चारभुजा नाथ का फागोत्सव मेला-
चारभुजा नाथ का फागोत्सव मेला |
मेवाड़ के चार धामों में से एक भगवान चारभुजानाथ राजसमंद जिले के गढ़बोर ग्राम में स्थित हैं जहाँ वर्षों पुरानी परंपरा के अनुसार दो बड़े धार्मिक मेले लगते हैं-
1. पहला भादवा शुक्ल जलझूलनी एकादशी का मेला और
2. दूसरा होली के दूसरे दिन से प्रारंभ हो कर पंद्रह दिन तक चलने वाला फागोत्सव मेला।
- भक्तों की मान्यता के अनुसार पांडव कालीन कृष्ण मूर्ति वाले इस मंदिर में इस दौरान प्रतिदिन गुलाल व अबीर उड़ा कर फाग को उत्सव पूर्वक मनाया जाता है।
- फाग के इन्द्रधनुषी रंगों में सराबोर होने के लिए दूरदराज से बड़ी तादाद में भक्त जन इस तीर्थ स्थली में आते हैं। इस फागोत्सव के दौरान पंद्रह दिन तक भगवान की प्रतिमा को रेवाडी में झूलाया जाता है और पुजारी रसिया गाते हैं।
- रंगपंचमी को भगवान के बाल स्वरूप को सोने व चाँदी की पिचकारियों से रंग खेलाने की अनूठी परंपरा है।
- इस वर्ष यह मेला 20 मार्च से लेकर 2 अप्रैल तक चलेगा।
- इस मेले में प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी शीतला सप्तमी को शीतला माता की पूजा के उपरांत गाँव भर में प्रातः रंग खेला जाएगा और शाम को बीरबल बादशाह की सवारी निकाली जाएगी। इस सवारी में बीरबल बना व्यक्ति प्रत्येक आदमी को कोड़े मार कर कोड़ों का प्रसाद देता है।
- इस सवारी में हिंजडो का नाच और पहलवानों का प्रदर्शन भी रोचक होता है।
- फागोत्सव के दौरान प्रतिदिन मेवाड़ के प्रसिद्ध गैर नृत्य का भी आयोजन होता है।
- गढ़बोर चारभुजा के कुछ ही किलोमीटर दूर सेवंत्री गाँव में स्थित एक अन्य प्राचीन रूपनारायण जी के मंदिर में भी 15 दिवसीय फागोत्सव मनाया जाता है।
गढ़बोर के नाथ चारभुजा नाथ |
चारभुजा नाथ मंदिर |
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