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Indian Naval Landing Craft Utility L58 Commissioned at Port Blair | भारतीय नौसेना लैंडिंग क्राफ्ट युटिलिटी एल-58 की हुई कमीशनिंग

भारतीय नौसेना लैंडिंग क्राफ्ट युटिलिटी एल-58 की हुई कमीशनिंग 

Indian Naval Landing Craft Utility L58 Commissioned at Port Blair
भारतीय नौसेना लैंडिंग क्राफ्ट युटिलिटी एल-58 की हुई कमीशनिंग

  • लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी (LCU) मार्क चतुर्थ श्रेणी के आठवें और अंतिम जहाज ''इंडियन नेवल लैंडिंग क्राफ्ट युटिलिटी (एलसीयू) एल-58'' को दिनांक 18 मार्च, 2021 को पोर्ट ब्लेयर, अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह में भारतीय नौसेना में कमीशन प्रदान किया गया।
  • इस जहाज में पांच अधिकारियों और 50 नाविकों की एक उत्साहित टीम तैनात है।
  • एलसीयू 58 एक उभयचर जहाज है जो अपने चालक दल के अलावा 160 सैनिकों को ले जा सकता है। 
  • 900 टन की भारवहन क्षमता के साथ यह जहाज विभिन्न प्रकार के लड़ाकू वाहनों जैसे मुख्य युद्धक टैंक (Main Battle Tanks - MBTs), बीएमएसपी, बख्तरबंद वाहन और ट्रक आदि ले जाने में सक्षम है । 
  • जहाज की लंबाई 63 मीटर है और इसमें दो MTA 4000 सीरीज इंजन लगे हैं जो जहाज को 15 नॉट (28 किमी प्रति घंटे) तक की गति से पहुंचाने में सक्षम हैं। 
  • इस जहाज में दुश्मन के रडार ट्रांसमिशन को भेदने में सक्षम अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेज़र लगा है  
  • साथ ही अत्याधुनिक एकीकृत ब्रिज प्रणाली (Integrated Bridge System - IBS) और एक परिष्कृत एकीकृत प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम (Integrated Platform Management System - IPMS) लगा है जो कि क्रमशः जहाज के नौवहन व मशीनरी उपकरणों की एकल स्टेशन निगरानी की सुविधा प्रदान करता है। 
  • जहाज के मुख्य आयुध में दो स्वदेश निर्मित 30 मिमी सीआरएन 91 गन शामिल हैं जो एक स्थिर ऑप्ट्रॉनिक पेडस्टल (एसओपी) द्वारा नियंत्रित की जाती हैं- जो कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा निर्मित एक इलेक्ट्रॉनिक डे-नाइट डायरेक्टर साइट है । 
  • इसके अतिरिक्त जहाज में हवा, सतह और उप-पारंपरिक खतरों को बेअसर करने के लिए छह मशीनगन पोस्ट भी लगे हैं।
  • एलसीयू 58 पोर्ट ब्लेयर पर रखा जाएगा तथा इसे अंडमान और निकोबार समूह, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर में समुद्र तट, खोज और बचाव, आपदा राहत, तटीय गश्ती और निगरानी अभियानों जैसी विभिन्न भूमिकाओं में तैनात किया जाएगा।
  • यह अंडमान निकोबार कमान के आदर्श वाक्य 'विक्ट्री थ्रो जॉइंटनेस/ संयुक्तता के माध्यम से जीत' को आगे बढ़ाते हुए भारतीय नौसेना की गतिशीलता, पहुंच और लचीलेपन को बढ़ाएगा।
  • इस कार्यक्रम के लिए कमांडर-इन-चीफ, अंडमान एंड निकोबार कमांड (CINCAN) लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे मुख्य अतिथि तथा गार्डन रीच शिप बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) के निदेशक सेवानिवृत नौसेना अधिकारी रीयर एडमिरल विपिन कुमार सक्सेना उपस्थित थे।
  • कमांडर कृष्ण के. यादव ने जहाज के पहले कमांडिंग ऑफिसर के रूप में कमीशनिंग वारंट पढ़ा।
  • Garden Reach Shipbuilders & Engineers Ltd (GRSE), कोलकाता द्वारा स्वदेश में डिजाइन और निर्मित जहाज की कमीशनिंग ने युद्धपोत डिजाइन और निर्माण के क्षेत्र में देश के 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान की उपलब्धि में एक और अध्याय जोड़ दिया है।

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