विश्व में विभीषण का एकमात्र मंदिर राजस्थान के कोटा जिले के उस स्थान में स्थित है जो कोटा डोरिया साड़ियों के हस्तकला उद्योग के लिए भी प्रसिद्ध है। जी हाँ मित्रों, कोटा से 16 किमी दूर कैथून कस्बे में विभीषण का प्रसिद्ध मंदिर एक बड़े भू-भाग में स्थित है। इसमें विभीषण की विशाल मूर्ति लगी है, जहां इसका विधिवत पूजा-पाठ होता है। यह प्राचीन मंदिर चौथी सदी के आसपास निर्मित माना जाता है। कैथून में होली के दिन से अगले 7 दिनों तक एक विशाल मेला लगता है जिसमें विभीषणजी की विशेष पूजा चलती है। इस आकर्षक सात दिवसीय मेले में लाखों लोग भाग लेते हैं तथा अधर्म व अहंकार के खिलाफ धर्म की विजय में विभीषण जी की मुख्य भूमिका की सराहना करके उनकी पूजा व स्तुति करते हैं। कैथून कस्बा अपने इस विशिष्ट होली उत्सव के लिए पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है। अन्याय के घोर विरोधी भक्तराज विभीषण की यहाँ बड़ी मान्यता है। होली के अवसर पर कैथून के इस विभीषण मंदिर में उत्सव-सा माहौल रहता है। इस अवसर पर होली के दिन शोभायात्रा निकाली जाती है जिसके पश्चात राक्षस हिरण्यकश्यप के विशाल पुतले का विधिवत दहन किया जाता है तथा इसके बाद रामभक्त विभीषण महाराज का राज्याभिषेक किया जाता है। इसी समय विभीषण की जय जयकार के बीच यह मेला चरम पर पहुंच जाता है। हर साल विभीषण के नाम पर आयोजित होने वाले मेले में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मची रहती है। इस मेले में बड़ी संख्या में लोग उमड़ते हैं। इस वर्ष यह विभीषण मेला 7 मार्च से शुरू होकर 13 मार्च 2012 तक चला था।
विश्व में विभीषण का एकमात्र मंदिर राजस्थान के कोटा जिले के उस स्थान में स्थित है जो कोटा डोरिया साड़ियों के हस्तकला उद्योग के लिए भी प्रसिद्ध है। जी हाँ मित्रों, कोटा से 16 किमी दूर कैथून कस्बे में विभीषण का प्रसिद्ध मंदिर एक बड़े भू-भाग में स्थित है। इसमें विभीषण की विशाल मूर्ति लगी है, जहां इसका विधिवत पूजा-पाठ होता है। यह प्राचीन मंदिर चौथी सदी के आसपास निर्मित माना जाता है। कैथून में होली के दिन से अगले 7 दिनों तक एक विशाल मेला लगता है जिसमें विभीषणजी की विशेष पूजा चलती है। इस आकर्षक सात दिवसीय मेले में लाखों लोग भाग लेते हैं तथा अधर्म व अहंकार के खिलाफ धर्म की विजय में विभीषण जी की मुख्य भूमिका की सराहना करके उनकी पूजा व स्तुति करते हैं। कैथून कस्बा अपने इस विशिष्ट होली उत्सव के लिए पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है। अन्याय के घोर विरोधी भक्तराज विभीषण की यहाँ बड़ी मान्यता है। होली के अवसर पर कैथून के इस विभीषण मंदिर में उत्सव-सा माहौल रहता है। इस अवसर पर होली के दिन शोभायात्रा निकाली जाती है जिसके पश्चात राक्षस हिरण्यकश्यप के विशाल पुतले का विधिवत दहन किया जाता है तथा इसके बाद रामभक्त विभीषण महाराज का राज्याभिषेक किया जाता है। इसी समय विभीषण की जय जयकार के बीच यह मेला चरम पर पहुंच जाता है। हर साल विभीषण के नाम पर आयोजित होने वाले मेले में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मची रहती है। इस मेले में बड़ी संख्या में लोग उमड़ते हैं। इस वर्ष यह विभीषण मेला 7 मार्च से शुरू होकर 13 मार्च 2012 तक चला था।
Vibhishan mandir ke bare main jankari mili gk badhta h.
ReplyDeleteधन्यवाद श्रीमान । स्नेह बनाएँ रखें।
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