1.
अजमेर में स्थित इस
किले का निर्माण 1570 में अकबर ने करवाया था।
2.
इस किले को “अकबर का दौलतखाना” या ‘मैग्जीन’ के नाम से भी जाना जाता
है।
3.
अजमेर शहर के बीच
स्थित यह पश्चिमोन्मुख किला तीन वर्ष में बन कर तैयार हुआ था।
4.
हिन्दू-मुस्लिम पद्धति
से निर्मित इस किले का निर्माण अकबर ने ख्वाजा मुइनुद्दीन हसन चिश्ती के प्रति सम्मान
प्रदर्शित करने हेतु करवाया था।
5.
मुस्लिम
दुर्ग पद्दति से बना यह
राजस्थान का एकमात्र किला माना जाता है।
6.
1576 में महाराणा प्रताप
के विरुद्ध हल्दीघाटी युद्ध की योजना को भी अन्तिम
रूप इसी किले में दिया गया था।
7.
अकबर जब भी अजमेर
आया इसी किले में ठहरा था।
8.
मुग़ल शहंशाह जहाँगीर उदयपुर के महाराणा अमर सिंह को हरा कर मेवाड़
को अधीनता में लाने के लिए 18
नवम्बर 1613 को अजमेर आया था तथा
तीन वर्ष तक इसी किले में रूका था।
9.
किले के मुख्य द्वार को “जहाँगीरी दरवाजा” भी कहते हैं। जहांगीर अपने अजमेर प्रवास के दौरान प्रतिदिन
इस दरवाजे पर स्थित झरोखे में बैठ कर जनता को दर्शन देता था तथा न्याय करता था।
10. इस दौरान ब्रिटिश सम्राट जेम्स प्रथम के राजदूत सर टॉमस रो ने इसी किले में 10 जनवरी,
1616 को जहाँगीर से मुलाकात की थी। सर टॉमस रो ने इसी झरोखे
के सम्मुख जहाँगीर को अपना परिचय पत्र प्रस्तुत किया था तथा ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए भारत में व्यापार करने की
अनुमति प्राप्त की थी।
11. 1801 में अंग्रेजों ने इस किले पर अधिकार कर इसे अपना शस्त्रागार (मैग्जीन) बना लिया, इसलिए इसे मैग्जीन किला कहते हैं।
12. किले में सुन्दर आलीशान चित्रकारी तथा जनाने कक्षों की दीवारों में पच्चीकारी का कार्य बड़ा कलापूर्ण ढंग से किया गया है।
13. वर्तमान में यहाँ राजकीय संग्रहालय स्थित है।
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ReplyDeleteआपका बहुत बहुत धन्यवाद व आभार ...
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