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Showing posts with the label योजना

Early rural development projects (pre and post independence) ग्रामीण विकास की आरम्भिक परियोजनाएं (स्वतंत्रता के पूर्व एवं पश्चात्)

भारत में ग्रामीण विकास की आरम्भिक परियोजनाएं (स्वतंत्रता के पूर्व एवं पश्चात्) क्र. सं. परियोजना नाम आरम्भ होने का वर्ष योजना के प्रणेता परियोजना क्षेत्र 1 श्रीनिकेतन परियोजना 1921 श्री रविन्द्र नाथ टैगोर श्रीनिकेतन (पश्चिमी बंगाल) 2 मार्ताडम परियोजना 1921 डॉ. स्पेन्सर हैच मार्ताडम (कन्या कुमारी) केरल 3 गुड़गांव परियोजना 1927 एफ.एल. ब्रायन गुड़गांव (हरियाणा) 4 बड़ौदा परियोजना 1932 बी.टी. कृष्णाचारी कोसाला (बड़ौदा, गुजरात) 5 सेवाग्राम परियोजना 1936 महात्मा गांधी सेवाग्राम (वर्धा, गुजरात) 6 फिरका विकास परियोजना 1947 मद्रास राज्य मद्रास क्षेत्र (वर्तमान तमिलनाडु) 7 इटावा परियोजना 1948 अलवर्ट मायर मेहागांव (इटावा, उत्तरप्रदेश) 8 नीलाखेड़ी परियोजना 1949 एस. के. डे नीलाखेड़ी (हरियाणा) 9 सामुदायिक विकास परियोजना 1952 योजना आयोग सम्पूर्ण भारत स्रोत - कुरुक्षेत्र पत्रिका, जनवरी, 2005

khadya suraksha mitra yojna खाद्य सुरक्षा मित्र योजना जानें क्या है

‘ईट राइट इंडिया’ अभियान को सुदृढ़ करने के लिए खाद्य सुरक्षा मित्र (एफएसएम) योजना प्रारम्भ - केन्द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 16 OCT 2019 को नई दिल्‍ली में विश्‍व खाद्य दिवस 2019 मनाये जाने के लिए आयोजित समारोह में ‘ ईट राइट जैकेट ’ और ‘ ईट राइट झोला ’ के साथ-साथ ‘ खाद्य सुरक्षा मित्र (एफएसएम) ’ योजना का भी शुभारंभ किया , ताकि खाद्य सुरक्षा व्‍यवस्‍था को मजबूत किया जा सके और इसके साथ ही ‘ ईट राइट इंडिया ’ अभियान को व्‍यापक बनाया जा सके। विश्‍व खाद्य दिवस 2019 की थीम ‘ शून्‍य भूखमरी वाली दुनिया के लिए स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक भोजन' है। क्या है ‘ खाद्य सुरक्षा मित्र ’ योजना- ‘ खाद्य सुरक्षा मित्र ’ योजना छोटे एवं मझोले खाद्य व्‍यवसायियों के लिए खाद्य सुरक्षा कानूनों का पालन करने और लाइसेंस एवं पंजीकरण , स्वच्छता रेटिंग तथा प्रशिक्षण को सुविधाजनक बनाने के लिए लागू की गई है। खाद्य सुरक्षा मित्र FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India- भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ) द्वारा प्रमाणित एक व्यक्तिगत पेशेवर है, जो तीन अवतारों-...

Loan Agreement for the Rajasthan State Highways Development Program II राजमार्ग विकास कार्यक्रम II परियोजना

राजस्‍थान राजमार्ग विकास कार्यक्रम II परियोजना के लिए MOU पर हस्‍ताक्षर भारत सरकार, राजस्‍थान सरकार और विश्‍व बैंक ने 27.06.2019 को राजस्‍थान राजमार्ग विकास कार्यक्रम II परियोजना के लिए 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण समझौते पर हस्‍ताक्षर किए।  उपर्युक्‍त ऋण समझौते पर भारत सरकार की ओर से श्री समीर कुमार खरे और विश्‍व बैंक की ओर से कार्यवाहक कंट्री डायरेक्‍टर (भारत) श्री शंकर लाल ने हस्‍ताक्षर किए। साथ ही परियोजना संबंधी समझौते पर राजस्‍थान सरकार की ओर से लोक निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता एवं अपर सचिव श्री एम.एल.वर्मा और विश्‍व बैंक की ओर से कार्यवाहक कंट्री डायरेक्‍टर (भारत) श्री शंकर लाल ने हस्‍ताक्षर किए।  इसका उद्देश्‍य राजस्‍थान के राजमार्गों के बेहतर प्रबंधन के लिए राज्‍य की क्षमता को बढ़ाना और राजस्‍थान के चुनिंदा राजमार्गों पर यातायात के प्रवाह को बेहतर बनाना है।  विश्‍व बैंक से सहायता प्राप्‍त इस परियोजना से राज्‍य के 766 किलोमीटर लंबे राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों के निर्माण, उन्‍नयन, सुधार और रखरखाव में मदद मिलेगी।  इससे ठेकों के प्रबं...

PM Kisan Samman Nidhi Yojana

PM किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) : क्या है PM किसान सम्मान योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को 6,000 रुपये सालाना की न्यूनतम सुनिश्चित आय के लिये पूरक आय प्रदान करेगी। इस योजना के तहत तीन किस्तों 6000 रुपये किसानों के खाते में ट्रांसफर होंगे। यह योजना 01.12.2018 से शुरू की गई, जिसकी घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने की थी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसे 24 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से इसकी शुरुआत की थी। इस योजना के तहत सरकार किसानों को खाते में सालाना 6,000 रुपये डालेगी। उद्देश्य- देश में छोटे और सीमांत किसानों को प्रत्यक्ष आय सम्बन्धी सहायता दिए जाने के प्रयोजनार्थ एक सुव्यवस्थित कार्ययोजना प्रारम्भ करने के लिए भारत सरकार द्वारा शत-प्रतिशत केंद्रीय सहायता के साथ (पीएम-किसान) नाम की योजना प्रारम्भ की है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का फायदा अब देश के सभी किसानों को मिलेगा- हालांकि योजना के तहत पहले यह शर्त थी कि जिन किसानों के पास 2 हेक्टेयर यानि करीब 5 एकड़ तक...

smart village scheme in rajasthan स्मार्ट विलेज योजना क्या है राजस्थान की योजनाएँ

राजस्थान की स्मार्ट विलेज योजना - राज्य सरकार के द्वारा बजट भाषण वर्ष 2017-18 में की गई घोषणा के क्रम में 3000 से अधिक आबादी वाले 3275 ग्रामों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा रहा है। ग्रामों में समग्र रूप से आधुनिक सुविधायें यथा- परम्परागत सौर उर्जा से स्ट्रीट लाईटिंग , ई-पुस्तकालय व नालेज सेन्टर, कचरा प्रबंन्धन, वाई-फाई नेटवर्क, उद्यान व खेल मैदान का विकास, चारागाह विकास इत्यादि कार्य विभागों की विभिन्न योजनाओं में उपलब्ध वित्तीय एवं अन्य संसाधनों से कन्वर्जेस के माध्यम से कराए जाने का प्रावधान किया गया है। योजना का लक्ष्य- स्मार्ट विलेज के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र रूप से आधुनिक सुविधायें यथा- परम्परागत सौर उर्जा से स्ट्रीट लाईटिंग, ई-पुस्तकालय व नालेज सेन्टर, कचरा प्रबंन्धन, वाई-फाई नेटवर्क उद्यान व खेल मैदान का विकास, चारागाह विकास करना है। योजना के उद्देश्य - 3275 स्मार्ट विलेज में निम्न चयनित गतिविधियों के माध्यम से कार्य कराये जाने का उद्देश्य रखा गया है - 1. जल निकासी प्रबंधन (नालियां/सोख्ता गड्ढे) एवं पक्की गलियां। 2. प्रत्येक स्मार्ट विले...

राजस्थान की योजनाएँ Magra Area Development Programme - मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम

राजस्थान की ग्रामीण विकास की योजनाएँ - मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम कार्यक्रम का परिचय -  राजस्थान राज्य के दक्षिणी-मध्य के जनजाति उपयोजना क्षेत्र के अलावा वह क्षेत्र जो पहाड़ियों से घिरा हुआ है तथा जहां अन्य पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक लोगों का अधिवास है, को मगरा क्षेत्र कहा जाता है। मगरा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के साथ-साथ इस क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं के विकास हेतु वर्ष 2005-06 में मगरा क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।   उद्देश्य - प्रदेश का मगरा क्षेत्र जिसमें अन्य पिछड़ी जाति एवं अल्पसंख्यक लोग निवास करते हैं, राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछड़ा हुआ है। मगरा क्षेत्रीय विकास योजना के दिशा निर्देशों से निम्न उद्देश्यों की पूर्ति हो सकेगी:-  मगरा क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढ़ांचागत विकास। सामुदायिक एवं अन्य आधारभूत भौतिक परिसम्पत्ति सृजन। श्री योजना में शामिल 5 मूल आधारभूत सुविधाएं यथा ग्राम स्वच्छता एवं स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्रामीण आंतरिक सड़के, शिक्षा एवं ग्राम में ...

राजस्थान की योजनाएँ - Mewat Area Development Plan- मेवात क्षेत्रीय विकास योजना

मेवात क्षेत्रीय विकास योजना -  योजना का परिचय - अलवर एवं भरतपुर जिले का मेव बाहुल्य क्षेत्र जो मेवात क्षेत्र के नाम से जाना जाता है, उसके विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा वर्ष 1987-88 से मेवात क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया। योजना के उद्देश्य - प्रदेश का मेवात क्षेत्र जिसमें अन्य पिछडी जाति एवं अल्पसंख्यक लोग निवास करते है। राज्य के अन्य क्षेत्रों की तुलना में पिछडा हुआ है। मेवात क्षेत्रीय विकास योजना के दिशा निर्देशों से निम्न उद्देश्यों की पूर्ति हो सकेगी-   मेवात क्षेत्र का आर्थिक एवं सामाजिक आधारभूत ढांचागत विकास। सामुदायिक एवं अन्य आधारभूत भौतिक परिसम्पत्ति सृजन। श्री योजना में शामिल 5 मूल आधारभूत सुविधाएं यथा ग्राम स्वच्छता एवं स्वच्छ पेयजल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्रामीण आंतरिक सड़के, शिक्षा एवं ग्राम में रोशनी की व्यवस्था के कार्यों का प्राथमिकता से सम्पादन। जनसंख्या के आधार पर मेवात ग्रामीण क्षेत्र का चरणबद्ध समग्र विकास। मेवात ग्रामीण क्षेत्र की ग्राम पंचायत मुख्यालयों एवं ग्राम की जनसंख्या के आधार पर गाँवों का समग्र विकास । ...

Mitigating Poverty in Western Rajasthan (MPoWeR) पश्चिमी राजस्थान गरीबी शमन परियोजना (एमपाॅवर)

पश्चिमी राजस्थान गरीबी शमन परियोजना (एमपाॅवर)- Mitigating Poverty in Western Rajasthan (MPoWeR)- परियोजना का परिचय -  राज्य सरकार द्वारा जोधपुर संभाग के छः जिलों में अन्तराष्ट्रीय कृषि विकास कोष ( IFAD ) की सहायता से पश्चिमी राजस्थान गरीबी शमन परियोजना Mitigating Poverty in Western Rajasthan (MPoWeR) परियोजना स्वीकृत की गई है।  योजना की कार्य अवधि पूर्व में दिसम्बर 2014 थी जिसे दो बार विस्तार करके दिसम्बर 2017 तक बढ़ाया गया, योजना समाप्ति जून 2018 थी।  राज्य के जोधपुर संभाग के बायतु (बाड़मेर), साॅकडा (जैसलमेर), बाप (जोधपुर), सांचौर (जालौर), बाली (पाली) तथा आबूरोड (सिरोही) पंचायत समितियों में यह परियोजना वर्ष 2008-09 से संचालित की जा रही है तथा दो ब्लाॅक सिरोही जिले में पिण्डवाड़ा व जोधपुर जिले में बालेसर को भी वर्ष 2016-17 सम्मिलित किया गया है।  इन दो ब्लाॅकों में राजीविका में गठित स्वयं सहायता समूहों के आय संवर्द्धन का कार्य एमपाॅवर परियोजना द्वारा किया गया।  इन पंचायत समितियों में राजस्थान सरकार द्वारा निर्धारित किये गये गरीबी रेखा से नीच...

Apki Beti Yojna Rajasthan - राजस्थान सरकार की आपकी बेटी योजना

राजस्थान सरकार की आपकी बेटी योजना  क्या है आपकी बेटी योजना और कैसे करें आवेदन - बालिका शिक्षा  बढ़ावा देने के लिए यह योजना बालिका शिक्षा फाउण्डेशन , पुस्तक भवन झालाना डूंगरी, जयपुर द्वारा चलायी जा रही है। आपकी बेटी योजना के अंतर्गत राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से कक्षा 12 में पढ़ने वाली गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की ऐसी बालिकाएँ आर्थिक सहायता के लिए पात्र होती है , जिनके माता-पिता में से दोनों अथवा एक का निधन हो गया हो। इसके लिए विद्यालय के संस्था प्रधान के माध्यम से संबंधित बालिका से फॉर्म भरवाकर (मृत्यु प्रमाण पत्र, बी.पी.एल. राशन कार्ड प्रति तथा गत कक्षा की अंक तालिका के साथ)  जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भिजवाना होता है। कितनी मिलती है सहायता राशि- राज्य सरकार ने सत्र 2019-20 में ‘‘आपकी बेटी योजना‘‘ के तहत कक्षा 1 से 8 में अध्ययनरत बालिकाओं को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 2100 रुपये तथा कक्षा 9 से 12 में अध्ययनरत बालिकाओं के लिए आर्थिक सहायता को बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया है। अब इन बालिकाओं को सत्र 2019-20 से बढ़ी हुई आर्थ...

Rajasthan's Gypsum Distribution Scheme- राजस्थान जिप्सम वितरण कार्यक्रम

  क्या होता है जिप्सम- जिप्सम एक प्रकार का खनिज है। रासायनिक संरचना की दृष्टि से यह कैल्सियम का सल्फेट है, जिसमें जल के भी दो अणु रहते हैं। इसका रासायनिक सूत्र CaSO 4 ·2H 2 O है। जिप्सम में 16 से 19 प्रतिशत कैल्शियम एवं 13 से 16 प्रतिशत सल्फर होता है। प्रकृति में  जिप्‍सम दो रूपों में पाया जाता है-   खनिज जिप्‍सम  - खनिज जिप्‍सम को भूगर्भ से खोदकर प्राप्‍त किया जाता है। अधिकांश खान उत्‍पादनों में जिप्‍सम की गुणवत्ता 70 से 95 प्रतिशत के बीच होती है।  उत्‍पाद जिप्‍सम   - उत्‍पाद जिप्‍सम में प्रमुख रूप से समुद्री जिप्‍सम, फोसफो जिप्‍सम, फ्लोरो जिप्‍सम, बोरो जिप्‍सम, स्‍क्रवर जिप्‍सम इत्‍यादि शामिल है। सामान्‍य नमक के उत्‍पादन के दौरान समुद्री जिप्‍सम समुद्र के पानी से एक उपउत्‍पाद (by product) के रूप में प्राप्‍त किया जाता है, जबकि अन्‍य प्रकार के जिप्सम विभिन्‍न रासायनिक सयंत्रो से सह-उत्‍पाद के रूप में प्राप्‍त होते हैं।  जिप्सम को कैल्‍साइंड करना - जिप्‍सम को गर्म करने पर इसमें उपस्थित जल की मात्रा कम हो जाती है।  इस प्रकार बने आंशिक निर...

Sahyog and Uphar Plan of Rajasthan सहयोग एवं उपहार योजना

सहयोग एवं उपहार योजना   योजना की वर्तमान स्थिति राजस्थान सरकार द्वारा 1997-98 से आर्थिक दृष्टि से कमजोर विधवा महिलाओं के पुत्रियों के विवाह के लिए अनुदान योजना प्रारम्भ की गयी थी। इसी प्रकार वर्ष 2005 में बी.पी.एल. परिवारों को पुत्रियों के विवाह हेतु सहयोग योजना शुरू की गयी थी। राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2016-17 में दोनों योजनाओं को एक करके  सहयोग एवं उपहार योजना शुरू की गयी थी। योजना का लाभ पात्र व्यक्ति को समय पर एवं पारदर्शिता से मिले, इस हेतु इस वर्ष ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से सहायता राशि स्वीकृत करने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जा रही है। लाभांवित वर्ग- सहयोग एवं उपहार योजना सभी वर्गों के बी.पी.एल. परिवार, अन्त्योदय परिवार, आस्था कार्डधारी परिवार तथा आर्थिक दृष्टि से ऎसे कमजोर परिवार जिनमें कमाने वाला वयस्क व्यक्ति नहीं हो, ऎसी विधवा महिलाओं की पुत्रियों के विवाह के लिए सहायता राशि उपलब्ध करायी जाती है। देय सहायता राशि- सहयोग एवं उपहार योजना में वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार देय सहायता राशि में वृ...

MUKHYAMANTRI RAJSHREE SCHEME - मुख्यमंत्री राजश्री योजना

बेटियां घर की लक्ष्मी हैं लेकिन कई कारणों से बालिकाओं की जन्म दर कम रही है। बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करने, उन्हें शिक्षित व सशक्त बनाने के लिए सरकार ने 1 जून 2016 से मुख्यमंत्री राजश्री योजना राज्य में शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य है कि बेटियों की जन्म दर बढ़े, बेटियों को अच्छी परवरिश मिले व बेटियां पढ़ लिखकर आगे बढ़ें।  बजट घोषणा 2016-17 के अनुसार मुख्यमंत्री‬ ‪शुभलक्ष्मी‬ ‎योजना‬ का नाम बदलकर आज से मुख्यमंत्री ‪‎राजश्री‬ योजना हो गया। इसी के साथ ही इसमें लाभान्वित राशि भी 7400 रुपए से बढ़कर 50 हजार रुपए कर दी  गई। शुभलक्ष्मी योजना में सरकार सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाली बेटी को 2100 रुपए की आर्थिक सहायता देती थी तथा योजना के तहत समय-समय पर मां-बेटी को 7400 रुपए तक की आर्थिक सहायता देने का भी प्रावधान था। शुभलक्ष्मी योजना 1 अप्रैल 2013 से संचालित थी जो अब राजश्री योजना हो गयी है। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने शुभलक्ष्मी योजना का नाम बदलने के साथ-साथ आर्थिक सहायता भी 50 हजार रुपए कर दी है एवं इसका लाभ 1 जून से सरकारी अस्पतालों तथा जेए...

Annapurna kitchen scheme अन्नपूर्णा रसोई योजना

राजस्थान सरकार ने राज्य के शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों, रिक्शावालों, ठेलेवालों, ऑटोवालों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं, बुजुर्गों एवं अन्य असहायों, जरूरतमंद व्यक्तियों को ध्यान में रखकर उनकी सेहत के लिए अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरूआत की है। इस योजना का शुभारम्भ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा 15 दिसंबर 2016 को किया गया है।  इस योजना में अन्नपूर्णा रसोई वैन के माध्यम से मात्र रु 5 में नाश्ता तथा मात्र रु 8 में पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। योजना के पहले चरण में 12 शहरों में 80 अन्नपूर्णा रसोई वैनों के माध्यम से नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराया जाएगा- जयपुर जोधपुर कोटा अजमेर बीकानेर उदयपुर भरतपुर बारां बांसवाड़ा डुंगरपुर प्रतापगढ़ झाला वाड़ अन्नपूर्णा रसोई योजना की विशेषताएं इस रसोई वैन में लाभार्थियों के लिए नाश्ता, दोपहर का भोजन एवं रात्रि का भोजन उपलब्ध होगा। योजना में नाश्ता मात्र 5 रुपये में मिलेगा। नाश्ता के रूप में पोहा, सेवइयाँ, इडली साँभर, लापसी, ज्वार खिचड़ा, बाजरा खिचड़ा, गेहूं खिचड़ा आदि मिलेंगे। इस योजना...