इस वर्ष के साहित्य के क्षेत्र में मिलने वाले नोबेल के लिए देश के दो साहित्यकार भी दौड़ में हैं। इनमें एक हैं राजस्थान के विजयदान देथा हैं तथा दूसरे साहित्यकार के. सच्चिदानंद है। विजयदान देथा विज्जी के नाम से प्रदेश भर में लोकप्रिय है तथा उत्कृष्ट लेखन के कारण उन्हें "राजस्थान का शेक्सपीयर" भी कहा जाता है। उनकी कहानियों की प्रसिद्ध पुस्तक "बातां री फुलवारी" के 14 खंड प्रकाशित हो चुके हैं। देथा की कई कहानियों और उपन्यासों पर कई नाटक और फिल्में भी बन चुकी हैं। इनमें हबीब तनवीर द्वारा निर्देशित नाटक "चरणदास चोर" और अमोल पालेकर के द्वारा बनाई गई फिल्म "पहेली" प्रमुख है। पहेली को भारत की ओर से ऑस्कर में भी भेजा गया था। 85 वर्षीय वयोवृद्ध साहित्यकार विज्जी वर्तमान में जोधपुर के बोरून्दा में रह रहे हैं। श्री देथा को पद्मश्री सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कार आदि कई सम्मान से नवाजा जा चुका है।
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