कुलधरा के खंडहर जैसलमेर जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा वर्षों पूर्व परित्यक्त कुलधरा एवं खाभा नामक दो गाँवों के प्राचीन खंडहर स्थित है जो पालीवालों की संस्कृति, उनकी जीवनशैली, वास्तुकला एवं भवन निर्माण कला को अभिव्यक्त करते हुए अद्भुत अवशेष हैं। प्राचीन काल में बसे पालीवालों की सामूहिक सुरक्षा, परस्पर एकता व सामुदायिक जीवन पद्धति को दर्शाने वाले कुलधरा व खाभा गाँवों को पालीवाल ब्राह्मणों ने जैसलमेर रियासत के दीवान सालिम सिंह की ज्यादतियों से बचने तथा अपने आत्म सम्मान की रक्षा के लिए एक ही रात में खाली करके उजाड़ कर दिए। पश्चिमी राजस्थान के पालीवालों की सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक इन खंडहरों के संरक्षण के लिए सरकार द्वारा प्रयास किए गए हैं। कुलधरा में पालीवालों द्वारा निर्मित कतारबद्ध मकानों, गांव के मध्य स्थित कलात्मक मंदिर, कलात्मक भवन एवं कलात्मक छतरियां पालीवाल-वास्तुकला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। जैसलमेर विकास समिति द्वारा पुराने क्षतिग्रस्त भवनों का रखरखाव किया जा रहा है। इनमें पालीवालों की समृद्ध संस्कृति, वास्तुकला, गाँव के इतिहास तथ...
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