मेवात क्षेत्रीय विकास योजना -
योजना का परिचय -
अलवर एवं भरतपुर जिले का मेव बाहुल्य क्षेत्र जो मेवात क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, उसके विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1987-88 से मेवात क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया।
योजना के उद्देश्य -
प्रदेश का मेवात क्षेत्र जिसमें अन्य पिछडी जाति एवं अल्पसंख्यक लोग निवास करते है। राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछडा हुआ है। मेवात क्षेत्रीय विकास योजना के दिशा निर्देशों से निम्न उद्देश्यों की पूर्ति हो सकेगी-
मेवात क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढांचागत विकास।
सामुदायिक एवं अन्य आधारभूत भौतिक परिसम्पत्ति सृजन।
श्री योजना में शामिल 5 मूल आधारभूत सुविधाएं यथा ग्राम स्वच्छता एवं स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्रामीण आंतरिक सड़के, शिक्षा एवं ग्राम में रोशनी की व्यवस्था के कार्यों का प्राथमिकता से सम्पादन।
जनसंख्या के आधार पर मेवात ग्रामीण क्षेत्र का चरणबद्ध समग्र विकास।
मेवात ग्रामीण क्षेत्र की ग्राम पंचायत मुख्यालयों एवं ग्राम की जनसंख्या के आधार पर गाँवों का समग्र विकास ।
मेवात क्षेत्रीय विकास योजना एवं अन्य विकास योजनाओं में निर्मित परिसम्पत्तियों का रख-रखाव।
स्थानीय नागरिकों को रोजगार एवं जीविकोपार्जन हेतु लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना एवं आवश्यक संसाधनों का विकास।
शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पुरातत्व तथा पर्यावरण संरक्षण आदि से सम्बंधित कार्य।
कला संस्कृति एवं पर्यटन विकास।
योजना का कार्यक्षेत्र -
यह कार्यक्रम राज्य के 2 मेव बाहुल्य जिलों यथा अलवर एवं भरतपुर में क्रियान्वित किया जा रहा है। कार्यक्रम अलवर जिले की 8 मेव बाहुल्य पंचायत समितियों (लक्ष्मणगढ़, रामगढ़, तिजारा, मुण्डावर, किशनगढ़बास, कठूमर, उमरेण एवं कोटकासिम) तथा भरतपुर की 4 पंचायत समितियां (नगर, डीग, कामां एवं पहाड़ी) में क्रियान्वित किया जा रहा है।
योजना का वित्त पोषण -
योजना शत प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित है।
योजना की विशेषताएं-
यह योजना मेवात क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में क्रियान्वित की जा रही है।
योजनान्तर्गत ग्राम के समग्र विकास की संकल्पना को ध्यान में रखते हुये श्री-योजनान्तर्गत शामिल 5 घटकों से सम्बंधित गतिविधियों के कार्य प्राथमिकता से लिये जा प्रावधान है।
यथा -
1 . ग्रामीण स्वच्छता, शौचालय निर्माण व तरल एवं ठोस कचरा प्रबंधन
2. स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता
3. गाँव की आन्तरिक सड़कें मय नाली निर्माण एवं अप्रोच रोड़
4. शिक्षा, चिकित्सा की सुविधाएं
5. ग्रामीण क्षेत्र में रोशनी की व्यवस्था।
मेवात क्षेत्रीय विकास मण्डल का गठन-
योजना के सफल सञ्चालन एवं क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर मेवात क्षेत्रीय विकास मण्डल का गठन किया गया है, जिसके माध्यम से कार्यक्रम की प्रगति कीसमीक्षा एवं कार्यक्रम के तहत कराये जाने वाले कार्य जिलों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर स्वीकृत किये जाते हैं।
मेवात विकास निधि का व्यय के मानदंड -
योजनान्तर्गत विकास कार्यों के लिए उपलब्ध निधि में से 80 प्रतिशत राशि मेवात क्षेत्र के समग्र विकास हेतु आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए व्यय करना। इन्फ्रास्ट्रक्चर गैप्स का चिन्हींकरण कर समग्र ग्राम विकास योजना तैयार करना। इसी समग्र ग्राम विकास योजना की प्राथमिकता के अनुसार कार्य सम्पादित करना।
मेवात विकास निधि का उपयोग श्री योजना में शामिल 5 गतिविधि कार्यों पर ही प्राथमिकता से व्यय करना।
मेवात योजना क्षेत्र में शामिल समग्र ग्राम पंचायत मुख्यालय प्राथमिकता से विकसित किये जायेंगे। शेष गाँवों का जनसंख्या के आधार पर चरणबद्ध समग्र विकास किया जा सकेगा।
योजनान्तर्गत उपलब्ध 80 प्रतिशत निधियों की 15 प्रतिशत राशि का मेवात योजना एवं अन्य योजनाओं में निर्मित परिसम्पितियों के रख-रखाव, मरम्मत सुदृढ़ीकरण एवं जीर्णोद्धार पर व्यय की जा सकेगी।
मेवात योजनान्तर्गत उपलब्ध निधियों में से राज्य स्तर पर संरक्षित 20 प्रतिशत राशि का उपयोग वर्ष 2016-17 से मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यों पर वरीयता के आधार पर किया जा रहा हैं। वर्ष 2017-18 से उक्त 20 प्रतिशत राशि में से 19 प्रतिशत राशि का उपयोग मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के कार्यों पर किया जायेगा एवं एक प्रतिशत राशि का उपयोग प्रशासनिक मद के लिये जिले द्वाराकिया जा रहा हैं।
इस वेबपेज पर पधारने के लिए आपका हार्दिक आभार.
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