क्या होता है सुपरनोवा-
एक तारे के अत्यंत तेज विस्फोट को सुपरनोवा कहते हैं। यह अंतरिक्ष मे होने वाला सबसे बड़ा विस्फोट होता है।
कहाँ होता है सुपरनोवा?
सुपरनोवा सामान्यतः अन्य आकाशगंगाओं में होता है, किन्तु हमारी मिल्की वे आकाश गंगा में सुपरनोवा को देखना मुश्किल होता है क्योंकि धूल के कारण हमारी दृष्टि अवरुद्ध होती है।
जोहानस केप्लर ने 1604 ई में हमारी मिल्की वे आकाशगंगा में देखे गए अंतिम सुपरनोवा को खोजा था। नासा के चंद्रा टेलिस्कोप द्वारा एक अन्य ताजा सुपरनोवा के अवशेषों को खोजा था जो लगभग 100 वर्ष पहले हमारी आकाशगंगा में विस्फोटित हुआ था।
सुपरनोवा क्यों होता है?
तारे के कोर या केंद्र में परिवर्तन होने के कारण सुपरनोवा उत्पन्न है। यह परिवर्तन दो प्रकार से हो सकता है जिनके कारण सुपरनोवा जन्म लेता है।
1. प्रथम प्रकार का सुपरनोवा "द्वि तारा या जुड़वाँ तारों" के तंत्र में घटित होता है। द्वितारा या बाइनरी स्टार्स दो तारों का समूह होता है जो एक ही केंद्र के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। इनमें से एक "कार्बन ऑक्सीजन श्वेत वामन तारा" अपने साथी तारे से पदार्थ चुराता रहता है। अन्ततः यह श्वेत वामन तारा बहुत सारा पदार्थ संग्रहित कर लेता है। इसमें संग्रहित बहुत अधिक पदार्थ ही इसके सुपरनोवा के रूप में फटने का कारण बनता है।
2. दूसरे प्रकार का सुपरनोवा किसी एकल तारे के जीवनकाल की समाप्ति पर घटित होता है। जैसे ही तारे में नाभिकीय ईंधन समाप्त हो जाता है, इसका कुछ द्रव्यमान इसकी कोर की ओर प्रवाहित होता है। आखिरकार, कोर इतना भारी हो जाता है कि यह अपने स्वयं के गुरुत्वाकर्षण बल का सामना नहीं कर सकता है। कोर ढह जाता है, जिसके परिणामस्वरूप एक सुपरनोवा का विशाल विस्फोट होता है।
"हमारा सूर्य भी एक एकल तारा है, लेकिन उसके पास सुपरनोवा बनने के लिए पर्याप्त द्रव्यमान नहीं है।"
वैज्ञानिक सुपरनोवा का अध्ययन क्यों करते हैं?
एक प्रकार के सुपरनोवा ने वैज्ञानिकों को प्रदर्शित किया है कि हम एक विस्तारित ब्रह्मांड में रहते हैं, जो लगातार बढ़ती दर से विस्तारित हो रहा है। सुपरनोवा केवल कुछ ही समय तक जलता है, लेकिन इस कम समय में भी यह वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड के बारे में बहुत सारी जानकारी प्रदान करता है।
वैज्ञानिकों ने यह भी ज्ञात किया है कि सुपरनोवा सम्पूर्ण ब्रह्मांड में तत्वों को वितरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब तारा फट जाता है, तो यह अंतरिक्ष में तत्वों और मलबे को शूट करता है। यह ज्ञात हुआ है कि पृथ्वी पर हमारे यहां पाए जाने वाले कई तत्व तारों के कोर में निर्मित हुए हैं। ये तत्व ही ब्रह्मांड में नए तारे, ग्रह और बाकी सब कुछ बनाने के लिए भ्रमण करते हैं।
नासा के वैज्ञानिक कैसे सुपरनोवा का अवलोकन करते हैं?
नासा के वैज्ञानिक सुपरनोवा को देखने और अध्ययन करने के लिए विभिन्न प्रकार के टेलीस्कोप का उपयोग करते हैं।
- कुछ टेलिस्कोपों का उपयोग विस्फोट से उत्पन्न दृश्य प्रकाश का अध्ययन करने के लिए किया जाता है।
- अन्य टेलिस्कोप विस्फोट में उत्पन्न होने वाले एक्सरे तथा गामा किरणों के डेटा को रिकॉर्ड करते हैं।
- नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप और चंद्र एक्स-रे वेधशाला दोनों ने सुपरनोवा के चित्र खिंचे हैं।
- जून 2012 में, नासा ने पहला ऑर्बिटिंग टेलीस्कोप लॉन्च किया जो विद्युत-चुंबकीय स्पेक्ट्रम के उच्च-ऊर्जा क्षेत्र में प्रकाश को केंद्रित करता है।
- नासा के NuSTAR मिशन के कई सारे कार्य हैं। यह समाप्त होते हुए तारों और ब्लैक होल का अवलोकन तथा अध्ययन करेगा। यह सुपरनोवा के अवशेषों की भी खोज करेगा। इससे वैज्ञानिकों को तारे कैसे फटते हैं और सुपरनोवा तत्वों के जो सुपरनोवा द्वारा बनाए जाने वाले तारों के बारे में अधिक जानकारी मिलने की उम्मीद है।
स्रोत- नासा की वेबसाइट
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