राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष का पद पर एक बार फिर राजस्थान की महिला को नवाजा गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 30 जुलाई को पूर्व विधायक ममता शर्मा को राष्ट्रीय महिला आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इससे पहले इस पद पर राजस्थान की गिरिजा व्यास और यास्मीन अबरार रह चुकी है।
आचार्य डॉ. लोकेश मुनि को राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना पुरस्कार 2010
बाड़मेर जिले के पचपदरा में जन्मे प्रसिद्ध लेखक एवं जैन संत आचार्य डॉ. लोकेश मुनि को शांति, सद्भावना और अहिंसा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए वर्ष 2010 के राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना पुरस्कार उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी तथा प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह द्वारा प्रदान किया गया। इस पुरस्कार के लिए मुनि का चयन उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता वाले निर्णायक मंडल ने किया था। वर्ष 1996 में शुरू किए गए इस पुरस्कार के अंतर्गत मुनि को प्रशस्ति पत्र और दो लाख रुपए नकद प्रदान किए गए। मुनि दिल्ली स्थित अहिंसा विश्व भारती नामक स्वयंसेवी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हैं। लोकेश मुनि 2006-07 में जामा मस्जिद में हुए बम विस्फोटों के बाद हिंदू-मुस्लिमों के बीच के वैमनस्य एवं बैर को समाप्त करने और 2007 में डेरा सच्चा सौदा और सिख समुदाय के बीच के तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सांप्रदायिक सौहार्द स्थापित करने के लिए वह हरियाणा से गुजरात तक चली 1500 किमी की पदयात्रा में भी सम्मिलित हुए थे। आचार्य ने यह राशि अहिंसा विश्व भारती संस्था को प्रदान कर दी।
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आर. सी. ए.) अध्यक्ष डॉ. सी. पी. जोशी ने संजय दीक्षित की सचिव पद से दिनांक 29 जुलाई को निलंबित कर दिया तथा श्री के. के. शर्मा को कार्यवाहक सचिव बनाया गया है। गौरतलब है कि संजय दीक्षित गुट ने 27 जुलाई को जयपुर से सांसद महेश जोशी को आरसीए का चेयरमैन बना दिया था। इसी की प्रतिक्रिया में जबाब देने के लिए एजीएम बैठक बुलाकर जोशी ने दीक्षित की सचिव पद से छुट्टी कर दी। उनके साथ ही जे. पी. सोनी डायरेक्टर एवं एडमनिस्ट्रेटिव डायरेक्टर तारीक सोमा को भी सस्पेंड कर दिया गया।
बेयरफुट कॉलेज तिलोनिया को वैज्ञानिक अनुसंधान, भूगर्भीय पर्यावरण से संबंधित अनुसंधान क्षेत्र में अतिविशिष्ट कार्य करने 2011 का असाही ग्लास फाउंडेशन जापान की ओर से ब्ल्यू प्लेनेट अवार्ड प्रदान किया जाएगा। ये अवार्ड इसी वर्ष 9 नवंबर को जापान में आयोजित एक समारोह में दिया जाएगा। अवार्डमें एक ट्राफी, प्रशस्तिपत्र, 625 हजार डॉलर दिए जाएंगे।
इस पुरस्कार की स्थापना 1992 के जापान में हुए पृथ्वी सम्मेलन में असाही ग्लास फाउंडेशन की ओर से की गई है। बेयरफुट कॉलेज के पहले 1996 में भारत के एमएस स्वामीनाथन संगठन को भी ये अवार्ड मिला था। ब्ल्यू प्लेनेट पुरस्कार की दौड़ में दूसरे देशों की 2000 प्रविष्टियां आई थी। इसमें अंतिम 21 देशों के 89 प्रविष्टि में से इस कॉलेज का चयन हुआ।
तीन दिन पहले 27 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर में आतंककारियों से लोहा लेते शहीद हुए नायब सूबेदार लालसिंह खींची का 29 जुलाई शाम जोधपुर जिले के करवड़ के नाग तालाब मोक्ष धाम पर सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद श्री लालसिंह की देह को उनकी पुत्री सीमा ने मुखाग्नि दी। दो साल पहले ही लालसिंह राजपूताना राइफल से राष्ट्रीय राइफल में आए थे।
वह उग्रवाद से लड़ने के लिए ही फौज में भर्ती हुए थे। वे 23 साल की नौकरी में 18 साल तक जम्मू-कश्मीर में रहे, शांति सेना के साथ श्रीलंका भी गए तथा अफ्रीका के कांगो में भी आतंकवाद को खत्म करने गए थे।
उदयपुर के तेईस वर्षीय लेफ्टिनेंट अर्चित वर्डिया सियाचिन में शहीद हो गए। बॉर्डर पर दिनांक 27 जुलाई को देर रात बंकर में आग लगने की घटना में अपने साथियों की जान बचाते शहीद हो गए। यह दुर्घटना तब हुई जब सियाचिन में एक फाइबर शेल्टर (बंकर) में आग लग गई । आग में एक वरिष्ठ अफसर और चार जवान फंस गए थे। उन्हें बचाने के प्रयास में अर्चित शहीद हो गए। दुर्घटना में अर्चित के सीनियर मेजर बैंस की भी मौत हो गई। लेप्टिनेंट अर्चित वर्डिया का उदयपुर के रानीरोड़ स्थित श्मशान घाट पर पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ अन्त्येष्टि कर दी गई। मुख्यमंत्री सहित शहर व राज्य के हजारों लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
आचार्य डॉ. लोकेश मुनि को राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना पुरस्कार 2010
बाड़मेर जिले के पचपदरा में जन्मे प्रसिद्ध लेखक एवं जैन संत आचार्य डॉ. लोकेश मुनि को शांति, सद्भावना और अहिंसा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए वर्ष 2010 के राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भावना पुरस्कार उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी तथा प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह द्वारा प्रदान किया गया। इस पुरस्कार के लिए मुनि का चयन उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता वाले निर्णायक मंडल ने किया था। वर्ष 1996 में शुरू किए गए इस पुरस्कार के अंतर्गत मुनि को प्रशस्ति पत्र और दो लाख रुपए नकद प्रदान किए गए। मुनि दिल्ली स्थित अहिंसा विश्व भारती नामक स्वयंसेवी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हैं। लोकेश मुनि 2006-07 में जामा मस्जिद में हुए बम विस्फोटों के बाद हिंदू-मुस्लिमों के बीच के वैमनस्य एवं बैर को समाप्त करने और 2007 में डेरा सच्चा सौदा और सिख समुदाय के बीच के तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सांप्रदायिक सौहार्द स्थापित करने के लिए वह हरियाणा से गुजरात तक चली 1500 किमी की पदयात्रा में भी सम्मिलित हुए थे। आचार्य ने यह राशि अहिंसा विश्व भारती संस्था को प्रदान कर दी।
आर. सी. ए. सचिव संजय दीक्षित निलंबित
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आर. सी. ए.) अध्यक्ष डॉ. सी. पी. जोशी ने संजय दीक्षित की सचिव पद से दिनांक 29 जुलाई को निलंबित कर दिया तथा श्री के. के. शर्मा को कार्यवाहक सचिव बनाया गया है। गौरतलब है कि संजय दीक्षित गुट ने 27 जुलाई को जयपुर से सांसद महेश जोशी को आरसीए का चेयरमैन बना दिया था। इसी की प्रतिक्रिया में जबाब देने के लिए एजीएम बैठक बुलाकर जोशी ने दीक्षित की सचिव पद से छुट्टी कर दी। उनके साथ ही जे. पी. सोनी डायरेक्टर एवं एडमनिस्ट्रेटिव डायरेक्टर तारीक सोमा को भी सस्पेंड कर दिया गया।
बेयरफुट कॉलेज तिलोनिया को मिला प्रतिष्ठित ब्ल्यू प्लेनेट अवार्ड
बेयरफुट कॉलेज तिलोनिया को वैज्ञानिक अनुसंधान, भूगर्भीय पर्यावरण से संबंधित अनुसंधान क्षेत्र में अतिविशिष्ट कार्य करने 2011 का असाही ग्लास फाउंडेशन जापान की ओर से ब्ल्यू प्लेनेट अवार्ड प्रदान किया जाएगा। ये अवार्ड इसी वर्ष 9 नवंबर को जापान में आयोजित एक समारोह में दिया जाएगा। अवार्डमें एक ट्राफी, प्रशस्तिपत्र, 625 हजार डॉलर दिए जाएंगे।
इस पुरस्कार की स्थापना 1992 के जापान में हुए पृथ्वी सम्मेलन में असाही ग्लास फाउंडेशन की ओर से की गई है। बेयरफुट कॉलेज के पहले 1996 में भारत के एमएस स्वामीनाथन संगठन को भी ये अवार्ड मिला था। ब्ल्यू प्लेनेट पुरस्कार की दौड़ में दूसरे देशों की 2000 प्रविष्टियां आई थी। इसमें अंतिम 21 देशों के 89 प्रविष्टि में से इस कॉलेज का चयन हुआ।
नायब सूबेदार शहीद लालसिंह खींची
तीन दिन पहले 27 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा सेक्टर में आतंककारियों से लोहा लेते शहीद हुए नायब सूबेदार लालसिंह खींची का 29 जुलाई शाम जोधपुर जिले के करवड़ के नाग तालाब मोक्ष धाम पर सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद श्री लालसिंह की देह को उनकी पुत्री सीमा ने मुखाग्नि दी। दो साल पहले ही लालसिंह राजपूताना राइफल से राष्ट्रीय राइफल में आए थे।
वह उग्रवाद से लड़ने के लिए ही फौज में भर्ती हुए थे। वे 23 साल की नौकरी में 18 साल तक जम्मू-कश्मीर में रहे, शांति सेना के साथ श्रीलंका भी गए तथा अफ्रीका के कांगो में भी आतंकवाद को खत्म करने गए थे।
लेफ्टिनेंट अर्चित वर्डिया सियाचिन में शहीद
उदयपुर के तेईस वर्षीय लेफ्टिनेंट अर्चित वर्डिया सियाचिन में शहीद हो गए। बॉर्डर पर दिनांक 27 जुलाई को देर रात बंकर में आग लगने की घटना में अपने साथियों की जान बचाते शहीद हो गए। यह दुर्घटना तब हुई जब सियाचिन में एक फाइबर शेल्टर (बंकर) में आग लग गई । आग में एक वरिष्ठ अफसर और चार जवान फंस गए थे। उन्हें बचाने के प्रयास में अर्चित शहीद हो गए। दुर्घटना में अर्चित के सीनियर मेजर बैंस की भी मौत हो गई। लेप्टिनेंट अर्चित वर्डिया का उदयपुर के रानीरोड़ स्थित श्मशान घाट पर पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ अन्त्येष्टि कर दी गई। मुख्यमंत्री सहित शहर व राज्य के हजारों लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
ध्रुपद गायक उस्ताद रहीम फहीमुद्दीन खां डागर का निधन, मुख्यमंत्री की संवेदना
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 28 जुलाई को डागर घराने के लब्ध प्रतिष्ठित ध्रुपद गायक उस्ताद रहीम फहीमुद्दीन खां डागर के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्व. डागर ने गायन में गंभीरता, राग की शुद्धता, कठिन लयकारी और परम्परागत ध्रुपद शैली का पूरी तरह निर्वाह करते हुए शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय दिया। उन्होंने देश-विदेश में ध्रुपद शैली की कठिन गायिकी की सरस एवं सहज प्रस्तुति से श्रोताओं को भाव विभोर किया। श्री गहलोत ने कहा कि अलवर में जन्मे उस्ताद डागर के शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में दिए गए योगदान को सदैव याद किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत की आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्व. डागर ने गायन में गंभीरता, राग की शुद्धता, कठिन लयकारी और परम्परागत ध्रुपद शैली का पूरी तरह निर्वाह करते हुए शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय दिया। उन्होंने देश-विदेश में ध्रुपद शैली की कठिन गायिकी की सरस एवं सहज प्रस्तुति से श्रोताओं को भाव विभोर किया। श्री गहलोत ने कहा कि अलवर में जन्मे उस्ताद डागर के शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में दिए गए योगदान को सदैव याद किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत की आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
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