आवासीय विद्यालय योजना -
- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा आवासीय विद्यालय योजना 1997-98 से प्रारम्भ की गई थी।
- राज्य में 22 आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है तथा आगामी शैक्षणिक सत्र 2018-19 से 3 आवासीय विद्यालयों का संचालन किया जाना प्रस्तावित हैै।
- इस योजना के अंतर्गत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधीन "राजस्थान रेजीडेन्सियल एजूकेशनल इन्स्टीट्यूशन्स सोसायटी" (राईस) द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के एक लाख रुपए से कम वार्षिक आय वाले गरीब परिवारों के बालक-बालिकाओं को शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु 22 आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इनमें 10 विद्यालय जर्मनी के बैंकिंग समूह K f W ('Kreditanstalt für Wiederaufbau' meaning Reconstruction Credit Institute) के सहयोग से द्वारा निर्मित किए गए हैं एवं 12 विद्यालय राज्य सरकार द्वारा निर्मित है।
- इन विद्यालयों में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में स्थापित विद्यालयों में 80 प्रतिशत स्थान अनुसूचित जनजाति के लिए, 12 प्रतिशत अनुसूचित जाति के लिए, 8 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं। इन आवासीय विद्यालयों में एससी, एसटी व ओबीसी के अनाथ, बीपीएल, परित्यक्ता, विधवा महिला के परिवारों के बालक/ बालिकाओं को प्रवेश में प्राथमिकता दी जाती है।
इस योजना का मूल उद्देश्य -
राज्य में अनुसूचित जाति,
जनजाति व अन्य पिछडा वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के प्रतिभावान
छात्र/छात्राओं एवं निष्क्रमणीय पशुपालकों तथा भिक्षावृति एवं अन्य अवांछित
गतिविधियो में लिप्त परिवारों के बच्चों को स्वच्छ एवं अच्छे वातावरण में
कक्षा 6 से 12 तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना हैं।
22 आवासीय विद्यालयों में से निम्न आवासीय विद्यालय विशेष वर्गाें के लिए निम्नानुसार संचालित हैः-
(i) गैर-जनजाति क्षेत्र में संचालित आवासीय विद्यालय-
- केनपुरा (पाली),
- पावटा (नागोर),
- बगडी (दौसा),
- हिंगी (कोटा),
- अटरू (बारां),
- छाण,(सवाई माधोपुर),
- मण्डोर (जोधपुर),
- भैंसवाडा (जालोर),
- वजीरपुरा (टोंक) एवं
- आटूण (भीलवाडा)।
(ii) जनजाति क्षेत्र में संचालित आवासीय विद्यालय -
- खोडन (बांसवाडा) एवं
- खेडाआसपुर (डूंगरपुर)
(iii) निष्क्रमणीय पशुपालकों के बालकों हेतु आवासीय विद्यालय-
- हरियाली (जालौर),
- धनवाडा (झालावाड) एवं
- सागवाडा (डूंगरपुर)
(iv) भिक्षावृति व अन्य अवांछित वृत्तियों में लिप्त परिवारों के बालकों हेतु आवासीय विद्यालय-
- मण्डाना (कोटा)
(v) देवनारायण आवासीय विद्यालय-
- तेलीखेडा, सुवाना (भीलवाडा),
- चाण्डपुरा (जालोर),
- युसुफपुरा (टोंक),
- बालेटा (अलवर),
- देवलेन (करौली) एवं
- हिण्डौली (बूंदी)।
(vi) जैसिन्धर स्टेशन (बाडमेर) आवासीय विद्यालय बालक 280 क्षमता तथा
मच्छीपुरा (सवाई माधोपुर) एवं अमरपुरा (दौसा) दो बालिका आवासीय विद्यालय
280-280 क्षमता के संचालन की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जा चुकी है।
देय सुविधाऐं:-
इन विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा,
आवास, भोजन, स्कूल ड्रेस, पाठयपुस्तकेेें, लेखन सामग्री आदि का समस्त व्यय
राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता हैं। राज्य सरकार द्वारा आवासीय विद्यालयों में ई-टयूशन की सुविधा प्रदान किया जाना नियत किया गया है।
योजना हेतु पात्रता:-
राजस्थान के अनुसूचित जाति,
अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछडा वर्ग एवं आर्थिक पिछडा वर्ग के बी.पी.एल.
परिवारों के बालक/बालिकाओं के प्रवेश उपरान्त शेष रिक्त स्थानों पर ऐसे
परिवार जिनकी सभी स्त्रोतों से वार्षिक आय 2.50 लाख रूपये से कम हो आवासीय
विद्यालय में प्रवेश ले सकते है।
प्रवेश हेतु आरक्षण का निर्धारित प्रतिशत -
क्र.स. | वर्ग | प्रवेश में आरक्षण का निर्धारित प्रतिशत |
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1 | अनुसूचित जाति क्षेत्र में स्थापित विद्यालय हेतु |
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2 | अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में स्थापित विद्यालय हेतु |
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3 | विशेष पिछडा वर्ग क्षेत्र में स्थापित विद्यालय हेतु (देवनारायण आवासीय विद्यालय) |
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4 | निष्क्रमणीय पशुपालकों के बच्चों हेतु आवासीय विद्यालय |
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5 | भिक्षावृति एवं अंवाछित वृत्तियों में लिप्त परिवारों के बच्चों हेतु आवासीय विद्यालय |
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