भारत की स्थिति, विस्तार एवं सीमाएँ
● दक्षिण एशिया के एक बहुत बड़े भू-भाग के उत्तर-पश्चिम, उत्तर और उत्तर पूर्व में ऊँचे-ऊँचे नवीन वलित पर्वत हैं।
● इसके दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर, दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी तथा दक्षिण में हिन्द महासागर हैं।
● दक्षिण एशिया के इस भाग को भारतीय उपमहाद्वीप के नाम से भी जाना जाता है।
● इस उपमहाद्वीप में भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और भूटान देश हैं।
● संकीर्ण पाक जलसन्धि के द्वारा अलग द्वीपीय देश श्री लंका भी इसी उपमहाद्वीप का अंग है।
● भारतीय उपमहाद्वीप के तीन चौथाई क्षेत्र में भारत का विस्तार है, जिसकी सीमाएँ उपमहाद्वीप के अन्य सभी देशों को छूती हैं।
● अन्य पाँच देशों सहित भारत एक स्पष्ट भौगोलिक इकाई है। उपमहाद्वीप के सभी देश सांस्कृतिक दृष्टि से भी एक दूसरे के निकट हैं।
● प्राचीनकाल में हमारा देश 'आर्यावर्त ' के नाम से जाना जाता था। बाद में इसे भारत, हिन्दुस्तान और ' इण्डिया ' कहा जाने लगा।
● हिन्द महासागर का नाम हमारे देश के नाम पर ही रखा गया है। यही एक मात्र ऐसा महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम पर रखा गया है।
● संविधान में हमारे देश के दो ही नाम स्वीकृत हैं ‘भारत या इण्डिया’।
● भारत पूरी तरह से उत्तरी गोलार्ध में स्थित है।
● भारत की मुख्य भूमि 8o 4' और 37o 6' उत्तरी अक्षांशों तथा 68o 7' व 97o 25' पूर्वी देशान्तरों के बीच फैली है।
● कर्क रेखा (23o30' उत्तरी अक्षांश) में देश को लगभग दो बराबर भागों में बाँटती है।
● इस प्रकार भारत का अक्षांशीय 29 अंश है तथा देशान्तरीय विस्तार भी लगभग 29 अंश है। इस प्रकार भारत का अक्षांशीय और देशान्तरीय विस्तार लगभग समान है।
● भारत की धरातल पर वास्तविक दूरी उत्तर से दक्षिण तक 3214 कि.मी. तथा पूर्व से पश्चिम तक 2933 कि.मी. हैं।
● प्रश्न- अक्षांशीय और देशान्तरीय विस्तार समान होने पर भी वास्तविक दूरी में इतना बड़ा अन्तर क्यों है?
उत्तर- ऐसा इसलिए है कि विषुवत वृत्त पर दो क्रमिक देशान्तरों के बीच की दूरी घटती जाती है और ध्रुवों पर यह शून्य हो जाती है। ऐसा इसलिए है कि सभी देशान्तर रेखाएँ उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों पर एक बिन्दु में मिल जाती है। इसके विपरीत किसी भी देशान्तर रेखा पर दो क्रमिक अक्षांश वृत्तों के बीच उत्तर से दक्षिण की दूरी सदैव एक समान अर्थात 111 कि.मी. ही रहती है। निम्नलिखित सारिणी से यह बात भली भांति स्पष्ट हो जाती है।
अक्षांश
|
0
|
10
|
20
|
30
|
40
|
50
|
60
|
70
|
80
|
90
|
दूरी कि.मी.
|
111
|
109.6
|
104.6
|
96.4
|
85.4
|
71.7
|
55.8
|
38.2
|
19.4
|
0
|
● भारत की मुख्य भूमि का उत्तरी छोर जम्मू-कश्मीर राज्य में है तथा तमिलनाडु में कन्याकुमारी इसका दक्षिणी छोर है।
● देश का दक्षिणतम छोर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में है। इसे इन्दिरा पाइंट कहते हैं।
● देश का दक्षिणतम छोर इन्दिरा पाइंट (अंडमान और निकोबार ) 6o30' उत्तरी अक्षांश पर स्थित है।
● भारत का पश्चिमी सिरा गुजरात में तथा पूर्वी सिरा अरूणाचल प्रदेश में है।
प्रश्न- भारत के बड़े अक्षांशीय विस्तार का भारतवासियों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर-
● देश के उत्तरी भाग विषुवत वृत्त से काफी दूर हैं। अतः इन भागों में सूर्य की किरणें अधिक तिरछी पड़ती है। फलस्वरूप यहाँ सूर्यातप कम मिलता है। अतः दक्षिणी भागों के विपरीत ये भाग ठंडे हैं।
● भारत के अधिक अक्षांशीय विस्तार का प्रभाव दिन और रात की अवधि पर भी पड़ता है। विषुवत वृत्त के निकट स्थित भारतीय क्षेत्रों में दिन और रात की अवधि में लगभग 45 मिनट का अन्तर होता है। भारत के उत्तरी भागों में दिन और रात की अवधि में यह अन्तर क्रमशः बढ़ता ही जाता है। उत्तरी भाग में यह अंतर 5 घंटे तक का हो जाता है।
● कर्क वृत्त भारत के लगभग बीच से होकर गुजरता है।
● इस प्रकार कर्क वृत्त के दक्षिण का भाग उष्ण कटिबंध में स्थित है और कर्क वृत्त के उत्तर का शेष आधा भाग शीतोष्ण कटिबंध में आता है।
प्रश्न- सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में गुजरात के पश्चिमी भाग की अपेक्षा 2 घंटे पहले क्यों होता है, जबकि दोनों राज्यों में घड़ी एक ही समय दर्शाती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
पृथ्वी अपनी धुरी पर 24 घंटों में एक चक्कर लगाती है। पृथ्वी के पश्चिम से पूर्व की दिशा में घूमने के कारण सूर्य सबसे पहले पूर्व में उदय होता है तथा पश्चिम में बाद में उदय होता है। पृथ्वी 360o के अपने देशान्तरीय विस्तार को 15o प्रति घंटे की गति से 24 घंटों में पूरा करती है। भारत का देशान्तरीय विस्तार लगभग 29o का है। अतः भारत के पूर्वी और पश्चिमी छोरों के वास्तविक समय में लगभग दो घंटे का अन्तर रहता है। इस प्रकार जब भारत के पूर्वी छोर पर सूर्योदय होता है तब पश्चिम छोर अंधकार में डूबा होता है।
समय के अन्तर की इस गड़बड़ी को दूर करने के लिए अन्य देशों की तरह भारत ने भी एक मानक मध्याह्न रेखा का चुनाव किया है।
मानक मध्याह्न रेखा पर जो स्थानीय समय होता है, उस समय को देश का 'मानक समय' माना जाता है। भारत की मानक मध्याह्न रेखा 82o 30' पूर्वी देशान्तर है। इसका स्थानीय समय ही सारे भारत का मानक समय माना गया है। अतः सभी जगह घड़ियाँ एक ही समय बताती है।
● भारतीय मानक समय 'ग्रीनविच माध्य समय' से 5 घंटे 30 मिनट आगे है।
● मध्याह्न रेखा का चुनाव करते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि वह देश के लगभग मध्य से गुजरे तथा 7o30' से पूरी-पूरी विभाजित हो जाए। 82o 30' देशान्तर रेखा (भारत की मानक मध्याह्न रेखा) इन दोनों ही कसौटियों पर खरी उतरती है।
● भारत का उत्तरी मध्य भाग चौड़ा है, जबकि इसका दक्षिणी भाग हिन्द महासागर की ओर संकीर्ण होता गया है। इस प्रकार हिन्द महासागर भारतीय प्रायद्वीप के कारण दो भागों 'पश्चिमी भाग' एवं 'पूर्वी भाग' में विभाजित हो गया है।
● उत्तरी हिन्द महासागर का पश्चिमी भाग अरब सागर के नाम से तथा पूर्वी भाग बंगाल की खाड़ी के नाम से जाना जाता है।
● द्वीप समूहों सहित भारत की तट रेखा की कुल लंबाई 7516.6 कि.मी. है।
● पाक जल-सन्धि (पाक जल डमरूमध्य) भारत की मुख्य भूमि को श्रीलंका से पृथक करती है।
आकार-
● संसार के कुल भू-क्षेत्रफल का 2.42 प्रतिशत भाग भारत में है जबकि संसार की कुल जनसंख्या का लगभग 16 प्रतिशत भाग का भारत में निवास करता है।
● भारत का क्षेत्रफल 32.8 लाख वर्ग किलोमीटर है। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा देश है।
● विश्व के 10 सबसे बड़े देश (क्षेत्रफल के आधार पर) -
1. रूस (170.7 लाख वर्ग किमी)
2. कनाडा (99. 84 लाख वर्ग किमी)
3. स.रा.अमेरिका (98.26 लाख वर्ग किमी)
4. चीन (95.98 लाख वर्ग किमी)
5. ब्राजील (85.14 लाख वर्ग किमी)
6. आस्ट्रेलिया (76.17 लाख वर्ग किमी)
7. भारत (32.87 लाख वर्ग किमी)
8. अर्जेंटीना (27.66 लाख वर्ग किमी)
9. कजाकिस्तान (27.24 लाख वर्ग किमी)
10. अल्जीरिया (23.81 लाख वर्ग किमी)
● भारत की भू-सीमा 15200 कि.मी. लंबी है।
● पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, म्याँमार, और बांग्लादेश से हमारे देश की सीमाएँ मिलती हैं।
● भूटान पूर्वी हिमालय की गोद में बसा छोटा सा देश है। इसकी प्रतिरक्षा का दायित्व भारत पर है।
● पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगने वाली हमारी अधिकतर सीमा मानव निर्मित है। प्राकृतिक सीमा के निर्धारण के लिए यहाँ न कोई पर्वत हैं और न कोई नदी।
● यदि भारत की संपूर्ण भू-सीमा पर दृष्टि डालें तो पता चलेगा कि यह कहीं तो अत्यन्त गर्म, शुष्क और निर्जन मरुभूमि से गुजरती है, तो कहीं लहलहाते खेतों से और कहीं कल-कल करती नदियों से। यही भू सीमा एक ओर हिमाच्छादित पर्वत श्रेणियों से गुजरती है तो दूसरी ओर वनाच्छादित पर्वत शृँखलाओं से होकर जाती है।
● विविध प्रकार की भूमियों से गुजरने वाली ऐसी विस्तृत भू-सीमा की सुरक्षा का कार्य अत्यंत कठिन है। इसीलिए सीमा पर पहरेदारी करने वाले भारतीय सिपाही को अत्यन्त प्रतिकूल दशाओं का सामना करना पड़ता है। सेना का एक ही जवान कभी अत्यन्त बर्फीले प्रदेशों का प्रहरी बनता है, तो कहीं तपती दोपहरी में तपते रेत पर पहरा देता है। कभी उसी जवान की नियुक्ति उत्तर पूर्व की दलदली और कछारी भूमि पर या सघन वर्षावनों से आच्छादित भूमि पर होती है। इतनी लंबी और विविध प्रकार की कठिनाईयों से परिपूर्ण भूमि से गुजरने वाली भू-सीमा पर राष्ट्र को प्रतिदिन करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं।
● एशिया, अफ्रीका और ओशीनिया महाद्वीपों के बीच विस्तृत हिन्दमहासागर के शीर्ष पर भारत की स्थिति बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसी कारण प्रशान्त महासागर और अटलांटिक महासागरों से होकर शेष महाद्वीपों से संपर्क रखना आसान है।
● उप महाद्वीप में स्थित सभी देशों में से केवल भारत के साथ ही उपमहाद्वीप के देशों की भू-सीमाएँ मिलती हैं।
● भारत के मुख्य भूभाग के दक्षिण-पूर्व में बंगाल की खाड़ी में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर में लक्षद्वीप द्वीप समूह स्थित हैं।
● क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत संसार का सातवाँ सबसे बड़ा देश है, लेकिन जनसंख्या की दृष्टि से चीन के बाद इसका दूसरा स्थान है।
● भारत के पूर्वी छोर तथा पश्चिमी छोर के स्थानीय समयों में दो घंटे का अन्तर रहता है।
● 82o30' पूर्वी देशान्तर को भारत की मानक मध्याह्न रेखा मानकर समय के इस अन्तर को एक सीमा तक कम कर लिया गया है।
प्रश्न- भारत की लंबी तटरेखा के क्या प्रभाव हैं? अथवा हिंद महासागर में भारत की केंद्रीय स्थिति से इसे किस प्रकार लाभ प्राप्त हुआ है?
उत्तर-
हिन्द महासागर में किसी भी देश की तटीय सीमा भारत जैसी नहीं है। हिन्द महासागर पश्चिम के यूरोपीय देशों को पूर्वी एशियाई देशों से मिलाता है तथा भारत इन देशों को मिलाने वाले मार्ग के मध्य में स्थित है, अतः हिन्द महासागर भारत को केंद्रीय स्थिति प्रदान करता है। दक्षिण का पठार हिन्द महासागर में शीर्षवत् फैला हुआ है तथा एक लम्बी तट रेखा प्रदान करता है जिसके माध्यम से भारत पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरोप के देशों के साथ-साथ पूर्वी एशिया के देशों से निकटतम व्यापारिक संबंध बनाए हुए है।
प्रश्न- कन्याकुमारी और कश्मीर में दिन-रात की अवधि में अंतर क्यों है?
उत्तर-
भारत का अक्षांशीय विस्तार दक्षिणी छोर (कन्याकुमारी) के 8o 4' उत्तरी अक्षांश से लेकर उत्तर छोर (कश्मीर) के 37o 6' उत्तरी अक्षांश तक फैला है। भारत के इस अधिक अक्षांशीय विस्तार (लगभग 29 डिग्री) का प्रभाव दिन और रात की अवधि पर भी पड़ता है। विषुवत वृत्त के निकट स्थित भारतीय क्षेत्रों (अर्थात 8o 4' उत्तरी अक्षांश के आसपास के क्षेत्रों) में दिन और रात की अवधि में लगभग 45 मिनट का अन्तर होता है। लेकिन जैसे जैसे हम भारत के उत्तरी भागों में जाते हैं, दिन और रात की अवधि में यह अन्तर क्रमशः बढ़ता ही जाता है। सुदूर उत्तरी भाग (कश्मीर) में यह अंतर 5 घंटे तक का हो जाता है।
प्रश्न- उन देशों के नाम बताइए जो क्षेत्रफल में भारत से बड़े हैं?
उत्तर-
1. रूस (170.7 लाख वर्ग किमी)
2. कनाडा (99. 84 लाख वर्ग किमी)
3. स.रा.अमेरिका (98.26 लाख वर्ग किमी)
4. चीन (95.98 लाख वर्ग किमी)
5. ब्राजील (85.14 लाख वर्ग किमी)
6. आस्ट्रेलिया (76.17 लाख वर्ग किमी)
प्रश्न- भारत के किन राज्यों से कर्क रेखा गुजरती है?
उत्तर- राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा एवं मिजोरम
thanks
ReplyDeleteI am also thankful to for appreciating our efforts.
ReplyDeleteThnx
ReplyDeleteapka abhar....
Deleteआभार ............
DeleteKya baat hai aaj pura clear ho gya ty so much sir
ReplyDeleteधन्यवाद, आभार शुभम् मिश्रा जी...
DeleteKashmir aur kanyakumari me din-raat ki awdhi me antar kyu hai?
ReplyDeleteAnswer is given above..
Deletevery nice
ReplyDeleteThanks ji... (h) (h) (h)
DeleteHi
ReplyDelete