Skip to main content

Rajasthan Current Affairs 5-11 February 2021

 जनजातीय विद्यार्थियों के कौशल प्रशिक्षण हेतु टीएडी एवं सीपेट में करार

सीपेट 90 जनजातीय विद्यार्थियों को 3 माह का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देगा



जनजातीय युवाओं को नवीनतम तकनीकी से जोड़ने एवं उनके कौशल संवर्धन हेतु जनजाति क्षेत्रीय विकास (टीएडी) विभाग एवं भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय का जयपुर स्थित सीपेट संस्थान जनजातीय विद्यार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण देने हेतु सहमत हो गये हैं । 


संयुक्त शासन सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (टीएडी), श्रीमती नेहा गिरी ने बताया कि जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं सीपेट के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत जयपुर स्थित सीपेट 90 जनजातीय विद्यार्थियों को प्लास्टिक प्रोसेसिंग और सीएनसी लेथ मशीन के तीन विभिन्न कार्यों के लिये 3 महीने का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देगा। समझौता पत्र पर टीएडी की ओर से आयुक्त श्री जितेन्द्र कुमार उपाध्याय एवं सीपेट संस्था के निदेशक डॉ. सैय्यद अमानुल्ला ने हस्ताक्षर किये । 

  • प्लास्टिक प्रोसेसिंग प्रशिक्षण के लिये जनजातीय समुदाय का राजस्थान का मूल निवासी होना, 8 वीं कक्षा उत्तीर्ण व आयु 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिये ।
  • इस प्रशिक्षण पर टीएडी विभाग द्वारा 48 लाख रूपये खर्च किये जायेगें । 

एमएसएमई टेक्नोलॉजी भिवाड़ी और टीएडी के बीच भी हुआ समझौता-

  • एमएसएमई टेक्नोलॉजी, भिवाड़ी और टीएडी के बीच एक और समझौता किया गया है जिसमें 60 विद्यार्थियों को 5 महीनों के लिए सीएनसी मशीन का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। इस पर टीएडी द्वारा 40 लाख रूपये व्यय किया जायेगा।   
  • सीएनसी प्रशिक्षण के लिये अभ्यर्थी जनजातीय समुदाय का, राजस्थान का मूल निवासी, आयु 18 से 35 वर्ष के बीच व 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है ।
  • आयुक्त टीएडी श्री जितेन्द्र कुमार उपाध्याय ने बताया कि भारत सरकार के ये दोनों ही प्रशिक्षण संस्थान उत्कृष्ट श्रेणी के हैं व इनके निदेशकों के अनुसार प्रशिक्षण के पश्चात प्रशिक्षित विद्यार्थियों को 90 प्रतिशत रोजगार मिलने की गारंटी रहती है ।

बॉयोडीजल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए समिति ने की चर्चा, कुकिंग ऑयल के लिए 30 रूपये प्रति लीटर खरीद की सिफारिश


प्रदेश में बॉयोडीजल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए बॉयोडीजल प्राधिकरण के प्रस्ताव पर राज्य स्तरीय समिति द्वारा कुकिंग ऑयल के लिए 30 रूपये प्रति लीटर की खरीद दर की सिफारिश की गई है।


राज्य स्तरीय समिति के अध्यक्ष एवं खाद्य सचिव श्री नवीन जैन गुरूवार 11 फरवरी को जयपुर में आयोजित बैठक में उपस्थित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि फूड सेफ्टी एण्ड स्टैंडर्ड ऑफ इण्डिया (FSSAI) के नियमानुसार कुकिंग ऑयल को तीन बार से ज्यादा तलने पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश राज्यों में खाद्य उद्योग से जुडे हुए होटल, रेस्टोरेन्ट के लिए कुकिंग ऑयल को बॉयोडीजल के निर्माण के लिए बने हुए नियमों पर गहनता से चर्चा की गई।


शासन सचिव ने बताया कि एक ही कुकिंग ऑयल का बार-बार इस्तेमाल करने से कुकिंग ऑयल की प्रकृति एवं गुणवत्ता बदल जाती है, जिससे कुकिंग ऑयल में टोटल पॉलर कम्पाउण्ड (टीपीसी) पैदा हो जाते है। इस तरह के ऑयल को खाने में इस्तेमाल करने से सेहत पर गंभीर दुष्परिणाम होते है। जिस कुकिंग ऑयल में टीपीसी 25 प्रतिशत से ज्यादा हो, उसका इस्तेमाल खाने में नहीं करना चाहिए।


प्रदेश भर में खोले जायेंगे जनता क्लिनिक -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने गुरूवार 11 फरवरी को विधानसभा में आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की अनुपालना में कोविड का प्रभाव कम होते ही प्रदेश भर में जनता क्लिनिक खोले जायेंगे। डॉ. शर्मा ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि 2019-20 की बजट घोषणा के बाद 5 महीने में ही 12 जनता क्लिनिक शुरू कर दिये गये थे। 

क्या है जनता क्लिनिक योजना (Janta Clinic Yojna)-

  • राज्य सरकार द्वारा नागरिकों को उनके निवास स्थान के नजदीक ही तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जनता क्लिनिक की योजना लाई गई है।
  • इसमें निःशुल्क दवा योजना के तहत दवा उपलब्ध करवाई जाती है। 
  • 2019-20 की बजट घोषणा के तहत दानदाताओं तथा समाजसेवियों द्वारा उपलब्ध करवाये गये भवनों में इनका संचालन किया जायेगा तथा सीएसआर फण्ड द्वारा ही इनके संचालन का खर्चा वहन किया जायेगा। 
  • जनता क्लिनिक (Janta Clinic) में चिकित्सक विभाग द्वारा तथा नर्सिंग स्टाफ एनएचएम द्वारा उपलब्ध कराये जायेंगे।
  • जनता क्लीनिक के ममानदण्डों के अनुसार कुल नौ पद निर्धारित किये गये है, जिनमें चिकित्सा अधिकारी का एक पद, नर्स श्रेणी द्वितीय के 2, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता का एक, फार्मासिस्ट का एक, सपोर्टिग स्टाफ के 3 तथा सफाईकर्मी का एक पद शामिल है।
  • प्रदेश भर से कुल 172 तथा जयपुर शहर से 50 जनता क्लिनिक खोलने की मांग आई है।
  • सांगानेर विधानसभा  क्षेत्र में तीन जनता क्लिनिक खोले गये है। 
  • दिसम्बर 2020 तक जयपुर जिले में 12 जनता क्लिनिक प्रारम्भ किये गये है।
  • कोविड वैश्विक महामारी के कारण अन्य जिलों में जनता क्लिनिक नहीं खोले जा सकें।


आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय का नवीन विभागीय वेब पोर्टल ई-गवर्नेंस अवार्ड के लिए चयनित


आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय के नवीन विभागीय वेब पोर्टल प्राइस स्टेटिस्टिक्स इन राजस्थान (पीएसआर) को स्टेट गवर्नमेंट एंटीटी के रूप में अठाहरवें सीएसआई ई-गवर्नेस अवार्ड के लिए चयनित किया गया है। आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव डॉ. ओम प्रकाश बैरवा ने बताया कि विभाग का नया वेब पोर्टल राज्य के 33 जिला सांख्यिकी कार्यालय और 47 कृषि उपज व फल मण्डी समितियों के आंकडों को सुगमता सरलता और शीघ्रता से प्रस्तुत करता है। मूल्य सांख्यिकी के नवीनतम समंक, जनसामान्य को इस वेब पोर्टल के माध्यम से शीघ्रता से उपलब्ध हो रहे है।
नवाचारों और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूचि रखने वाले संगठनों को कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इण्डिया हर वर्ष सीएसआई-एसआईजी अवार्ड प्रदान करती है। यह अवार्ड आगामी 12 फरवरी को लखनऊ में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया जायेगा।
 

क्या है राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS) - 2019 -

  • राज्य में स्थानीय रोजगार सृजन को बढावा देने के लिए वर्ष  2019 में राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना लागू की गई है, जिसके कारण उद्यमियों द्वारा अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जा रहा है।  
  • राज्य में उद्योगपतियों को निवेश हेतु प्रोत्साहित करने एवं रोजगार सृजन को बढावा देने हेतु राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना- 2019  दिनांक 17-12-2019 से प्रभावी है, जिसकी कार्यावधि 31 मार्च 2026 तक है।
  • इस योजना को राजस्थान की फ़लेगशिप योजनाओं में सम्मिलित किया गया है। 
  • राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना अन्तर्गत रोजगार सृजन अनुदान श्रमिकों के ईपीएफ/ईएसआई के नियोक्ता के अंशदान का न्यूनतम 50 प्रतिशत पुनर्भरण (7 वर्षाे के लिए) प्रदान किया जाता है। 
  • इस योजनान्तर्गत स्थानीय कार्मिक/मजदूर (राजस्थान में अधिवासित) को नियोजित किये जाने पर श्रमिकों के ईपीएफ/ईएसआई के नियोक्ता के अंशदान का न्यूनतम 75 प्रतिशत पुनर्भरण का प्रावधान किया गया है। 
  • स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाये जा रहे हैं, जिसमें अभी तक 4 लाख 20 हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इनमें से लगभग एक लाख 90 हजार प्रशिक्षित युवाओं को गत 2 वर्षों में रोजगार भी मिला है।

मुख्यमंत्री ने किया ‘हाड़ौती के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी’ पुस्तक का विमोचन

मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने मंगलवार 9 फरवरी को मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी की ओर से स्वतंत्रता के अमर पुरोधा श्रृंखला के तहत प्रकाशित पहली पुस्तक ‘हाड़ौती के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी’ का विमोचन किया।

राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी के निदेशक डॉ. बीएल सैनी ने बताया कि डॉ. सज्जन पोसवाल द्वारा लिखी गई इस पुस्तक में हाड़ौती के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को रेखांकित किया गया है। 

राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम को 2019-20 में कुल 23 करोड़ 36 लाख रुपये का शुद्ध लाभ-


मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को मंगलवार 09 फरवरी को मुख्यमंत्री निवास पर राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक डॉ. सुबोध अग्रवाल ने निगम की ओर से एक करोड़ 29 लाख 41 हजार रुपए की लाभांश राशि का चैक भेंट किया। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम ने वित्तीय वर्ष 2019-20 में कुल 23 करोड़ 36 लाख रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया, जो वित्तीय वर्ष 2018-19 में अर्जित शुद्ध लाभ 17 करोड़ 16 लाख रुपए की तुलना में 6.20 करोड़ रुपए अधिक है। 

प्रदेश में 50 प्रतिशत राशन की दुकानें हुई जिओ टेगिंग


प्रदेश में गार्ड सिस्टम लागू करने के लिए 25 हजार राशन की दुकानों में से मात्र 4 दिनों में 50 प्रतिशत की जिओ टेगिंग कर दी गई है। गार्ड सिस्टम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत आवंटित गेहूं के उठाव से लेकर वितरण तक गेहूं के हर दाने पर निगरानी रखी जायेगी।
 

सुगम्य भारत ऎप पर शिकायतों के निवारण हेतु नोडल अधिकारियों की नियुक्ति  


राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर प्रदेश के सार्वजनिक भवनों में सुगम्य वातावरण उपलब्ध कराने तथा सुगम्य भारत ऎप पर सार्वजनिक भवनों के संबंध में प्राप्त होने वाली शिकायतों के निस्तारण एवं मॉनीटरिंग हेतु नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है। 
 

जारी आदेशानुसार निम्नानुसार अधिकारी नोडल अधिकारी होंगे-

  • राज्य स्तर पर प्रत्येक विभाग के अतिरिक्त/प्रमुख अथवा शासन सचिव स्तर के अधिकारी, 

  • जिला स्तर पर प्रत्येक जिले के जिला कलक्टर तथा 

  • नगर निगम, नगर परिषद और नगरपालिका क्षेत्रों में आयुक्त/अधिशाषी अधिकारी। 

    उल्लेखनीय है कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय, भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर सुगम्य वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सुगम्य भारत ऎप लॉन्च किया है। 
  • ये ऎप विशेष योग्यजनों, वृद्धजनों, गर्भवती महिलाओं, बच्चों, किसी बीमारी के कारण अस्थाई निःशक्तता से प्रभावित व्यक्तियों को सार्वजनिक स्थानों पर आने वाली समस्याओं के निराकरण हेतु बनाया गया है। 
  • सुगम्य भारत ऎप पर सार्वजनिक स्थलों की फोटो लेकर प्रभावित नागरिकों द्वारा अपलोड की जा सकती है।

महात्मा गांधी नरेगा योजना का वर्ष 2020-21 का संशोधित श्रम बजट अनुमोदित

मानव कार्य दिवस 3700 लाख से बढ़ाकर 4280 लाख पर मुहर

  • केन्द्र सरकार की एम्पावर्ड कमेटी ने राज्य में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत संशोधित श्रम बजट को 3780 लाख कार्य दिवस से बढ़ाकर 4280 लाख कार्य दिवस करने पर सहमति प्रदान कर दी है । 
  • भारत सरकार की एम्पावर्ड कमेटी के साथ वीडियो कान्फे्रसिगं के पश्चात् अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग श्री रोहित कुमार सिंह ने शासन सचिव, ग्रामीण विकास एवं आयुक्त, महात्मा गांधी नरेगा श्री पी0सी0 किशन एवं अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि समस्त रिजेक्टेड टं्राजेक्शन को 15 फरवरी तक रीजनरेट करवाया जाये साथ ही इनकी नियमित मॉनिटरिगं की जाये।
  • अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्री सिंह ने निर्देश दिये कि समस्त जिलों में लोकपाल की नियुक्ति 31 मार्च तक कर ली जाये व जिला नोडल अधिकारी जिले के 2 ब्लॉक के 5-5 कार्यों का निरीक्षण फरवरी माह में कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

दुर्घटना में घायलों की जिंदगी बचाने के लिए विश्वस्तरीय उपकरणों से एसएमएस अस्पताल में प्रशिक्षण कार्यक्रम-

परिवहन विभाग के राज्य सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ ने सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में स्थापित विश्वस्तरीय अत्याधुनिक तकनीक वाली स्किल लैब में बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) प्रशिक्षण कार्यक्रम की 8 फरवरी को शुरूआत की। परिवहन आयुक्त श्री रवि जैन ने कहा कि शुरूआत में पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके बाद चिकित्सकों, प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी, सड़क सुरक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट-गाइड सहित सभी क्षेत्रों के लोगों को सड़क सुरक्षा का प्रशिक्षण मिलेगा। 

स्किल लैब सेंटर में सड़क दुर्घटना में घायलों के साथ ही हार्ट अटैक, लकवाग्रस्त, करंट लगने से पीड़ित सहित अन्य मरीजों के प्राथमिक उपचार के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस अत्याधुनिक सेंटर से प्रशिक्षण लेने के बाद यदि प्रशिक्षण लेने वाला प्रतिभागी एक व्यक्ति की भी जिंदगी बचा सके तो सेंटर की सार्थकता साबित हो जाएगी।


क्या है स्किल लैब एवं बेसिक लाइफ सपोर्ट कार्यक्रम-

  • वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में स्किल लैब की घोषणा की गई थी। 
  • इस लैब के उपकरण जय प्रकाश नारायण अपेक्स ट्रोमा सेंटर एम्स नई दिल्ली से लाए गए है। इस लैब को लगभग 4 करोड़ रुपये से बनाया गया था। 
  • अत्याधुनिक स्वचालित मॉडल के जरिए प्रशिक्षण में प्रतिभागी को घायल मरीज जैसा आभास होगा। 
  • इससे प्राथमिक उपचार प्रक्रिया सीखने में आसानी होगी। इस सेंटर में घायल को तुरंत उपचार देने और सही तरीके से एंबुलेंस में लेटाकर अस्पताल पहुंचाने के बारे में भी सिखाएंगे। 
  • समर्पित राज्य सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ की ओर से लगभग 9 करोड़ रुपये की लागत से आईसीयू में 16 बेड लगाए गए है।
  • समर्पित राज्य सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ से 25 लाख रुपये से बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 
  • प्रथम चरण में पुलिस विभाग के 40-40 प्रतिभागियों के 12 बैच को प्रशिक्षण मिलेगा। 
  • सभी संभागों में स्थापित करेंगे बेसिक लाइफ सपोर्ट बीएलएस सेंटर 
  • सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ फंड से अभी जयपुर में बेसिक लाइफ सपोर्ट कार्यक्रम की शुरूआत हुई है। आगे शेष 6 संभागों में भी ऎसे सेंटर स्थापित कर कार्यक्रम संचालित करेंगे।

राज्य की एंबुलेंस सेवा में अपनाएंगे तमिलनाडु मॉडल

  • परिवहन आयुक्त श्री रवि जैन ने कहा कि राजस्थान सरकार तमिलनाडु राज्य के सड़क सुरक्षा मॉडल को अपनाने जा रही है। 
  • इसमें राज्य की 108 एंबुलेंस सेवा, नेशनल हाईवे की एंबुलेंस और निजी एंबुलेंस का एकीकरण किया जा रहा है। 
  • इससे आमजन जब 108 टोल फ्री नंबर पर कॉल करने पर जीपीएस सिस्टम के जरिए सबसे नजदीक खड़ी एंबुलेंस को मरीज की सहायता के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। 
  • इसके लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है, जिससे कि एंबुलेंस समय पर पहुंचेगी और पीड़ित को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध होगी।

‘‘राजस्थान गौरव’’ सम्मान से 38 विभूतियां अलंकृत

‘‘संस्कृति युवा संस्था’’ की ओर से 8 फरवरी को एक भव्य समारोह में उनियारा में प्रदेश की लब्ध प्रतिष्ठित प्रतिभाओं को ‘‘राजस्थान गौरव‘‘ के अलंकरण से विभूषित किया गया।
कार्यक्रम में ऑन लाइन मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल माननीय श्री कलराज मिश्र थे, जबकि समारोह की अध्यक्षता उर्जा मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला ने की।

राजस्थान गौरव सम्मान समारोह समिति द्वारा इस अवसर पर राजस्थान गौरव से निम्नांकित प्रतिभाओं को स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र, दुपटटा देकर सम्मानित किया गया-
 

  1. कृषि के क्षेत्र में पद्मश्री श्याम सुंदर पालीवाल, 
  2. अजमेर की संभागीय आयुक्त- डा. वीना प्रधान, 
  3. बीकानेर में पुलिस अधीक्षक- श्रीमती प्रीति चन्द्रा, 
  4. कोटा ग्रामीण में पुलिस अधीक्षक- शरद चौधरी, 
  5. अयोध्या में मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की 821 फुट उँची विषाल प्रतिमा के लिये भव्य माॅडल का प्रस्ताव स्वीकार करने वाले- नरेश कुमावत, 
  6. महात्मा गांधी नरेगा में कमिश्नर, आईएएस-पी सी किसन, 
  7. आज तक न्यूज़ के संपादक- शरत कुमार, 
  8. एबीपी न्यूज़ के राज्य प्रभारी- मनीष शर्मा, 
  9. पीएचडी विभाग में चीफ इंजीनियर-चन्द्र मोहन चौहान, 
  10. जयपुर महानगर में सीजे- सुश्री स्वाती भगवती, 
  11. मंगलम ग्रुप के डायरेक्टर- राम बाबू गुप्ता, 
  12. इवेंट मैनेजमेंट- समीर बबेल, 
  13. एस.एम.एस. हाॅस्पिटल के सीनियर प्रोफेसर- डाॅ. संदीप जैन, 
  14. एस.एम.एस हाॅस्पिटल के अति. अधीक्षक- डाॅ. अजीत सिंह, 
  15. महर्शि अरविन्द यूनिवर्सिटी के चैयरमेन- डाॅ. संजय पाराशर, 
  16. पुलिस सब इंस्पेक्टर- श्रीमती रूक्मणी गुर्जर, 
  17. आयुर्वेद विश्वविद्यालय जोधपुर में विभागाध्यक्ष- डाॅ. राजेश कुमार शर्मा, 
  18. सामाजिक न्याय विभाग के अति. निदेशक- डाॅ. एस.एल. पहाडिया, 
  19. आरयूएच व जयपुरिया हाॅस्पिटल के असिस्टेंड प्रोफेसर- डाॅ. गोविंद शरण शर्मा, 
  20. जयपुर डेंटल काॅलेज के प्रोफेसर- डाॅ. दीपेश अग्रवाल, 
  21. जी-न्यूज के विशेष संवाददाता- सुशांत पारीक, 
  22. फर्स्ट इंडिया के विशेष संवाददाता- ऐश्वर्या प्रधान, 
  23. राजस्थान पत्रिका के डिप्टी न्यूज एडिटर- भवनेश गुप्ता, 
  24. दैनिक भास्कर के विशेष संवाददाता- विनोद मित्तल, 
  25. न्यूज 18 राजस्थान के एडिटर इनपुट- अमित भट्ट, 
  26. 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर फ्लाई पास्ट करने वाली देश की पहली महिला- फ्लाईट लेफ्टिनेट स्वाती राठौड, 
  27. इवेंट मैनेजमेंट, मुम्बई- अजय पंचौली, 
  28. सामाजिक सेवा-संदीप गुप्ता, 
  29. सहायक मंडल वित्त प्रबंधक-मनोज कुमार शर्मा, 
  30. इनाया फाउण्डेशन की सचिव- श्रीमती नीतिशा शर्मा, 
  31. हरिश्री स्टोंस की मैनेजिग डायरेक्टर- श्रीमती हर्शिता शर्मा, 
  32. होम्योपैथिक चिकित्सक- डा. एस.पी. कंसल, 
  33. सारंगी वादक- अल्लारखा कलावंत, 
  34. सुविशाल शर्मा , 
  35. प्रगतिशील किसान वैज्ञानिक- सुरेंद्र अवाना, 
  36. विश्व की सबसे लंबी पगडी बांधने वाले- पवन व्यास, 
  37. बोर्डर सिक्योरिटी सर्विस के डायरेक्टर- राजीव शर्मा।

जल जीवन मिशन में 2 हजार 770 गांवों में 9 लाख 76 हजार घरों में नल से जल कनैक्शन की मंजूरी

  • जलदाय विभाग की जल जीवन मिशन अन्तर्गत राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठक  में प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत 2 हजार 770 गांवों में 9 लाख 76 हजार घरों तक नल से जल कनैक्शन देने को मंजूरी प्रदान की गई, इसमें सिंगल एवं मल्टी विलेज योजनाएं शामिल है। 

  • इसके अलावा ईसरदा प्रोजेक्ट (लागत 4058 करोड़ रुपये), अलसीसर प्रोजेक्ट (लागत 138 करोड़ रुपये), बीसलपुर-दूदू प्रोजेक्ट (लागत 195 करोड़ रुपये) और 202 करोड़ रुपये की राशि से 1240 सोलर डी-फलोरिडेशन यूनिट लगाने के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी करने के प्रस्तावों का भी बैठक में अनुमोदन किया गया। 

  • मिशन के तहत जोधपुर जिले में क्षेत्रीय जल प्रदाय योजना पंचाला-घेवरा-चिराई के 107 गांवों एवं 886 ढाणियों में घर-घर नल से जल कनैक्शन देने की योजना को स्वीकृति प्रदान की गई, इसके तहत करीब 25 हजार घरों में नल कनैक्शन दिए जाएंगे। 

  • इसके अलावा चितौड़गढ़ जिले में भैंसरोडगढ़ के 38 गांवों, राजसमंद जिले में बाघेरी का नाका की क्षेत्रीय जल प्रदाय योजनाओं, हिंडौली-नैनवा योजना तथा बाड़मेर में चौहटन-प्रथम एवं चौहटन-द्वितीय की योजनाओं को भी मंजूरी दी गई। 

  • साथ ही झुंझुनू जिले में सूरजपुरा-उदयपुरवाटी प्रोजेक्ट के तहत 3.5 लाख तथा चूरू, बीकानेर, झुंझुनू एवं सीकर के 26 गांवों में 10 हजार 470 घरों तक नल से जल कनैक्शन देने की योजना को भी स्वीकृति प्रदान की गई।

Comments

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली...