राज्य में ग्रामीण बीपीएल परिवारों के आवासों की लम्बित मांग को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री द्वारा बजट 2011-12 में की गई घोषणा के अनुपालना में इंदिरा आवास योजना की तर्ज पर एक नई योजना ''मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना'' शुरू की गई है। यह योजना राज्य में 2011-12 से 2013-14 तक लागू रहेगी। इस योजना के अन्तर्गत आगामी तीन वर्षों में लगभग 6 लाख 80 हजार ग्रामीण बीपीएल परिवारों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
''इंदिरा आवास योजना'' की तर्ज पर ''मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना'' पूरे राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में क्रियान्विति कराई जाएगी। राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में आवास उपलब्ध कराने की यह एक प्रमुख योजना है। भारत सरकार द्वारा प्रायोजित ''इंदिरा आवास योजना'' की क्रियान्विति भी राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व की भांति चालू रहेगी।
उद्देश्य -
योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति/जनजाति, मुक्त बंधुआ मजदूरों के सदस्यों, अल्पसंख्यकों एवं गैर अनुसूचित जाति/ जनजाति के गरीबी रेखा के नीचे ग्रामीण परिवारों को इंदिरा आवास योजना की तर्ज पर वित्तीय सहायता देकर नवीन आवासीय इकाईयों के निर्माण में सहायता करना है।
योजना के लिए वित्त पोषण-
यह योजना 3400 करोड़ की है। इस योजना के वित्त पोषण हेतु जिला परिषदों द्वारा हुडको (HUDCO) से ऋण लिया जाएगा, परन्तु लाभार्थियों को यह राशि नवीन आवास निर्माण हेतु अनुदान सहायता के रूप में ''इंदिरा आवास योजना'' की तर्ज पर उपलब्ध कराई जाएगी। ऋण का पुर्नभुगतान हुडको को निर्धारित किश्तों में निर्धारित अवधि में सम्बन्धित जिला परिषद् द्वारा किया जाएगा। इस हेतु जिला परिषद् द्वारा राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर पंचायती राज संस्थाओं को उपलब्ध कराए जाने वाली अनुदान सहायता से ऋण का पुनर्भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि हुडको से प्राप्त ऋण से जिला परिषद् द्वारा लाभार्थी को इंदिरा आवास योजना की तर्ज पर आवासीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। हुडको से लिए गए ऋण के पुनर्भुगतान का दायित्व जिला परिषद् का ही रहेगा, न कि लाभार्थी का। वित्त विभाग द्वारा हुडको को काउण्टर गारण्टी दी जाएगी। जिला परिषद् द्वारा हुडको से ऋण लेने, ऋण के पुर्नभुगतान समय पर करने एवं पुनर्भुगतान हेतु राज्य के वित्त विभाग से अनुदान समय से प्राप्त करने से सम्बन्धित समस्त कार्यवाही पंचायती राज विभाग की देखरेख में सम्पादित की जाएगी। राज्य स्तर पर वित्तीय प्रबन्ध से सम्बन्धित समस्त कार्यवाही के लिए पंचायती राज विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
जिला परिषद् से प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना में प्रत्येक पात्र अनुसूचित जाति व जनजाति के परिवार के लिए राशि पचास हजार एवं शेष अन्य पात्र प्रत्येक परिवार के लिए राशि 45 हजार रुपयों की स्वीकृति दी जाएगी। इसके अतिरिक्त संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के तहत स्वच्छ शौचालय के निर्माण के लिए प्रत्येक लाभार्थी 2 हजार 200 रुपयों की अनुदान सहायता राशि का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।
इस राशि का भुगतान लाभार्थी के बैंक खाते में क्रमश 50 प्रतिशत वित्तीय स्वीकृति के साथ, द्वितीय किश्त 40 प्रतिशत छत स्तर (लिंटल लेवल) तक कार्य कराए जाने पर एवं शेष अंतिम दस प्रतिशत की किस्त कार्य पूर्ण होने पर दी जाएगी।
''इंदिरा आवास योजना'' की तर्ज पर ''मुख्यमंत्री ग्रामीण बीपीएल आवास योजना'' पूरे राज्य के ग्रामीण क्षेत्र में क्रियान्विति कराई जाएगी। राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में आवास उपलब्ध कराने की यह एक प्रमुख योजना है। भारत सरकार द्वारा प्रायोजित ''इंदिरा आवास योजना'' की क्रियान्विति भी राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्व की भांति चालू रहेगी।
उद्देश्य -
योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति/जनजाति, मुक्त बंधुआ मजदूरों के सदस्यों, अल्पसंख्यकों एवं गैर अनुसूचित जाति/ जनजाति के गरीबी रेखा के नीचे ग्रामीण परिवारों को इंदिरा आवास योजना की तर्ज पर वित्तीय सहायता देकर नवीन आवासीय इकाईयों के निर्माण में सहायता करना है।
योजना के लिए वित्त पोषण-
यह योजना 3400 करोड़ की है। इस योजना के वित्त पोषण हेतु जिला परिषदों द्वारा हुडको (HUDCO) से ऋण लिया जाएगा, परन्तु लाभार्थियों को यह राशि नवीन आवास निर्माण हेतु अनुदान सहायता के रूप में ''इंदिरा आवास योजना'' की तर्ज पर उपलब्ध कराई जाएगी। ऋण का पुर्नभुगतान हुडको को निर्धारित किश्तों में निर्धारित अवधि में सम्बन्धित जिला परिषद् द्वारा किया जाएगा। इस हेतु जिला परिषद् द्वारा राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर पंचायती राज संस्थाओं को उपलब्ध कराए जाने वाली अनुदान सहायता से ऋण का पुनर्भुगतान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि हुडको से प्राप्त ऋण से जिला परिषद् द्वारा लाभार्थी को इंदिरा आवास योजना की तर्ज पर आवासीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। हुडको से लिए गए ऋण के पुनर्भुगतान का दायित्व जिला परिषद् का ही रहेगा, न कि लाभार्थी का। वित्त विभाग द्वारा हुडको को काउण्टर गारण्टी दी जाएगी। जिला परिषद् द्वारा हुडको से ऋण लेने, ऋण के पुर्नभुगतान समय पर करने एवं पुनर्भुगतान हेतु राज्य के वित्त विभाग से अनुदान समय से प्राप्त करने से सम्बन्धित समस्त कार्यवाही पंचायती राज विभाग की देखरेख में सम्पादित की जाएगी। राज्य स्तर पर वित्तीय प्रबन्ध से सम्बन्धित समस्त कार्यवाही के लिए पंचायती राज विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
जिला परिषद् से प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना में प्रत्येक पात्र अनुसूचित जाति व जनजाति के परिवार के लिए राशि पचास हजार एवं शेष अन्य पात्र प्रत्येक परिवार के लिए राशि 45 हजार रुपयों की स्वीकृति दी जाएगी। इसके अतिरिक्त संपूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के तहत स्वच्छ शौचालय के निर्माण के लिए प्रत्येक लाभार्थी 2 हजार 200 रुपयों की अनुदान सहायता राशि का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।
इस राशि का भुगतान लाभार्थी के बैंक खाते में क्रमश 50 प्रतिशत वित्तीय स्वीकृति के साथ, द्वितीय किश्त 40 प्रतिशत छत स्तर (लिंटल लेवल) तक कार्य कराए जाने पर एवं शेष अंतिम दस प्रतिशत की किस्त कार्य पूर्ण होने पर दी जाएगी।
Plz help i am poor man plz help mukmantri ji
ReplyDeletePlz help my father he is a poor man and my family 6th sister and 2 brother
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