तक फिलहाल इस संस्थान को सुखाड़िया विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट कैम्पस में संचालित करने का निर्णय हुआ है।
ग्राम पंचायत विद्युत वितरण योजना -
इस योजना के अंतर्गत हर ग्राम पंचायत के लिए अब अलग से
11 केवी फीडर लगाए जा रहे हैं। इससे ग्रामीणों को गुणवत्ता पूर्ण बिजली मिलेगी। ग्राम पंचायत विद्युत वितरण योजना के तहत
33 केवी जीएसएस बनाने के बाद प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए अलग से
11 केवी फीडर निकाले जा रहे हैं। वर्तमान में कार्यरत 11 केवी फीडरों की लंबाई अधिक होने के कारण उपभोक्ताओं को कम वोल्टेज, फाल्ट जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि फाल्ट को तलाशने में ही घंटों के बजाय दिन लग जाते हैं। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को अंधेरे में रात गुजारनी पड़ती है। इस व्यवस्था के बाद विद्युत निगम की परेशानियां भी कम होगी।
साथ ही उपभोक्ताओं को गुणवत्ता पूर्ण बिजली मिल सकेगी।
{ kv = kilo volt }
कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि व्यवसाय प्रोत्साहन नीति वर्ष 2010
राज्य सरकार ने जून 2010 में कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि व्यवसाय प्रोत्साहन नीति वर्ष 2010 जारी की थी। इस नीति में राज्य में स्थापित होने वाले नये कृषि प्रसंस्करण और कृषि व्यवसाय प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत लगाये जाने वाले सूक्ष्म, लघु, व मध्यम उद्योगों को राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2003 के अन्तर्गत मिलने वाले सभी लाभों के अलावा विभिन्न लाभ नई नीति में देय होंगे। जिसमें प्रमुखतः रोजगार सृजन हेतु प्रोत्साहन, विद्युत कर में छूट, मुद्रांक कर में छूट, भूमि रूपान्तरण शुल्क में छूट, निर्दिष्ट कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र में रूपान्तरण प्रक्रिया का सरलीकरण, भूमि का लीज पर आवंटन, कृषि भूमि हदबंदी अधिनियम के अन्तर्गत छूट, कृषि भूमि के लिये बड़ी अवधि की लीज, कृषि उत्पादों हेतु बाजार विकास व विविधीकरण हेतु प्रोत्साहन, गुणवत्ता एवं मापदण्ड हेतु प्रोत्साहन, सीधी क्रय तथा मण्डी शुल्क में छूट, नई परियोजना के विकास हेतु प्रोत्साहन है। इसके अतिरिक्त इसमें मानव संसाधन विकास हेतु प्रोत्साहन, आधारभूत सुविधाओं हेतु सामूहिक परियोजनाएँ, उत्तमता के केन्द्र व फसल विकास संस्थान, फूडपार्क हेतु सहायता, निजी मण्डी , यार्ड व ई-मार्केट विकास के लिए उद्यम पूंजी निधि आदि सुविधाएँ प्रदान की जाएगी।
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