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Mahatma Gandhi's Rajasthan Visits

गाँधी जी की राजस्थान यात्राओं के किस्से - देश के स्वाधीनता आंदोलन को जन आंदोलन बनाने वाले महात्मा गांधी का यह वर्ष 150वां जयंती वर्ष है। आने वाले 2 अक्टूबर को देश और विश्व गांधीजी की 150वीं जयंती मनाएगा। गांधीजी के विचारों के कारण ही आज राजस्थान ही नहीं वरन समूचा विश्व उन्हें याद कर रहा हैं। गांधी स्वयं ‘वन मैन आर्मी' थे। उन्होंने अपने जीवन दर्शन से लाखों लोगों को अपने साथ जोड़ कर सम्पूर्ण भारत में एक बड़ा आन्दोलन तैयार किया। गांधीजी ने स्वाधीनता आंदोलन के दौरान भारत भ्रमण किया। राजस्थान से उनका खासा लगाव था। लेकिन वे अपने जीवन काल में केवल तीन बार ही राजस्थान आए एवं स्वाधीनता आंदोलन से जुड़े गांधीवादियों को मार्गदर्शन दिया। वे तीन बार 1921, 1922 और 1934 में राजस्थान आए। तीनों ही बार वे अजमेर ही आए। गांधीजी का मानना था कि देशी राजा अंग्रेजी हुकूमत के सहारे ही टिके हैं, और अजमेर-मेरवाड़ा सीधे अंग्रेजी शासन के अधीन था। अत: उन्होंने अजमेर आकर अंग्रेजों से सीधे लड़ाई को चुना। तुम घोषणा कर दो कि गांधी बिना शास्त्रार्थ के ही हार गया- गांधीजी की इन तीन अजमेर यात्राओं में सबसे महत...

जयपुर रियासत में स्वाधीनता आन्दोलन-

काल विवरण 1907 अर्जुन लाल सेठी द्वारा जयपुर में वर्धमान विद्यालय की स्थापना । उनके द्वारा कांग्रेस के सूरत अधिवेशन में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक से संपर्क । 1908-11 अर्जुन लाल सेठी द्वारा रास बिहारी बोस से संपर्क । उनका विद्यालय क्रांतिकारियों का प्रशिक्षण केंद्र बना । बोस द्वारा राजस्थान में क्रांति का भार सेठी जी आदि को सौंपा । श्री विष्णुदत्त, प्रताप सिंह बारहठ, मोती चंद आदि क्रांतिकारियों का वर्धमान विद्यालय में प्रशिक्षण । 1912 विष्णुदत्त आदि द्वारा क्रांति के लिए धन एकत्रित करने की योजना । निमेज के महंत की हत्या । 1914 निमेज हत्याकांड का फैसला । मोती चंद को फांसी । अर्जुन लाल सेठी बरी किन्तु जयपुर और बाद में मद्रास की वेल्लूर जेल में बंद । 1920 अर्जुन लाल सेठी वेल्लूर जेल से रिहा । बाल गंगाधर तिलक के नेतृत्व में महाराष्ट्र कांग्रेस द्वारा पूना में सेठीजी का स्वागत । इंदौर में सेठी जी का जुलूस । विद्यार्थियों का रथ में जुत कर रथ हांका गया । सेठी जी का अजमेर को अपनी कर्म...