आज का प्रश्न-
भील जनजाति द्वारा खेले जाने वाले गवरी लोक नृत्य नाटक एक दृश्य में एक बंजारा अपनी दो पत्नियों सहित व्यापार सामग्री के बाळद के साथ नगर की सीमा पर आता है तो उसकी भेंट दाणी नामक पात्र से होती है जो उससे नगर प्रवेश से पूर्व "दाण" चुकाने के लिए कहता है। दाण की रकम को लेकर दोनों के बीच हास्य व्यंग्य से भरपूर बातचीत होती है। इसमें घूस देने तथा बंजारे की पत्नियों द्वारा नाच गाकर दाणी को रिझाने व दाण से मुक्ति पाने की चेष्टा की जाती है।
मेवाड़ की रियासतकालीन कर व्यवस्था और कारिंदो की मानसिकता को प्रतिबिंबित करने वाले इस नाट्य में दाण का अर्थ क्या है?
भील जनजाति द्वारा खेले जाने वाले गवरी लोक नृत्य नाटक एक दृश्य में एक बंजारा अपनी दो पत्नियों सहित व्यापार सामग्री के बाळद के साथ नगर की सीमा पर आता है तो उसकी भेंट दाणी नामक पात्र से होती है जो उससे नगर प्रवेश से पूर्व "दाण" चुकाने के लिए कहता है। दाण की रकम को लेकर दोनों के बीच हास्य व्यंग्य से भरपूर बातचीत होती है। इसमें घूस देने तथा बंजारे की पत्नियों द्वारा नाच गाकर दाणी को रिझाने व दाण से मुक्ति पाने की चेष्टा की जाती है।
मेवाड़ की रियासतकालीन कर व्यवस्था और कारिंदो की मानसिकता को प्रतिबिंबित करने वाले इस नाट्य में दाण का अर्थ क्या है?
sir,
ReplyDeletejaha tak muje gyat hai gavari dance main dau mukhya patra hote hai rai aur buria jo kramsha paravati aur bhasmasur ke pratik hote hai, par aapne likha hai ki ye ek banzaara aur uski dau patnyon ko patra man kar kiya jaata hai, yaha mujhe thoda margdarshan de ki kya sahi hai....
बंधुवर/बहिन, आप अपना परिचय भी देते तो अच्छा रहता।
ReplyDeleteगवरी के मुख्य पात्र राई और बूढ़िया ही होते हैं जो शिव और पार्वती के प्रतीक है। गवरी सुबह लगभग 8 बजे से संध्या तक चलने वाली नृत्य नाटिका है। इसमें एक के बाद एक कई खेल आते हैं जैसे कान्ह गूजरी, खड़लिया भूत, हट्टिया राक्षस, कांजर, बाणिया, नट, दाणी जी, मीणा व बंजारा की लड़ाई, नाहर का खेल, बादशाह की सवारी आदि। इन खेलों में अभिनेता नाचते गाते हुए अभिनय करते हैं। इन्हीं खेलों में अत्यंत आकर्षक खेल बंजारे का होता है जिसकी दो बंजारने होती है। बंजारे द्वारा दो शादियां करने तथा उससे होने वाली परेशानियों का चित्रण भी हास्य व्यंग्य के साथ गवरी में किया जाता है। बंजारे का दाणी के साथ वार्तालाप और इसके बाद मीणाओं के साथ बंजारे की हथियारबद्ध लड़ाई भी गवरी का अत्यंत रोचक व लोकप्रिय प्रसंग होता है।
क्या बात है साथियों इस प्रश्न का उत्तर क्यों नहीं आ रहा है? यह क्विज आपकी परीक्षा के लिए नहीं है बल्कि खोज की प्रवृत्ति बढ़ाने के लिए है।
ReplyDeleteशायद "दाण" मतलब दान या रिश्वत होगा
ReplyDeleteSir,ab aap hi ans. bta do...
ReplyDeleteधन्यवाद महावीर जी और भवानी जी। दाण का अर्थ 'चुंगी कर' है और दाणी का मतलब चुंगी अधिकारी होता है। इस पोस्ट में एक शब्द 'बाळद' भी आया है, इसके माने क्या होता है?
ReplyDeletesabse plhe aap ka bhut bahut dhanyawad mujhe gavri k baare main intni jankari dene k liye jo nishchit hi mere liye labhkari hai..
ReplyDeleteSir, mera naam Piyush hai aur main Jaipur se hun (jaisa k aapne mera parichaya maanga tha). Yaha main aapka sadhuwad karna chahunga k aapne itni achchi blog banai jo hum jaise vidhyartiyon k liye bahut hi awashyak thi kyonki rajasthan k baare main intni jaankari shayad hi koi doosri website de paaye...
Sir aapn ballad ka arth poocha hai, shayad iska matlab GEET ya GATHA ya CHOTI KAVITA hota hai...
पीयूष जी, 'बाळद' का मतलब बैलों पर ढो कर ले जाने वाली सामग्री होता है तथा वह व्यक्ति जो बैलों पर सामान ढो कर ले जाता है उसे 'बाळदिया' कहते हैं।
ReplyDeletethe answer is "tax" or you can say royalty and chungi
ReplyDeletethe answer is "tax" or you can say royalty and chungi
ReplyDeleteजी हाँ अंकित जी , दाण का अर्थ चूँगी है।
ReplyDeleteHar prasan ke liye 4 option dete to jyada achcha rahta, thanks
ReplyDeleteQ. Ka ans puchhne ke bad alag se puchhe gaya que. Ka jawab aapko nayi post me dena chahiye, thanks
ReplyDeleteआपका बहुत ही धन्यवाद महेश जी। अलग पोस्ट में उत्तर देने से यहाँ चर्चा समाप्त हो जाती। खैर, वैसा भी किया जा सकता था।
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