धार्मिक स्थल मचकुण्ड अत्यंत ही सुन्दर व रमणीक धार्मिक स्थल है जो प्रकृति की गोद में राजस्थान के धौलपुर नगर के निकट स्थित है। यहां एक पर्वत है जिसे गन्धमादन पर्वत कहा जाता है। इसी पर्वत पर मुचुकुन्द नाम की एक गुफा है। इस गुफा के बाहर एक बड़ा कुण्ड है जो मचकुण्ड के नाम से प्रसिद्ध है। इस विशाल एवं गहरे जलकुण्ड के चारों ओर अनेक छोटे-छोटे मंदिर तथा पूजागृह पाल राजाओं के काल (775 ई. से 915 ई. तक) के बने हुए है। यहां प्रतिवर्ष ऋषि पंचमी तथा भादों की देवछट को बहुत बड़ा मेला लगता है, जिसमें हजारों की संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। मचकुण्ड को सभी तीर्थों का भान्जा कहा जाता है। मचकुण्ड का उद्गम सूर्यवंशीय 24 वें "राजा मुचुकुन्द" द्वारा बताया जाता है। यहां ऐसी धारणा है कि इस कुण्ड में नहाने से पवित्र हो जाते हैं। यह भी माना जाता है कि मस्सों की बीमारी से त्रस्त व अन्य चर्म रोगों से परेशान लोग इस कुण्ड में स्नान करें तो वे इनसे छुटकारा पा जाते हैं। इसका वैज्ञानिक पक्ष यह है कि इस कुंड में बरसात के दिनों में जो पानी आकर इकट्ठा होता है उसमें गंधक व चर्म रोगों में उपयोगी अन्य...
राजस्थान की कला, संस्कृति, इतिहास, भूगोल व समसामयिक तथ्यों के विविध रंगों से युक्त प्रामाणिक एवं मूलभूत जानकारियों की वेब पत्रिका "The web magazine of various colours of authentic and basic information of Rajasthan's Art, Culture, History, Geography and Current affairs