देश के सभी राज्यों में राज्य ग्रामीण विकास संस्थानों (एस.आई.आर.डी.) की स्थापना की गई है। ये संस्थान पूर्ण रूप से भारत सरकार द्वारा समर्थित हैं। मुख्य संस्थान हैदराबाद में है, जिसे ‘‘राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान (एन.आई.आर.डी.)’’ के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक राज्य में विद्यमान इन संस्थानों का मूल उददेश्य पंचायती राज, ग्रामीण विकास तथा अन्य संबंधित क्षेत्रों में क्षमता विकास प्रशिक्षण आयोजित करना है। राजस्थान का एस.आई.आर.डी. राज्य के केबिनेट के आदेश के तहत 1999 में एच.सी.एम. रीपा से अधिग्रहीत कर इंदिरा गाँधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में शामिल कर दिया गया था।
इस कारण एस.आई.आर.डी. अब राजस्थान इन्दिरा गांधी पंचायती राज संस्थान (आई.जी.पी.आर.एस.) तथा ग्रामीण विकास संस्थान ( जी. वी. एस.) जयपुर का ही एक भाग है। एस.आई.आर.डी. को राजस्थान में ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज विभाग के प्रतिनिधियों तथा पदाधिकारियों के क्षमता विकास का कार्य दिया गया है। इसमें पंचायतीराज संस्थाओं तथा ग्रामीण विकास से संबंधित अधिनियमों, नियमों, कार्यों तथा प्रक्रियाओं के बारे में क्षमताओं का विकास करने के साथ-साथ पंचायती राज तथा ग्रामीण विकास संबंधी विभिन्न योजनाओं के बारे में प्रशिक्षण देना भी सम्मिलित है।
यह संस्थान प्रतिनिधियों तथा पदाधिकारियों का आधारभूत तथा रिफ्रेशर , दोनो प्रकार का प्रशिक्षण प्रदान करने में सहायता करता है ताकि उन्हें विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी नवीनतम प्रगति से अवगत कराया जा सके।
राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान (एन.आई.आर.डी.) हैदराबाद क्षमता विकास तथा प्रशिक्षण संबंधी प्रयासों के समन्वयन में भारत सरकार की नवीन योजनाओं के बारे में दिशा निर्देश प्रदान करके तथा मास्टर प्रशिक्षण कार्यकमों आदि के माध्यम से एस.आई.आर.डी. की सहायता करता है। यह एस.आई.आर.डी. के ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा पंचायती राज मंत्रालय के फलेगशिप कार्यक्रमों में ऑफ-केम्पस कोर्स भी आयोजित करता है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय आवर्ती तथा अनावर्ती अनुदान देकर एस.आई.आर.डी. द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग करता है।
पंचायत प्रशिक्षण केन्द्रों का समन्वयन-
राजस्थान में तीन पंचायत प्रशिक्षण केन्द्र हैं जो अजमेर, डूंगरपुर, तथा मण्डोर (जोधपुर) में स्थित हैं तथा इनके प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वयन एस. आई. आर. डी. राजस्थान द्वारा किया जाता है। ये केन्द्र मूल रूप से ग्राम सेवकों के क्षमता विकास हेतु प्रशिक्षण देते हैं तथा पिछले कुछ वर्षों में वे कनिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ तथा पंचायत विस्तार अधिकारियों के लिए भी प्रशिक्षण कर रहे हैं।
भारत सरकार इन केन्द्रों को आवर्ती तथा अनावर्ती मदों में वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है। केन्द्रों को आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है ताकि उन्हें भारत सरकार तथा एस.आई.आर.डी. की सहायता से प्रभावी प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु अत्याधुनिक बनाया जा सके।
जिलेवार पंचायत प्रशिक्षण केन्द्र खोलने के प्रस्ताव भी भारत सरकार के पास निर्णयाधीन हैं, जो ग्रामीण विकास विभाग तथा आई.जी.पी.आर.एस. को ग्रासरूट स्तर पर प्रभावी प्रशिक्षण प्रदान करने में सक्षम बनाएँगें।
इस कारण एस.आई.आर.डी. अब राजस्थान इन्दिरा गांधी पंचायती राज संस्थान (आई.जी.पी.आर.एस.) तथा ग्रामीण विकास संस्थान ( जी. वी. एस.) जयपुर का ही एक भाग है। एस.आई.आर.डी. को राजस्थान में ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज विभाग के प्रतिनिधियों तथा पदाधिकारियों के क्षमता विकास का कार्य दिया गया है। इसमें पंचायतीराज संस्थाओं तथा ग्रामीण विकास से संबंधित अधिनियमों, नियमों, कार्यों तथा प्रक्रियाओं के बारे में क्षमताओं का विकास करने के साथ-साथ पंचायती राज तथा ग्रामीण विकास संबंधी विभिन्न योजनाओं के बारे में प्रशिक्षण देना भी सम्मिलित है।
यह संस्थान प्रतिनिधियों तथा पदाधिकारियों का आधारभूत तथा रिफ्रेशर , दोनो प्रकार का प्रशिक्षण प्रदान करने में सहायता करता है ताकि उन्हें विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन संबंधी नवीनतम प्रगति से अवगत कराया जा सके।
राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान (एन.आई.आर.डी.) हैदराबाद क्षमता विकास तथा प्रशिक्षण संबंधी प्रयासों के समन्वयन में भारत सरकार की नवीन योजनाओं के बारे में दिशा निर्देश प्रदान करके तथा मास्टर प्रशिक्षण कार्यकमों आदि के माध्यम से एस.आई.आर.डी. की सहायता करता है। यह एस.आई.आर.डी. के ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा पंचायती राज मंत्रालय के फलेगशिप कार्यक्रमों में ऑफ-केम्पस कोर्स भी आयोजित करता है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय आवर्ती तथा अनावर्ती अनुदान देकर एस.आई.आर.डी. द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग करता है।
पंचायत प्रशिक्षण केन्द्रों का समन्वयन-
राजस्थान में तीन पंचायत प्रशिक्षण केन्द्र हैं जो अजमेर, डूंगरपुर, तथा मण्डोर (जोधपुर) में स्थित हैं तथा इनके प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वयन एस. आई. आर. डी. राजस्थान द्वारा किया जाता है। ये केन्द्र मूल रूप से ग्राम सेवकों के क्षमता विकास हेतु प्रशिक्षण देते हैं तथा पिछले कुछ वर्षों में वे कनिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ तथा पंचायत विस्तार अधिकारियों के लिए भी प्रशिक्षण कर रहे हैं।
भारत सरकार इन केन्द्रों को आवर्ती तथा अनावर्ती मदों में वित्तीय सहायता भी प्रदान करती है। केन्द्रों को आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है ताकि उन्हें भारत सरकार तथा एस.आई.आर.डी. की सहायता से प्रभावी प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु अत्याधुनिक बनाया जा सके।
जिलेवार पंचायत प्रशिक्षण केन्द्र खोलने के प्रस्ताव भी भारत सरकार के पास निर्णयाधीन हैं, जो ग्रामीण विकास विभाग तथा आई.जी.पी.आर.एस. को ग्रासरूट स्तर पर प्रभावी प्रशिक्षण प्रदान करने में सक्षम बनाएँगें।
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