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पंचायती राज में सुधार के लिए राजस्थान को एक करोड़ का पुरस्कार
(Rajasthan current GK.)

प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्थाओं में सुधार तथा पांच विषयों को पूर्णरूपेण पंचायती राज में हस्तांतरित करने संबंधी लिए गए ऐतिहासिक निर्णय करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान को एक करोड़ रूपए का नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 24 अप्रैल 2012 को तीसरे पंचायती राज दिवस पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय जनजाति मामलों एवं पंचायती राज मंत्री श्री वी. किशोर चंद्र देव एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश से यह पुरस्कार राजस्थान के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीय ने प्राप्त किया। इस के साथ ही सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए दौसा जिले की सैंथल ग्राम पंचायत की सरपंच विमला देवी मीणा को राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार-2012 से भी सम्मानित किया गया। पुरस्कार स्वरूप उन्हें पांच लाख रूपए नगद दिए गए, जो पंचायत के विकास में खर्च किए जाएंगे। इस सम्मेलन में प्रदेश की ओर से 8 जिला प्रमुख, 15 प्रधान और 22 सरपंच भी शामिल हुए। इसके साथ ही पंचायत सशक्तिकरण एवं प्रोत्साहन योजना (प्यास) के तहत नकद पुरस्कार पाने वाले जनप्रतिनिधियों ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान के 1992 के 73वें संशोधन, जो 24 अप्रैल 1993 को प्रभाव में आया, के अनुसार पंचायती राज को ग्राम, इसके मध्वर्ती और जिला स्तरीय पंचायतों का संस्थागत रूप दिया गया है। इसलिए यह दिन राजनैतिक शक्ति का विकेन्द्रीकरण कर उन्हें जमीनी स्तर पर पहुंचाने के ऐतिहासिक पलों में से एक माना जाता है। इसी कारण केन्द्र सरकार ने राज्यों के साथ विचार-विमर्श कर 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के रूप में मनाने का निर्णय किया तथा पंचायती राज मंत्रालय प्रतिवर्ष 24 अप्रैल को इस अवसर पर पंचायती राज पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करता है।

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