Skip to main content

National Sports Awards 2022 in Hindi राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2022

National Sports Awards 2022 in Hindi 

राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2022 में 25 एथलीटों को अर्जुन पुरस्कार


राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2022 National Sports Awards 2022 के प्रमुख बिंदुः 

  • इस वर्ष प्रतिष्ठित मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाले अकेले खिलाड़ी - टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल
    Sharat Kamal

    मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाले अकेले खिलाड़ी - टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल


  • ओलम्पिक खेलों, पैरालिम्पिक खेलों और डेफलिम्पिक्स खेलों में हिस्सा लेने वाले 25 एथलीटों को अर्जुन पुरस्कार

  • इस वर्ष, National Sports Awards 2022 पहली बार केवल ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे और खिलाड़ियों/कोचों/संस्थाओं को एक समर्पित पोर्टल के माध्यम से स्व-आवेदन करने की अनुमति दी गई थी। इस वर्ष इन पुरस्कारों के लिए बड़ी संख्या में नामांकन प्राप्त हुए थे, जिन पर उच्‍चतम न्‍यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने विचार किया। इसमें प्रतिष्ठित खिलाड़ी, खेल पत्रकारिता और खेल प्रशासन में अनुभव रखने वाले सदस्य शामिल थे।

  • राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने एक समारोह में National Sports Awards 2022 राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2022 (मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार-2022, द्रोणाचार्य पुरस्कार-2022, अर्जुन पुरस्कार-2022, मौलाना अबुल कलाम आजाद ट्रॉफी-2022 और तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक कार्य पुरस्कार-2022) निम्नलिखित खिलाड़ियों, कोचों और संस्थाओं को प्रदान किये।

  • खेलों में उत्कृष्टता को पहचानने और पुरस्कृत करने के लिए हर साल राष्ट्रीय खेल पुरस्कार दिए जाते हैं।

  • 'मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार' पिछले चार वर्षों की अवधि में किसी खिलाड़ी द्वारा खेल के क्षेत्र में शानदार और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।

  • पिछले चार वर्षों की अवधि में 'खेल-कूद और गेम्‍स में उत्कृष्ट प्रदर्शन और नेतृत्व, खेल भावना और अनुशासन जैसी खूबियां दिखाने के लिए अर्जुन पुरस्कार' दिया जाता है।

  • द्रोणाचार्य पुरस्कार खेल-कूद और गेम्‍स में लगातार उत्कृष्ट और सराहनीय कार्य करने वाले और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए सक्षम बनाने वाले कोचोंको दिया जाता है।

  • 'ध्यानचंद पुरस्कार फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट इन स्पोर्ट्स एंड गेम्स' उन खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है जिन्होंने अपने प्रदर्शन से खेलों में योगदान दिया है और जो अपनी सेवानिवृत्ति के बाद खेल आयोजनों को बढ़ावा देने में योगदान जारी रखते हैं।

  • 'राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार' कॉर्पोरेट संस्थाओं (निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में), खेल नियंत्रण बोर्डों, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खेल निकायों सहित गैर सरकारी संगठनों को दिया जाता है, जिन्होंने खेल को बढ़ावा देने और उनके विकास में प्रत्‍यक्ष भूमिका निभाई है।

  • इंटर-यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में समग्र शीर्ष प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालय को मौलाना अबुल कलाम आज़ाद (एमएकेए) ट्रॉफी दी जाती है।

       
  i. मेजर ध्‍यान चंद खेल रत्‍न पुरस्‍कार 2022
  क्रम संख्‍या खिलाड़ी का नाम खेल
  1 श्री शरत कमल अचंता टेबल टेनिस
  ii. खेल-कूद और गेम्‍स में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए वर्ष 2022 के अर्जुन पुरस्‍कार
  क्रम संख्‍या खिलाड़ी का नाम खेल
  1 सुश्री सीमा पुनिया एथलेटिक्‍स
  2 श्री एल्‍धोस पॉल एथलेटिक्‍स
  3 श्री अविनाश मुकुंद सबले एथलेटिक्‍स
  4 श्री ल्‍क्ष्‍य सेन बैडमिंटन
  5 श्री प्रणय एचएस बैडमिंटन
  6 श्री अमित बॉक्‍सिंग 
  7 सुश्री निखत जरीन बॉक्‍सिंग
  8 सुश्री भक्‍ति प्रदीप कुलकर्णी शतरंज
  9 श्री आर प्रज्ञानानंद शतरंज
  10 सुश्री दीप ग्रेस एक्का हॉकी
  11 सुश्री सुशीला देवी जूडो
  12 सुश्री साक्षी कुमारी कबड्डी
  13 सुश्री नयन मोनी सैकिया लॉन बॉल
  14 श्री सागर कैलास ओवलकर मल्‍लखंभ
  15 सुश्री एलावेनिल वलारिवान निशानेबाजी
  16 ओमप्रकाश मिथरवाल निशानेबाजी
  17 सुश्री श्रीजा अकुला टेबल टेनिस
  18 श्री विकास ठाकुर भारोत्‍तोलन
  19 सुश्री अंशु कुश्‍ती
  20 सुश्री सरिता कुश्‍ती
  21 श्री परवीन वूशु
  22 सुश्री मानसी गिरीशचंद्र जोशी पैरा बैडमिंटन
  23 श्री तरुण ढिल्लों पैरा बैडमिंटन
  24 श्री स्वप्निल संजय पाटिल पैरा बैडमिंटन
  25 सुश्री जेरलिन अनिका जे डैफ बैडमिंटन
  (iii) खेल-कूद और गेम्‍स में उत्कृष्ट कोच के लिए वर्ष 2022 के द्रोणाचार्य पुरस्कार
  . नियमित श्रेणी:
  क्रम संख्‍या कोच का नाम खेल
  1 श्री जीवनजोत सिंह तेजा तीरंदाजी
  2 श्री मोहम्मद अली क़मर बॉक्‍सिंग
  3 सुश्री सूमा सिद्धार्थ शिरूर पैरा निशानेबाजी
  4 श्री सुजीत मान कुश्‍ती 
  . लाइफटाइम श्रेणी:
  क्रम संख्‍या कोच का नाम खेल
  1 श्री दिनेश जवाहर लाड क्रिकेट
  2 श्री बिमल प्रफुल्ल घोष फुटबॉल
  3 श्री राज सिंह कुश्ती
  (iv) खेल-कूद और गेम्‍स में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए 2022 के ध्यानचंद पुरस्कार
  क्रम संख्‍या खिलाड़ी का नाम खेल
  1 सुश्री अश्विनी अकुंजी सी. एथलेटिक्स
  2 श्री धर्मवीर सिंह हॉकी
  3 श्री बी.सी सुरेश कबड्डी
  4 श्री नीर बहादुर गुरुंग पैरा एथलेटिक्स
  (v) राष्‍ट्रीय खेल प्रोत्‍साहन पुरस्‍कार 2022
  क्रम संख्‍या श्रेणी राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार के लिए संस्तुत संस्था, 2022
  1 नवोदित और युवा प्रतिभा की पहचान और प्रशिक्षण ट्रांसस्टेडिया एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड
  2 कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से खेलों को प्रोत्साहन कलिंग औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान
  3 विकास के लिए खेल लद्दाख स्की एंड स्नोबोर्ड एसोसिएशन

(vi) मौलाना अबुल कलाम आजाद (एमएकेए)ट्रॉफी 2022:
गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर

Comments

Popular posts from this blog

Baba Mohan Ram Mandir and Kali Kholi Dham Holi Mela

Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन...

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋत...

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली...