हस्तशिल्प का नाम |
Name of Handicraft |
स्थान |
Place |
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1. ब्लू पॉटरी |
Blue pottery |
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जयपुर |
Jaipur |
2. ब्लैक पॉटरी |
Black pottery |
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कोटा |
Kota |
3. कागजी पॉटरी |
Paperwork pottery |
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अलवर |
Alwar |
4. थेवा कला |
Thewa Art |
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प्रतापगढ़ |
Pratapgarh |
5. लकड़ी के खिलौने |
Wooden toys |
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उदयपुर, डूंगरपुर, बस्सी (चितौड़) |
Udaipur, Dungarpur, Bassi (Chittorgarh) |
6. पाव रजाई |
Paw Quilt |
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जयपुर |
Jaipur |
7. पिछवाई |
Pichhwai Paintings |
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नाथद्वारा |
Nathdwara |
8. टेराकोटा मूर्तियाँ |
Terracotta Sculptures |
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मोलेला (राजसमंद), हरजी (जालौर) |
Molela (Rajsamand), Harji (Jalore) |
9. नमदा |
Felt (numdah) |
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टौंक |
Tonk |
10. दाबू प्रिंट |
Dabu Print |
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आकोला (चित्तौड़गढ़) |
Akola (Chittorgarh) |
11. मसूरिया साड़ी |
Msuria sari |
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कैथून (कोटा) |
Kaithun (Kota) |
12. अजरक प्रिंट |
Ajrak Print |
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बाड़मेर |
Barmer |
13. मोम-निर्मित दाबू प्रिंट |
Wax made Dabu Print |
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जैसलमेर |
Jaisalmer |
14. बादले |
Badle |
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जोधपुर |
Jodhpur |
15. फड़ पेंटिंग |
Scroll painting (Phad) |
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शाहपुरा (भीलवाड़ा) |
Shahpura (Bhilwara) |
16. उस्ता कला |
Usta art |
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बीकानेर |
Bikaner |
17. कावड़ कला |
Kavd Art |
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बस्सी (चित्तौड़गढ़) |
Bassi (Chittorgarh) |
18. काँच कशीदाकारी- |
Glass Embroidery |
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बाड़मेर |
Barmer |
Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली'' में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...
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