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विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हो सकती है मेवाड़ की गवरी

विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हो सकती है मेवाड़ की गवरी- उदयपुर की गवरी का लोकनृत्य नाट्य विधा आज विश्व प्रसिद्ध हो गयी है। भील आदिवासियों की इस लोकनृत्य नाट्य परंपरा पर कई देशी-विदेशी अध्येता शोध भी कर चुके हैं तथा आजकल यह कला और इसकी  कथाओं का मंचन न केवल देशी लोगों में इसके प्रति नया आकर्षण पैदा कर रही है अपितु विदेशी सैलानियों में भी इसके प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। ये विदेशी सैलानी न केवल इसके बारें में जान-समझ रहे है बल्कि आदिवासियों के साथ नाच का आनंद भी उठा रहे हैं। ऐसे समय में अगर राज्य सरकार योजनाबद्ध ढंग से इसे प्रोत्साहन करें तो यह लोककला मेवाड़ क्षेत्र में विदेशी सैलानियों के पर्यटन को बढ़ावा देने में अत्यंत प्रभावी सिद्ध हो सकती है। वैसे तो बरसात का मौसम मेवाड़ के अरावली की हरियाली में अभिवृद्धि कर देता है और झीले जलपूरित हो जाती है तथा नदी नालों में उफान ले आता है, जिस कारण बहुसंख्या में पर्यटक उदयपुर की ओर रुख करते हैं। ऐसे में पर्यटकों को ध्यान रखते हुए मेवाड़ के विभिन्न अंचलों में भादवा माह में आयोजित वाली गवरी का मंचन विधिवत रूप से योजनाबद्ध तरीके से कराय...

गवरी - राजस्थान का एक लोक नृत्यानुष्ठान -- Gavri - a Folk Dance Ritual of Rajasthan

मेरु नाट्यम है गवरी- राजस्थान की समृद्ध लोक परम्परा में कई लोक नृत्य एवं लोक नाट्य प्रचलित है। इन सबसे अनूठा है ' गवरी ' नामक ' लोक नृत्य-नाटिका ' । 'गवरी ' उन भीलों का एक मेरु नाट्यम हैं। यह एक नृत्य नाटक है, जो कि अनुकरण (नक़ल mime) और वार्तालाप को जोड़ता है, और ''गवरी नृत्य या राई नृत्य'' के नाम से जाना जाता है। गवरी में अभिनीत किये जाने वाले दृश्यों को 'खेल', ' भाव' या सांग कहा जाता है। यह भील जनजाति का एक ऐसा नाट्य-नृत्यानुष्ठान है, जो सैकड़ों बरसों से प्रतिवर्ष श्रावण पूर्णिमा के एक दिन पश्चात प्रारंभ हो कर सवा माह तक आयोजित होता है। इसका आयोजन मुख्यत: उदयपुर और राजसमंद जिले में होता है। इसका कारण यह है कि इस खेल का उद्भव स्थल उदयपुर माना जाता है तथा आदिवासी भील जनजाति इस जिले में बहुतायत से पाई जाती है। गवरी का कथानक भगवान शिवजी के इर्द-गिर्द होता है, जो इसके केंद्रीय चरित्र है, तथा इस नृत्य-नाटिका में उनका चरित्र बहुत ही आश्चर्यजनक रूप में चित्रित होता है। गवरी में जो गाथाएं सुनने को मिलती हैं , ...