Skip to main content

परीक्षा मार्गदर्शन क्विज -





परीक्षा मार्गदर्शन प्रश्नोत्तरी-
1. राजस्थान का जिब्राल्टर दुर्ग किसे कहा जाता है?
(अ) लोहागढ़ को
(ब) तारागढ़ (अजयमेरु) को
(स) तिमनगढ़ को
(द) चित्तौड़गढ़ को
उत्तर- ब
2. बछबारस त्यौहार किस दिन मनाया जाता है?
(अ) चैत्र कृष्णा एकादशी को
(ब) भाद्रपद शुक्ल द्वादशी को
(स) भाद्रपद कृष्णा द्वादशी को
(द) आश्विन कृष्णा द्वादशी को
उत्तर- स
3. किस दुर्ग के बारे में अबुल फजल ने कहा था- "यह दुर्ग पहाडियों के बीच है, इसीलिए कहते हैं कि बाकि दुर्ग तो नंगे है किन्तु यह बख्तरबंद किला है?
(अ) लोहागढ़
(ब) तारागढ़ (अजयमेरु)
(स) रणथम्भौर
(द) चित्तौड़गढ़
उत्तर- स
4. बाबू महाराज का मेला कहाँ भरता है?
(अ) अलवर
(ब) धौलपुर
(स) अजमेर
(द) चित्तौड़गढ़
उत्तर- ब
5. पिंजारा क्या है?
(अ) पालकी उठाने वाली जाति
(ब) एक वाद्य यंत्र
(स) विवाह की एक रस्म
(द) रुई धुनने वाली एक जाति
उत्तर- द
6. प्रसिद्ध व्यक्तित्व अतुल कनक है?
(अ) न्यायविद
(ब) राजस्थानी साहित्यकार
(स) लोक नर्तक
(द) लोक गायक
उत्तर- ब
7. प्रसिद्ध व्यक्तित्व अल्लाहजिलाई बाई सम्बंधित है?
(अ) ब्लू पॉटरी से
(ब) राजस्थानी साहित्य से
(स) लोक नृत्य से
(द) लोक गायन से
उत्तर- द
8. राजस्थान की प्रथम विधानसभा के अध्यक्ष कौन थे?
(अ) श्री लाल सिंह शक्तावत
(ब) श्री गिरिराज प्रसाद तिवाड़ी
(स) श्री नरोत्तम लाल जोशी
(द) श्री रामनारायण चौधरी
उत्तर- स
9. धावा डोली अभयारण किसके संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है?
(अ) उड़न गिलहरी के
(ब) कृष्ण मृग के
(स) गोडावण के
(द) चिंकारा के
उत्तर- ब
10. बुड्डा जोहड़ का मेला प्रतिवर्ष किस जिले में भरता है?
(अ) अलवर में
(ब) धौलपुर में
(स) अजमेर में
(द) श्रीगंगानगर में
उत्तर- द




Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली...