Skip to main content

Rajasthan Current Affairs 1 - 4 February 2021

 Rajasthan Current Affairs 1 - 4 February 2021

राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान स्काउट गाइड ने जीता प्रथम स्थान कोरोना महामारी के दौरान की गई सेवाओं में राज्य अव्वल

राजस्थान के लिए गर्व की बात है कि राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड ने कोरोना महामारी के दौरान प्रदान की गई उल्लेखनीय सेवाओं और समाज को प्रेरित करने में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। भारत स्काउट व गाइड के राष्ट्रीय मुख्यालय, नई दिल्ली द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान सभी राज्यों द्वारा किये गये कार्यों व सेवाओं की समीक्षा करते हुए राष्ट्र स्तरीय पुरस्कारों की घोषणा की गई। राजस्थान राज्य भारत स्काउट व गाइड को प्रदेश के स्काउट गाइड रोवर रेंजर द्वारा इस दौरान किये गये उल्लेखनीय कार्यों, सेवाओं और जन-जागृति के परिणामस्वरूप प्रथम पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। पुरस्कार स्वरूप 50,000 रूपये. नकद राशि दी जायेगी। इस अवसर पर स्टेट चीफ कमिश्नर श्री जे.सी. महान्ति ने बताया कि गत मार्च माह से प्रदेश के 20 हजार से अधिक स्काउट्स गाइड्स ने स्व प्रेरित भाव से कोरोना योद्धा के रूप में अनेक कार्य किये। 7 लाख से अधिक मास्क एवं 11 लाख से अधिक भोजन व खाद्य सामग्री के पैकेट जरूरतमंदों को वितरित किये। स्थानीय प्रशासन के साथ 17 लाख से अधिक स्थानों को सेनेटाइज किया तथा सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोने, मास्क पहनने इत्यादि के प्रति जन-जागरूकता लाने के दृष्टि से 30 हजार से अधिक रैलियां निकाली। स्काउट गाइड ने 58 लाख से अधिक राशि एकत्रित कर मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करवाई। 
 

‘‘डेजर्ट नेशनल पार्क’’ पुस्तक का प्रमुख शासन सचिव ने किया विमोचन




वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने कहा कि डेजर्ट नेशनल पार्क में पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। डेजर्ट यूनिक सिस्टम के बारे में लोगों को पहले जानकारी नहीं थी अब इस प्रणाली से आमजन को बहुत लाभ हुआ है। 

श्रीमती गुहा बुधवार को यहां राजस्थान वानिकी एवं वन जीव प्रशिक्षण संस्थान में  लेखक डॉ.गोविंद सागर भारद्वाज एवं डॉ. अशद रहमानी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘डेजर्ट नेशनल पार्क’’ के विमोचन करने के बाद समारोह को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि आजकल रणथम्भौर, सरिस्का आदि नेशनल पार्को के बारे में सभी जानते हैं परन्तु डेजर्ट नेशनल पार्क के बारे में आमजन को जानकारी कम  हैं। इस पुस्तक के माध्यम से अनेक दुर्लभ एवं आकर्षक चित्रों को देखने का अवसर मिलेगा।

पुस्तक के लेखक राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव डॉ. गोविंद सागर भारद्वाज एवं डॉ. अशद रहमानी है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक न सिर्फ थार की जैव विविधता को प्रदर्शित करती है, बल्कि रेगिस्तान में होने वाली विभिन्न पारिस्थितिकीय तथा मानवजनित प्रक्रियाओं को भी रेखांकित करती है। प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (हॉफ)  श्रीमती श्रुति शर्मा ने कहा कि पुस्तक के माध्यम से ग्रेट इंण्डियन बस्टर्ड (गोडावन) पक्षी तथा मरूस्थलीय पारिस्थितिकीय तंत्र को संरक्षित रखने की प्रेरणा जागृत होगी। 

प्रदेश में 500 नए आयुष हैल्थ वेलनेस सेंटर प्रारंभ होंगे-

आयुर्वेद मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में आयुर्वेद, होम्योपैथिक और यूनानी  चिकित्सा पद्धति की लोकप्रियता बढ़ाने और मेडिको टूरिज्म से जोड़ने के लिए जल्द ही 500 आयुष हैल्थ वेलनेस सेंटर प्रारंभ किए जाएंगे। प्रदेश की रसायनशालाओं का भी सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। डॉ. शर्मा द्वारा ऎसे कई महत्वपूर्ण निर्णय बुधवार 3 फरवरी को आयोजित राष्ट्रीय आयुष मिशन, राजस्थान आयुष सोसायटी की शासी निकाय (गर्वनिग बॉडी) की बैठक में लिए गए।


राज्य विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की पहली बैठक में हुए महत्वपूर्ण निर्णय-

  • मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल एवं रोजगार से जुड़ी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। 
  • उन्होंने कहा कि ये योजनाएं समावेशी विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। गांव-ढाणी में बैठे हर जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर इनका लाभ मिले, इसके लिए मिशन मोड में काम करते हुए योजनाओं को गति दी जाए। 
  • नरेगा, प्रधानमंत्री फसल बीमा, जल जीवन मिशन, समग्र शिक्षा अभियान तथा नेशनल हैल्थ मिशन से सम्बन्धित योजनाओं की प्रगति की हुई गहन समीक्षा। 
  • 100 दिन का रोजगार पूरा करने वाले बारां की सहरिया एवं खेरवा तथा उदयपुर की कथौड़ी जनजाति के मनरेगा श्रमिकों को 50 दिन का अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। 
 

कौशल प्रशिक्षण की तीन योजनाओं 'राजक्विक’, 'सक्षम’ एवं 'समर्थ’ योजनाओं का शुभारम्भ-

राजस्थान के युवाओं के साथ सभी वर्गों को कौशल विकास से जोड़ने के लिए राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC) की तीन योजनाओं का शुभारंभ बुधवार 3 फरवरी को कौशल, रोजगार एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री अशोक चांदना ने किया।

RSLDC में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री श्री अशोक चांदना ने कहा कि तीनों ही योजनाओं में प्रतिवर्ष 1 लाख से अधिक सभी वर्गों को रोजगार और स्वरोजगार देने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा अन्य योजनाओं के जरिए 65 हजार से अधिक को युवाओं को प्रशिक्षित कर स्वरोजगार से जोड़ेंगे। हम निगम को अगले दो-तीन साल में ऑल टाइम टॉप पर पहुंचा देंगे। 

इस मौके पर आरएसएलडीसी के अध्यक्ष डॉ. नीरज के. पवन, प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप के गावंडे, महाप्रबंधक प्रथम श्री करतार सिंह, महाप्रबंधक द्वितीय डॉ. सतीश महला आदि  उपस्थित रहे। 

ये है योजनाएं

1- समर्थ योजना - (समर्थ कौशल से आत्मनिर्भर)

योजना का उद्देश्य-

  • इस योजना में प्रदेश की महिलाओं, विशेष एवं वंचित वर्गों, पिछड़े एवं हाशिये पर मौजूद परिवारों के लोगों की क्षमताओं को बढ़ाने व रोजगार-स्वरोजगार एवं उद्यमिता आधारित कौशल को बढ़ाना है। 
  • युवाओं को आजीविका अर्जन के लिए समर्थ बनाना है।
  • आयु सीमा - 15 से 50 वर्ष तक। 

  • वित्त पोषण- यह 100 फीसदी राज्य सरकार पोषित योजना है, जिसमें निशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी। 

  • प्रशिक्षण अवधि- प्रति दिवस 2 घंटे से 8 घंटे।

  • प्रशिक्षण शुल्क एवं पंजीयन शुल्क- निशुल्क ।

2- सक्षम योजना - (सक्षम युवा, सक्षम राजस्थान) - स्वरोजगार आधारित कौशल शिक्षा महाअभियान

योजना का उद्देश्य-

इसमें प्रदेश के युवाओं व महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना स्वयं का व्यवसाय या सामूहिक स्वरोजगार के लिए तैयार किया जाएगा। 

  • आयु सीमा - 15 से 45 वर्ष। 
  • प्रशिक्षण शुल्क - इसमें भी निशुल्क प्रशिक्षण मिलेगा। 
  • पंजीयन शुल्क -   
सामान्य पुरूष श्रेणी के लिए 400 रूपये एवं  
अन्य सभी श्रेणियों महिलाएं, एससी, एसटी, ओबीसी के लिए 200 रूपये

निगम टूलकिट भी उपलब्ध कराएगा।

3- राजक्विक- (रोजगार आधारित जन कौशल विकास कार्यक्रम)

योजना का उद्देश्य-

  • इस योजना में राज्य के बेरोजगार युवाओं को बाजार-प्रासंगिक कौशल का प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर देना है। 
  • प्रशिक्षण कार्यक्रमों की संख्या- इसमें 36 आर्थिक सेक्टरों में 328 पाठयक्रमों के तहत कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की उपलब्धता होगी। 
  • आयु सीमा - 15 से 35 वर्ष। महिलाओं व विशेष योग्यजन के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष रहेगी।

कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा-2018 के चयनित 603 अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ

राज्य सरकार ने कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा-2018 के चयनित 603 अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों के हित में अतिरिक्त पदों पर नियुक्ति के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। अब इन अभ्यर्थियों को विभाग आवंटित कर जल्द ही नियुक्ति दी जाएगी। 
 
मुख्यमंत्री ने युवा आशार्थियों के हित में एक बड़ा निर्णय लेते हुए निर्देश दिए थे कि कुल विज्ञापित पदों में कमी के कारण चयन से वंचित रहे अभ्यर्थियों को भी शीघ्र नियुक्ति दी जाए। 

प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, जिन अतिरिक्त पदों पर नियुक्ति दी जानी है, वे निम्न पद हैं-
  • सामान्य वर्ग के 105,

  • अन्य पिछड़ा वर्ग के 436, 

  • अनुसूचित जनजाति के 38, 

  • अनुसूचित जाति के 12 तथा 

  • अति पिछड़ा वर्ग के 6 पद।

जन-आधार एवं पहचान पोर्टल द्वारा प्राप्त आंकड़ों के आधार पर राशन कार्डो का होगा अपडेशन

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने बताया कि -
  • प्रदेश में राशन कार्डो के अपडेशन के लिए जन-आधार एवं पहचान पोर्टल द्वारा मृत्यु के आंकड़े प्रतिमाह खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को उपलब्ध करवाये जायेंगे। 
  • जन-आधार पोर्टल के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों का मिलान कर विभाग द्वारा राशन कार्डो के अपडेशन की कार्यवाही की जायेगी। 
  • पहचान पोर्टल से जन्म, मृत्यु एवं विवाह पंजीयन के आंकड़े एपीआई के माध्यम से जन-आधार पोर्टल को नियमित रूप से दिया जा रहा है। जन-आधार एवं विभाग की तकनीकी टीम द्वारा एपीआई के माध्यम से इन्टीग्रेशन की कार्यवाही की जायेगी।
  • सूचना प्रौधोगिकी और संचार विभाग द्वारा जन-आधार एवं पहचान पोर्टल से मृत व्यक्तियों के पंजीयन के आकड़े प्रत्येक माह की 5 तारीख तक एन.आई.सी. को उपलब्ध करवायेगा। 
  • एनआईसी द्वारा 10 तारीख तक डाटा का विश्लेषण कर जिला रसद अधिकारियों को एफपीएस कोड वाइज जाँच एवं डिलिट करने के लिए भेजेगा। 
  • विभाग द्वारा जन-आधार पोर्टल से प्राप्त प्राप्त मृत व्यक्तियों के आंकड़ों की जांच करवाकर मृत कार्ड धारक एवं यूनिट को प्रत्येक माह की 30 तारीख तक हटा दिया जायेगा। 
  • प्रतिमाह अपडेशन की कार्यवाही होने से खाद्यान्न सामग्री का वितरण वास्तविक लाभार्थियों को हो सकेगा।

मारवाड़ क्षेत्रीय जनजाति विकास बोर्ड का गठन

जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री अर्जुनसिंह बामणिया ने बताया कि जोधपुर संभाग के माडा, माडा कलस्टर एवं बिखरी जनजाति क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए मारवाड़ क्षेत्रीय जनजाति विकास बोर्ड (माडा) का गठन किया गया है। 

मारवाड़ क्षेत्रीय जनजाति विकास बोर्ड का मुख्यालय - जोधपुर 

  • बोर्ड का ढांचा- 

  1. अध्यक्ष- टीएडी विभाग के प्रमुख शासन सचिव

  2. सदस्य सचिव - जोधपुर संभागीय आयुक्त

  3. 13 पदेन सदस्य - जोधपुर, पाली, बाड़मेर, जालौर, सिरोही एवं जैसलमेर जिले के जिला कलक्टर, जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं विभाग के अतिरिक्त आयुक्त (चतुर्थ)

  4. समुदाय के 6 प्रतिष्ठित लोग सदस्य - संभाग के प्रत्येक जिले से अनुसूचित जनजाति समुदाय के एक-एक प्रतिष्ठित व्यक्ति (3 साल के लिए मनोनीत)

  • बोर्ड का प्रशासनिक विभाग- जनजाति क्षेत्रीय विकास (टीएडी) विभाग।   

बोर्ड का कार्य -

जोधपुर संभाग के अनुसूचित जनजाति समुदाय के उत्थान एवं विकास के विषय में स्थाई परामर्शदात्री संस्था के रूप में कार्य करेगा। इसके लिए विशेष योजनाओं का निर्माण कर टीएडी एवं अन्य विभागों के माध्यम से क्रियान्वित करने के लिए राज्य सरकार को संस्तुति करेगा। 

  • राज्य सरकार की ओर से बोर्ड को हर साल बजट राशि उपलब्ध कराई जाएगी। 
  • सदस्य सचिव की ओर से कार्य योजना तैयार कर बोर्ड से अनुमोदन के पश्चात् टीएडी आयुक्त को प्रेषित की जाएगी। 
  • टीएडी आयुक्त कार्य योजना पर राज्य सरकार का अनुमोदन कराकर विभिन्न विभागों के सहयोग से क्रियान्वित कराने के लिए उत्तरदायी होंगे। 

नई दिल्ली में राजस्थान की महिला कोविड योद्धा ईशरत बानो सम्मानित

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय महिला आयोग के 29 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में राजस्थान की महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती ईशरत बानों को ‘‘महिला कोविड योद्धा’’ को प्रशंसा पत्र व शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया। 

एल एंड टी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस .एन सुब्रह्मण्यन राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष नियुक्त-

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने एल एंड टी लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक एस.एन. सुब्रह्मण्यन को तीन वर्ष के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया है। श्री सुब्रह्मण्यन एक प्रख्यात इंजीनियर हैं जिन्होंने कई वर्षों तक एल एंड टी के अवसरंचना विकास से जुड़े कारोबार को बढ़ाने में काफी योगदान दिया है और इसके जरिए एल एंड टी को देश की सबसे बड़ी तथा दुनिया की 14वीं सबसे बड़ी निर्माण कंपनी बनाने का काम किया है। एल एंड टी देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग कंपनियों में से एक है जो भारी इंजीनियरिंग तथा रक्षा क्षेत्र से जुड़े बड़े उत्पाद बनाने के साथ ही जहाज निर्माण का काम भी करती है।

सुब्रह्मण्यन का लंबा अनुभव काम काज की जगहों पर व्‍यावसायिक सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और कार्यस्‍थल स्थिति संहिता 2020 के अनुरुप सभी के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने में राष्ट्रीय सुरक्षा समिति का मार्गदर्शन करेगा ।

भारत में बना 24 घंटे में कंक्रीट की सबसे लंबी सड़क बिछाने का विश्व रिकॉर्ड

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक ठेकेदार पटेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने चार लेन के राजमार्ग पर 24 घंटे में 2,580 मीटर लंबी पावमेंट क्वालिटी कंक्रीट (पीक्यूसी) सड़क बिछाने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया है। ठेकेदार ने चार लेन के इस राजमार्ग पर 2,580 मीटर (करीब 10.32 लेन किलोमीटर) कंक्रीट सड़क बनाने की शुरुआत 01 फरवरी 2021 को सुबह 8 बजे की और अगले दिन सुबह 8 बजे इस लक्ष्य को पूरा कर लिया। एक्सप्रेसवे पर 18.75 मीटर चौड़ाई के साथ करीब 48,711 वर्ग मीटर एरिया में कंक्रीट की सड़क बिछाने के लिए 24 घंटे का समय लगा। इस दौरान 24 घंटे में कंक्रीट की सर्वाधिक मात्रा – 14,613 क्युबिक मीटर का रिकॉर्ड भी बना।

एनएचएआई के ठेकेदार ‘पटेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड’ के इस कारनामे को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में मान्यता दी गई है।

यह रिकॉर्ड ग्रीनफील्ड दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई 8 लेन एक्सप्रेसवे परियोजना का हिस्सा है। इस रिकॉर्ड को दुनिया की पूर्णतः ऑटोमेटिक अल्ट्रा मॉडर्न कंक्रीट बिछाने की मशीन से बनाया गया है।


 

Comments

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली...