सरकार की कुसुम योजना के आवेदन की फर्जी वेबसाइटों से सावधान रहने की आम सूचना :
किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (कुसुम) योजना के तहत पंजीकरण के लिए धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइटों से सावधान रहे-
भारत सरकार ने हाल ही में किसानों के लिए सौर पंप लगाने और सौर ऊर्जा संयंत्र को ग्रिड से जोड़ने से संबंधित कुसुम योजना को लागू किया है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने 08 मार्च, 2019 को योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दी। वि़द्युत वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) और राज्य की नोडल एजेंसियों को इस योजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश शीघ्र ही जारी किये जाएंगे।
भारत सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया कि सरकार के संज्ञान में आया है कि कुछ वेबसाइटें स्वयं को कुसुम योजना के लिए पंजीकरण पोर्टल होने का झूठा दावा कर रही है। ऐसी वेबसाइटें आम लोगों को धोखा दे रही हैं और जाली पंजीकरण पोर्टल के सहारे जमा किये गये आंकड़ों का दुरूपयोग कर रही है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने विज्ञप्ति में किसानों एवं आम लोगों को सलाह देते हुए कहा है कि वे इन वेबसाइटों पर न अपनी जानकारियां साझा करें और न ही पंजीयन शुल्क जमा करें। योजना के संबंध में किसी भी जानकारी के लिए डिस्कॉम/राज्य नवीकरणीय ऊर्जा नोडल एजेंसी से सम्पर्क किया जा सकता है। किसी संदिग्ध वेबसाइट के बारे में मंत्रालय को सूचना दी जा सकती है। दिशा-निर्देश और योजना कार्यान्वयन प्रक्रिया के लिए मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट www.mnre.gov.in का उपयोग करें।
जाने क्या है कुसुम योजना-
- कुसुम या KUSUM का शब्द विस्तार "किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान" है।
- कुसुम योजना का शुभारंभ वर्ष 2019 से किया गया है।
- कुसुम योजना के अंतर्गत किसान अपने खेतों के ऊपर या मेड़ों पर सौर उर्जा संयंत्र लगाकर बिजली उत्पादन कर सकेंगे। इससे न केवल कृषि कार्य में बिजली मिलेगी अपितु कृषि में उपयोग के बाद बची अतिरिक्त बिजली को ग्रिड पर दी जाएगी, जिससे किसान को 50 पैसे प्रति यूनिट की आमदनी भी प्राप्त होगी। इस योजना के पूर्णतया लागू हो जाने पर किसानों को आय का दूसरा साधन भी उपलब्ध हो जायेगा।
- इस योजना के अंतर्गत सौर कृषि पंप सेट स्थापित करने के लिए, सभी किसानों को केंद्रीय सरकार से सब्सिडी मिलेगी। इस योजना में सौर कृषि पम्प सेट लगाने के लिए किसानों को केवल 10% की अग्रिम लागत की राशि का ही भुगतान करना होगा। शेष राशि मे से 60% राशि सरकार सब्सिडी के रूप में देगी, जबकि 30% राशि बैंक द्वारा ऋण के रूप में देय होगी। संक्षेप में ये विवरण निम्नलिखित अनुसार है-
- केंद्र सरकार - सब्सिडी के रूप में कुल लागत का 60%
- बैंक - किसानों को ऋण के रूप में कुल लागत का 30%
- किसान - कुल लागत का 10%
सरकार पहले चरण में किसानों को 17.5 लाख पंप (सौर कृषि पंप सेट) प्रदान करेगी।
2022 तक लक्षित 3 मिलियन सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की कुल लागत 1.4 लाख करोड़ होगी, जिसमें से केंद्र सरकार 48,000 करोड़ रुपये (केंद्रीय बजट 2018-19 के अनुसार) प्रदान करेगी।
2022 तक लक्षित 3 मिलियन सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की कुल लागत 1.4 लाख करोड़ होगी, जिसमें से केंद्र सरकार 48,000 करोड़ रुपये (केंद्रीय बजट 2018-19 के अनुसार) प्रदान करेगी।
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