Skip to main content

भारत सरकार द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय दिवस एवं सप्ताह- 1

> 4 से 10 जनवरी :
तेल संरक्षण सप्ताह (OIL CONSERVATION WEEK)

> 10 से 16 जनवरी :
सड़क सुरक्षा सप्ताह (ROAD SAFETY WEEK)

> 12 जनवरी-
राष्ट्रीय युवा दिवस (NATIONAL YOUTH DAY)

> 15 जनवरी : सेना दिवस (ARMY DAY)

> 15 से 21 जनवरी : पिनकोड दिवस (PIN CODE WEEK)

> 23 जनवरी : नेताजी सुभाष चंद्र जन्मदिवस/ राष्ट्रीय देशप्रेम दिवस (NETAJI SUBHAS CHANDRA’S BIRTHDAY
ANN./ NATIONAL DAY OF PATRIOTISM)

> 25 जनवरी : भारत पर्यटन दिवस (INDIA TOURISM DAY)

> 26 जनवरी : गणतंत्र दिवस (REPUBLIC DAY)

> 26 जनवरी : अंतर्राष्ट्रीय कस्टम दिवस (INTERNATIONAL CUSTOMS DAY)

> 30 जनवरी : शहीद दिवस (MARTYRS DAY)

> 30 जनवरी : राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस (NATIONAL CLEANLINESS DAY)

> 24 फरवरी : एक्साइज दिवस (EXCISE DAY)

> 4 -10 मार्च : राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह (NATIONAL SAFETY WEEK)

> 8 मार्च : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (INTERNATIONAL WOMEN’S DAY)

> 12 मार्च : दांडी मार्च दिवस (DANDI MARCH DAY)

> 15 मार्च : उपभोक्ता दिवस (CONSUMERS DAY)

> 16 मार्च : टीकाकरण दिवस (IMMUNIZATION DAY)

> 21 मार्च : विश्व वानिकी दिवस (WORLD FORESTRY DAY)

> 21 मार्च : अंतर्राष्ट्रीय नस्ल भेदभाव निवारण दिवस (INTERNATIONAL DAY FOR THE ELIMINATION OF RACIAL DISCRIMINATION)

> 22 मार्च : विश्व जल दिवस (WORLD DAY FOR WATER)

> 23 मार्च : भगत सिंह शहीद दिवस (MARTYRDOM DAY OF BHAGAT SINGH)

> 23 मार्च : विश्व मौसम संबंधी दिवस (WORLD METEOROLOGICAL DAY)

> 24 मार्च : विश्व तपेदिक दिवस (WORLD TB DAY)

> 1 –7 अप्रैल : अंधता निवारण सप्ताह (PREVENTION OF BLINDNESS WEEK)

> 7 अप्रैल : विश्व स्वास्थ्य दिवस (WORLD HEALTH DAY)

> 7 –14 अप्रैल : हथकरघा सप्ताह (HANDLOOM WEEK)

> 13 अप्रैल : जलियावाला बाग हत्याकांड दिवस/ बैसाखी (JALLIANWALA BAGH MASSACRE / BAISAKHI)

> 14 अप्रैल : डॉ भीमराव अंबेडकर जन्मदिवस (BIRTH ANNIVERSARY OF DR. AMBEDKAR)

> 14 अप्रैल : कस्टम दिवस (CUSTOMS DAY)

> 14 – 20 अप्रैल : अग्निशमन सेवा सप्ताह (FIRE SERVICE WEEK)

> 22 अप्रैल : विश्व पृथ्वी दिवस (WORLD EARTH DAY)

> 23 अप्रैल : विश्व पुस्तक दिवस (WORLD BOOK DAY)

> 1 मई : अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस / मई दिवस (INTERNATIONAL LABOUR DAY / MAY DAY)

> 3 मई- विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस (WORLD PRESS FREEDOM DAY)

> 5 मई- राष्ट्रीय मजदूर दिवस (NATIONAL LABOUR DAY)

> 8 मई- विश्व रेड क्रॉस दिवस (WORLD RED CROSS DAY)

> 11 मई- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (NATIONAL TECHNOLOGY DAY)

> 15 मई- अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस (INTERNATIONAL DAY OF THE FAMILY)

17 मई- विश्व दूरसंचार दिवस (WORLD TELECOMMUNICATIONSDAY)

> 24 मई- राष्ट्रमंडल दिवस (COMMON-WEALTH DAY)

> 31 मई- तंबाकू निषेध दिवस (NO TOBACCO DAY)

> 4 जून- आक्रमण के शिकार अबोध बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (INTERNATIONAL DAY OF INNOCENT CHILDREN VICTIMS OF AGGRESSION)

> 5 जून- विश्व पर्यावरण दिवस (WORLD ENVIRONMENT DAY)

> 26 जून- मादक दवाओं के दुरुपयोग एवं अवैध व्यापार के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस (INTERNATIONAL DAY AGAINST DRUG ABUSE & ILLICIT TRAFFICKING)

स्रोत :- भारत सरकार का
The Directorate of Advertising & Visual Publicity (DAVP)

Comments

  1. 25जन. राष्ट्रीय मतदाता दिवस 28फरवरी. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

    ReplyDelete

Post a Comment

Your comments are precious. Please give your suggestion for betterment of this blog. Thank you so much for visiting here and express feelings
आपकी टिप्पणियाँ बहुमूल्य हैं, कृपया अपने सुझाव अवश्य दें.. यहां पधारने तथा भाव प्रकट करने का बहुत बहुत आभार

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली...