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भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम के प्रमुख पड़ाव-

चित्र- इसरो से साभार




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भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम का विकास महान वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई की संकल्पना एवं दूरदृष्टि का प्रतिफल है, इसीलिए उन्हें 'भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम का जनक' कहा जाता है।


स्वप्नदर्शी अंतरिक्ष वैज्ञानिक नायक डॉ. विक्रम साराभाई ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की असीम संभावनाओं अनुभव करते हुए विचार व्यक्त किया कि शक्तिशाली अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के माध्यम से राष्ट्रीय विकास करने के साथ-साथ यह तकनीकी आम आदमी की समस्याओं को सुलझाने में अर्थपूर्ण भूमिका निभा सकती है।


देश में अंतरिक्ष गतिविधियों का श्रीगणेश 1960 दशक के प्रारंभ में हुआ, जब तिरुवनंतपुरम के निकट थुंबा पर से गुज़रने वाली चुंबकीय भूमध्यरेखा के ऊपर छोटे परिज्ञापी रॉकेटों के उपयोग से वायुमंडल और आयनमंडल के वैज्ञानिक अन्वेषण प्रारंभ किया गया।


1961 में भारत सरकार ने अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम प्रारंभ करने का निर्णय लिया तथा अन्तरिक्ष अनुसन्धान को 'परमाणु उर्जा विभाग' के अधीन प्रारंभ करने का निर्णय किया


भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (इनकोस्पार) का गठन-
भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ सन 1962 में "भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति" संक्षेप में 'इनकोस्पार' (The Indian National Committee for Space Research-INCOSPAR ) के गठन से हुआ डॉ॰ साराभाई को इस समिति का सभापति बनाया गया।


इसरो की स्थापना-
भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) की स्थापना वर्ष 1969 को हुई


देश में अंतरिक्ष कार्यकलापों के शुभारंभ के साथ भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम द्वारा निम्नांकित पर ध्यान केंद्रित किया-
1. दूरदर्शन प्रसारण
2. दूरसंचार और मौसम विज्ञानीय उपयोगों के लिए संचार उपग्रह
3. प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए सुदूर संवेदन उपग्रहों का निर्माण
4. प्रमोचन के लिए स्वावलंबी बनने और विकास क्षमता प्राप्त करना


इसरो का उद्देश्य है-
विभिन्न राष्ट्रीय कार्यों के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और उसके उपयोगों का विकास।


इसरो की दो प्रमुख अंतरिक्ष प्रणालियाँ-
1. इन्सैट प्रणाली -
संचार, दूरदर्शन प्रसारण और मौसम विज्ञानीय सेवाओं के लिए
2. भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह (आईआरएस)-
संसाधनों की मॉनीटरिंग तथा प्रबंधन करने के लिए तथा प्राकृतिक संपदा प्रबंधन के लिए।


इसरो के दो उपग्रह प्रमोचन यान प्रणालियाँ-
1. ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान (पीएसएलवी)- आईआरएस प्रकार के उपग्रहों के प्रमोचन के लिए
2. भूस्थिर उपग्रह प्रमोचन यान (जीएसएलवी)- इन्सैट प्रकार के उपग्रहों के प्रमोचन के लिए


अंतरिक्ष आयोग-
शोध कार्यों को और अधिक गति प्रदान करने के लिए वर्ष 1972 में अंतरिक्ष आयोग और अंतरिक्ष विभाग का गठन हुआ
अंतरिक्ष आयोग के कार्य-
1. नीतियों को सूत्रबद्ध करना
2. देश के सामाजिक-आर्थिक लाभ हेतु अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास और अनुप्रयोग को बढ़ावा देने के लिए भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की मोनिटरिंग।


भारत सरकार का अंतरिक्ष विभाग-
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों को अंतरिक्ष विभाग द्वारा संचालित किया जाता है। यह मुख्य रूप से निम्नांकित संस्थाओं के माध्यम से कार्य करता है-
1. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)
2. भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल)
3. राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला (एनएआरएल)
4. उत्तर-पूर्वी अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (एनई-सैक)
5. सेमी कंडक्टर प्रयोगशाला (एससीएल)


भारत के प्रथम उपग्रह आर्यभट्ट का प्रक्षेपण 19 अप्रैल 1975 को को किया गया इस प्रकार भारत कृत्रिम उपग्रह का प्रक्षेपण करने वाला विश्व का 11वाँ देश बन गया


पृथ्वी के सर्वेक्षण के लिए भारत द्वारा भास्कर-1 उपग्रह का प्रक्षेपण 1979 में किया गया


कृत्रिम उपग्रहों को निर्धारित कक्षा में स्थापित करने के लिए उपग्रह प्रक्षेपण यानों (एस.एल.वी.) का उपयोग  होता है


भारतीय उपग्रह प्रमोचक यान-
भारत ने सर्वप्रथम एस.एल.वी-3 प्रक्षेपणयान का विकास किया जिसके द्वारा वर्ष 1980 में  रोहणी (आरएस-1) उपग्रह प्रक्षेपित किया गया
वर्तमान में भारत में जी.एस.एल.वी और पी.एस.एल.वी प्रक्षेपणयानों के विभिन्न संस्करण कार्यरत है


देश के INSAT श्रेणी के प्रथम उपग्रह इनसैट-1ए का प्रक्षेपण 10 अप्रैल, 1982 को अमरीका के डेल्टा यान द्वारा किया गया।


भारतीय राष्ट्रीय उपग्रह (INSAT) के उपयोग-
INSAT एक बहुउद्देशीय तथा बहुप्रयोजनीय उपग्रह प्रणाली है जिसके मुख्य उपयोग निम्न हैं-
1. घरेलू दूरसंचार
2. मौसम की जानकारी
3. आकाशवाणी, और दूरदर्शन का प्रसारण


एन्ट्रिक्स कार्पोरेशन-
1992 में सरकार के स्वामित्व वाली व्यावसायिक कंपनी के रूप में 'एन्ट्रिक्स कार्पोरेशन' की स्थापना की गई, जिसका कार्य अंतरिक्ष उत्पाद और सेवाओं का विपणन करना है।


भारतीय क्रायोजनिक इंजन -
अतिनिम्न तापमान पर भरे गए प्रणोदक (ईंधन) का उपयोग करने वाले इंजन को क्रायोजनिक इंजन कहा जाता है
स्वदेशी तकनीक से विकसित प्रथम क्रायोजनिक इंजन का परीक्षण फरवरी 2002 में किया गया


·         सुदूर संवेदन तकनीक (Remote Sensing Technique)-
यह एक ऐसी वैज्ञानिक तकनीक है जिसके द्वारा किसी वस्तु को स्पर्श किये बिना विकिरण (विद्युत् चुम्बकीय तरंगों) द्वारा पृथ्वी की ऊपरी सतह एवं सतह के भीतर की विश्वसनीय भौगोलिक स्थिति का अध्ययन किया जाता है


मैटसेट (कल्पना-1)- 
इस उपग्रह का प्रक्षेपण पी.एस.एल.वी.सी-4 यान द्वारा मौसम के पर्यवेक्षण के लिए वर्ष 2002 में किया गया


स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्माप्रथम भारतीय है जो अप्रैल 1984 में अन्तरिक्ष में गए


रिसोर्ससेट1 
इस उपग्रह को पी.एस.एल.वी.सी- 5 अंतरिक्ष यान द्वारा सुदूर संवेदन के क्षेत्र में अनुसन्धान के लिए प्रक्षेपित किया गया।


एडुसैट उपग्रह-
देश में शैक्षिक विकास के लिए 20.09.2004 को इस उपग्रह को जी.एस.एल.वी यान से प्रक्षेपित किया गया


कार्टोसैट-I
सुदूर संवेदन द्वारा प्राप्त चित्रों से मानचित्र का निर्माण करने के उद्देश्य से इस उपग्रह को पी.एस.एल.वी-सी 6 द्वारा मई 2005 में प्रक्षेपित किया गया


चंद्रयान-1
इसे 22 अक्टूबर, 2008 को श्रीहरिकोटा स्थित एसडीएससी, शार अन्तरिक्ष केंद्र से पी.एस.एल.वी- सी11 द्वारा चन्द्रमा की कक्षा में जाने के लिए प्रक्षेपित किया गया, जिससे चन्द्रमा के तल पर भविष्य की संभावनाओं को बल मिला।
इस अंतरिक्षयान ने चंद्रमा के रासायनिक, खनिजीय और प्रकाश-भौमिकी मानचित्रण के लिए चंद्र सतह से 100 कि.मी. की ऊँचाई पर चंद्रमा की परिक्रमा की तथा महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रेषित की।
इस अंतरिक्षयान में भारत, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, स्वीडन और बल्गेरिया में निर्मित 11 वैज्ञानिक उपकरणों कार्यरत थे।
इसमें भू-भाग मानचित्रण कैमरा, हाइपर स्पेक्ट्रमी प्रतिबिंबक, लूनार लेज़र रेंजिंग उपकरण, उच्च शक्ति एक्स-किरण स्पेक्ट्रममापी, चंद्र संघट्ट प्रोब (Moon Impact Probe), निकट अवरक्त स्पेक्ट्रममापी, परमाणु परावर्तन विष्लेषित्र, लघु संश्‍लेषी द्वारक राडार, चंद्र खनिज विज्ञान मानचित्रित्र, विकिरण डोज मॉनिटर जैसे उच्चस्तरीय वैज्ञानिक उपकरण लगे हुए थे।
इस मिशन की कालावधि 2 वर्ष थी।


ओशनसैट-2
समुद्री अनुसन्धान के उद्देश्यों के साथ इस उपग्रह को सितम्बर 2009 में प्रक्षेपित किया गया


मंगलयान-
इसका औपचारिक नाम- Mars Orbiter Mission या MOM (मार्स ऑर्बिटर मिशन या मंगल कक्षित्र मिशन)है यह भारत का प्रथम मंगल अभियान है।
मंगल ग्रह की परिक्रमा करने हेतु इसे 5 नवम्बर 2013 को 2 बजकर 38 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 'ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसऍलवी) सी-25' के द्वारा सफलतापूर्वक छोड़ा गया।
यह 24 सितंबर 2014 को मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचा।
इसके पहुँचने के साथ ही भारत विश्व में अपने प्रथम प्रयास में ही मंगल अभियान में सफल होने वाला पहला देश बन गया है।
भारत का ये मंगल-यान मंगल पर भेजा गया विश्व का सबसे सस्ता मंगल अभियान है।
प्रतिष्ठित 'टाइम' पत्रिका ने भारत के मंगलयान को वर्ष 2014 के सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में सम्मिलित  किया है।


जुगनू-
इसरो के मार्गदर्शन में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (I.I.T.), कानपुर द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया यह उपग्रह मात्र 3 कि.ग्रा भारवाला एक नैनो उपग्रह है, जिसे 12.10.2011 को प्रक्षेपित किया गया
इस उपग्रह का उद्देश्य-
1. पृथ्वी का निकट अवरक्त क्षेत्र में प्रतिबिंबन करने के लिए स्वदेशी रूप से निर्मित कैमरा प्रणाली को सिद्ध करना और प्रतिबिंबन संसाधन एलोगरिथ्म की जाँच करना।
2. उपग्रह नौवहन में उपयोग करने हेतु जीपीएस अभिग्राही का मूल्यांकन
3. अन्तरिक्ष में जडत्वीय मापन यूनिट (आईएमयू) आधारित स्वदेश में विकसित एमईएमएस की जाँच करना


एसआरएमसेट-
12.10.2011 को प्रमोचित ये उपग्रह एसआरएम विश्वविद्यालय के छात्रों और संकाय सदस्यों द्वारा विकसित किया गया है।
10.9 कि.ग्रा. भारवाला 'नैनो उपग्रह एसआरएमसैट', वैश्विक ताप तथा कार्बन डाइआक्साइड तथा जलवाष्प का मानिटरन करते हुए वायुमण्डल में प्रदूषण के स्तर की समस्या पर विचार करने के लिए प्रायोगिक मिशन है।


यूथसैट-
20.04.2011  को प्रमोचित यूथसैट, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के विश्वविद्यालयों और अनुसंधान विद्यार्थियों की भागीदारी के साथ तारकीय और वायुमण्डलीय अध्ययन के लिए भारत और रूस का एक संयुक्त उपग्रह है।
सौर परिवर्तनशीलता और तापमण्डल-आयनमण्डल परिवर्तनों के बीच के संबंध का पता लगाना, यूथसैट मिशन का उद्देश्य है।


स्टुडसैट-
विद्यार्थी उपग्रह (स्टुडसैट) कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश में सात अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के समागम में विद्यार्थियों द्वारा देश में विकसित किया गया प्रथम पिको-उपग्रह है।
12.07.2010 को छोड़े गए स्टुडसैट का वजन 1 कि.ग्रा. से भी कम है।
इसका प्राथमिक लक्ष्य शैक्षिक संस्थाओं में अंतरिक्ष तकनीक में अभिवृद्धि करना, लघु उपग्रहों में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहन देना, उपग्रह तथा भू-केंद्रो के बीच संपर्क स्थापित करना, 90 मीटर के विभेदन सहित पृथ्वी की तस्वीरें लेना और नीतभार तथा टेलीमिट्री आँकड़ा को भू-केंद्र को संचारित करना है।


अनुसैट-
इसरो के समग्र मार्गनिर्देशन में तैयार व 20.04.2009 को छोड़ा गया अनुसैट (अन्ना विश्वविद्यालय उपग्रह) भारतीय विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित प्रथम उपग्रह है


आई.आर.एन.एस.एस.-1सी (भारतीय प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली-1सी)-
यह भारत का तृतीय नौवहन उपग्रह है जिसे 16.10.2014 को पी.एस.एल.वी.-सी26 द्वारा सुबह 01.32 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र, श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
आई.आर.एन.एस.एस. एक स्वतंत्र प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली है, जो भारतीय क्षेत्र और 1500 कि.मी. के भारतीय मुख्य भू-भाग में स्थिति की जानकारी प्रदान करने हेतु डिजाइन किया गया है।

चित्र- इसरो से साभार

भारतीय के अन्तरिक्ष उपग्रहों की सूची-


क्र.सं.
उपग्रह
प्रमोचन दिनांक
प्रमोचन यान
उपग्रह के प्रकार
1
आर्यभट्ट 
19.04.1975
सी-1 इंटरकॉस्मॉस
प्रायोगिक / लघु उपग्रह
2
भास्कर-I
07.06.1979
सी-1 इंटरकॉस्मॉस
भू-प्रेक्षण उपग्रह
3
रोहिणी प्रौद्योगिकी नीतभार (आरटीपी)
10.08.1979
एसएलवी-3
प्रायोगिक / लघु उपग्रह
4
रोहिणी (आरएस-1)
18.07.1980
एसएलवी-3 
प्रायोगिक / लघु उपग्रह
5
रोहिणी (आरएस-डी1)  
31.05.1981
एसएलवी-3
 भू-प्रेक्षण उपग्रह
6
एरियाने नीतभार  पैसेंजर परीक्षण(एप्पल)
19.06.1981
एरियाने-1(वी-3) 
 भू-स्थिर उपग्रह
7
भास्कर-II
20.11.1981
 सी-1 इंटरकॉस्मॉस 
 भू-स्थिर उपग्रह
8
इन्सैट-1ए 
10.04.1982
डेल्टा 3910 PAM-D
 भू-स्थिर उपग्रह
9
रोहिणी (आरएस-डी2) 
17.04.1983
एसएलवी-
भू-प्रेक्षण उपग्रह
10
इन्सैट-1बी  
30.08.1983
शटल [पीएएम-डी]
भू-स्थिर उपग्रह
11
विस्तारित रोहिणी  उपग्रह श्रृंखला (श्रोस-1)
24.03.1987
एएसएलवी
अंतरिक्ष मिशन
12
आईआरएस-1ए  
17.03.1988
वोस्तोक 
भू-प्रेक्षण उपग्रह
13
विस्तारित रोहिणी  उपग्रह श्रृंखला (श्रोस-2)
13.07.1988 
 एएसएलवी
भू-प्रेक्षण उपग्रह
14
इन्सैट-1सी   
21.07.1988
एरियाने-3
 भू-स्थिर उपग्रह
15
इन्सैट-1डी  
12.06.1990
डेल्टा 4925
 भू-स्थिर उपग्रह
16
आईआरएस-1बी 
29.08.1991 
वोस्तोक
 भू-प्रेक्षण उपग्रह
17
विस्तारित रोहिणी उपग्रह श्रृंखला (श्रोस-सी)
20.05.1992
एएसएलवी 
अंतरिक्ष मिशन
18
इन्सैट-2 ए
10.07.1992
एरियाने-44LH10
 भू-स्थिर उपग्रह
19
इन्सैट-2 बी 
23.07.1993
एरियाने-44LH10+
 भू-स्थिर उपग्रह
20
आईआरएस-1ई 
20.09.1993
पीएसएलवी-डी
भू-प्रेक्षण उपग्रह
22
विस्तारित रोहिणी उपग्रह श्रृंखला (श्रोस-सी2)
04.05.1994 
एएसएलवी 
अंतरिक्ष मिशन
23
आईआरएस-पी2 
15.10.1994
पीएसएलवी-डी
भू-प्रेक्षण उपग्रह
24
इन्सैट-2सी 
07.12.1995
एरियाने-44LH10-3 
भू-प्रेक्षण उपग्रह
25
आईआरएस-1सी
28.12.1995
मोलनिया
 भू-प्रेक्षण उपग्रह
26
आईआरएस-पी3  
21.03.1996
पीएसएलवी-डी3
 भू-प्रेक्षण उपग्रह
27
इन्सैट-2डी 
04.06.1997
एरियाने-44LH10-3 
 भू-प्रेक्षण उपग्रह
28
आईआरएस-1डी 
29.09.1997
पीएसएलवी-सी
भू-प्रेक्षण उपग्रह
29
इन्सैट-2डीटी  
Jan-98
एरियाने-44LH10 
भू-स्थिर उपग्रह
30
इन्सैट-2ई  
03.04.1999
एरियाने-42PH10-3 
भू-स्थिर उपग्रह
31
ओशनसैट (आईआरएस-पी4)
26.05.1999
 पीएसएलवी-सी
भू-प्रेक्षण उपग्रह
32
इन्सैट-3बी
22.03.2000
एरियाने-5जी
भू-प्रेक्षण उपग्रह
33
जीसैट-1   
18.04.2001
जीएसएलवी-डी1
भू-स्थिर उपग्रह
34
प्रौद्योगिकी परीक्षण उपग्रह (टीईएस)
22.10.2001
पीएसएलवी-सी
भू-प्रेक्षण उपग्रह
35
इन्सैट-3सी 
 24.01.2002
 एरियाने-42LH10-3
 भू-स्थिर उपग्रह
36
कल्पना-1 (मेटसैट) 
12.09.2002
पीएसएलवी-सी
भू-स्थिर उपग्रह
37
जीसैट-2    
08.05.2003
जीएसएलवी-डी2
भू-स्थिर उपग्रह
38
इन्सैट-3ई 
28.09.2003
 एरियाने-5जी
 भू-स्थिर उपग्रह
39
इन्सैट-3ए 
10.04.2003
एरियाने-5जी 
भू-स्थिर उपग्रह
40
रिसोर्ससैट-1  (आईआरएस-पी6)
17.10.2003 
पीएसएलवी-सी5
 भू-प्रेक्षण उपग्रह
41
एडुसैट (जीसैट-3)  
20.09.2004
जीएसएलवी-एफ़01 
भू-स्थिर उपग्रह
42
कार्टोसैट-1 
05.05.2005
 पीएसएलवी-सी
भू-प्रेक्षण उपग्रह
43
हैमसैट 
05.05.2005
पीएसएलवी-सी
प्रायोगिक / लघु उपग्रह
44
इन्सैट-4ए 
22.12.2005
एरियाने-5 जीएस 
भू-स्थिर उपग्रह
45
इन्सैट-4सी 
10.07.2006
जीएसएलवी-एफ़02
 भू-स्थिर उपग्रह
46
इन्सैट-4सीआर 
02.09.2007
जीएसएलवी-एफ़04
  भू-स्थिर उपग्रह
47
एसआरई-1 
10.01.2007
 पीएसएलवी-सी
प्रायोगिक / लघु उपग्रह
48
कार्टोसैट-2
10.01.2007
 पीएसएलवी-सी
भू-प्रेक्षण उपग्रह
49
इन्सैट-4बी 
12.03.2007
एरियाने-5 ईसीए 
भू-स्थिर उपग्रह
50
आईएमएस-1 
28.04.2008
पीएसएलवी-सी
भू-प्रेक्षण उपग्रह
51
कार्टोसैट-2ए
28.04.2008
पीएसएलवी-सी
भू-प्रेक्षण उपग्रह
52
चंद्रयान-1 
22.10.2008
पीएसएलवी-सी11
 अंतरिक्ष मिशन
53
रिसैट-2 
20.04.2009 
पीएसएलवी-सी12
 भू-प्रेक्षण उपग्रह
54
अनुसैट 
20.04.2009
पीएसएलवी-सी12 
प्रायोगिक / लघु उपग्रह/ विश्व विद्यालय/शैक्षणिक संस्था उपग्रह
55
ओशनसैट-2 
23.09.2009
पीएसएलवी-सी14 
भू-प्रेक्षण उपग्रह
56
जीसैट-4
15.04.2010
जीएसएलवी-डी
भू-स्थिर उपग्रह
57
कार्टोसैट-2बी 
12.07.2010
पीएसएलवी-सी15 
भू-प्रेक्षण उपग्रह
58
स्टुडसैट
12.07.2010
पीएसएलवी-सी15 
प्रायोगिक / लघु उपग्रह/ विश्व विद्यालय/शैक्षणिक संस्था उपग्रह
59
जीसैट-5पी 
25.12.2010
जीएसएलवी-एफ़06
भू-स्थिर उपग्रह
60
यूथसैट 
20.04.2011
पीएसएलवी-सी16 
प्रायोगिक / लघु उपग्रह
61
रिसोर्ससैट-2 
20.04.2011
पीएसएलवी-सी16
 भू-प्रेक्षण उपग्रह
62
जीसैट-8 
21.05.2011
एरियाने-5 वीए-202
भू-स्थिर उपग्रह
63
जीसैट-12 
15.07.2011
पीएसएलवी-सी17
भू-स्थिर उपग्रह
64
मेघा ट्रॉपिक्स 
12.10.2011
पीएसएलवी-सी18
भू-प्रेक्षण उपग्रह
65
एसआरएमसैट 
12.10.2011
पीएसएलवी-सी18
प्रायोगिक / लघु उपग्रह/ विश्व विद्यालय/शैक्षणिक संस्था उपग्रह
66
जुगुनू 
12.10.2011
पीएसएलवी-सी18
प्रायोगिक / लघु उपग्रह/ विश्व विद्यालय/शैक्षणिक संस्था उपग्रह
67
रिसैट-1 
26.04.2012
पीएसएलवी-सी19
भू-प्रेक्षण उपग्रह
68
जीसेट-10
29.09.2012
एरियाने-5 वीए-209
भू-स्थिर उपग्रह
69
जीसैट-7
30.08.2013
एरियाने-5 वीए-209
भू-स्थिर उपग्रह
70
सरल
25.2. 2013
पीएसएलवी-C20
भू-प्रेक्षण उपग्रह
71
आईआरएनएसएस-1
01.07.2013
पीएसएलवी-C22
नौवहन उपग्रह प्रणाली
72
आईआरएनएसएस-1बी
04.04.2014
पीएसएलवी-C24
नौवहन उपग्रह प्रणाली
73
आईआरएनएसएस-1सी
10.11.2014
पी.एस.एल.वी.-सी.26
नौवहन उपग्रह प्रणाली
74
जीसैट-16
07.12.2014
एरियाने-5 वीए-221
भू-स्थिर उपग्रह
75
आईआरएनएसएस 1डी
28.03.2015
पीएसएलवी-C27
नौवहन उपग्रह प्रणाली
76
जीसैट-6
27.08.2015
GSLV-D6
भू-स्थिर उपग्रह

एस्ट्रोसैट
28.09.2015
पीएसएलवी-C30
प्रथम समर्थित भारतीय खगोलीय मिशन
77
जीसैट-15
11.11.2015

भू-स्थिर उपग्रह
78
आईआरएनएसएस-1
20.01.2016
पीएसएलवी-C31
नौवहन उपग्रह प्रणाली
79
आईआरएनएसएस-1एफ
10.03.2016
पीएसएलवी-C32
नौवहन उपग्रह प्रणाली
80
आईआरएनएसएस-1जी
28.04.2016
पीएसएलवी-C33
नौवहन उपग्रह प्रणाली
81
कार्टोसैट-2 श्रृंखला का उपग्रह
22.6. 2016
पीएसएलवी-C34
भू-प्रेक्षण उपग्रह
82
स्वयं
22.06.2016
पीएसएलवी-C34
प्रायोगिक / लघु उपग्रह/ विश्व विद्यालय/शैक्षणिक संस्था उपग्रह
83
सत्यभामासेट
22.06.2016
पीएसएलवी-C34
प्रायोगिक / लघु उपग्रह/ विश्व विद्यालय/शैक्षणिक संस्था उपग्रह
84
इन्सैट -3DR
08.09. 2016
GSLV-F05
भू-स्थिर उपग्रह
85
प्रथम
26.09.2016
पीएसएलवी-C35
प्रायोगिक / लघु उपग्रह/ विश्व विद्यालय/शैक्षणिक संस्था उपग्रह
86
पाइसेट
26.09.2016
पीएसएलवी-C35
प्रायोगिक / लघु उपग्रह/ विश्व विद्यालय/शैक्षणिक संस्था उपग्रह
87
SCATSAT-1
26.09.2016
पीएसएलवी-C35
भू-प्रेक्षण उपग्रह
88
जीसैट-18
06.10.2016
Ariane-5 VA-231
भू-स्थिर उपग्रह
89
रिसोर्ससैट-2A
07.12.2016
पीएसएलवी-C36
भू-प्रेक्षण उपग्रह

Source- ISRO

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