राजस्थान के विविध रंगों में शौर्य, साहस, देशभक्ति, मधुर संगीत, विविधता पूर्ण नृत्य, स्थापत्य कला, देवालय व भक्ति, मीठी बोलियां व लोकगीत आदि के साथ-साथ प्रेम-प्यार का भी एक रंग है। पूरे विश्व में जिस प्रेमी जोड़े और उसके प्यार की मिसाल दी जाती है उस लैला मजनूं से संबंधित अंतिम स्मारक राजस्थान में स्थित है। प्रेम तथा धार्मिक आस्था का प्रतीक "लैला मजनूं की मजारें" राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की अनूपगढ़ तहसील में भारत-पाकिस्तान की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर बसे बिन्जौर गांव के पास स्थित है। बिन्जौर गांव के पास स्थित ''प्रेमी जोड़ों का तीर्थस्थल'' या '' प्रेमियों का मक्का'' कहे जाने वाले इस स्थान की लैला-मजनूं की इन मजारों पर प्रतिवर्ष एक भव्य मेले का आयोजन धूमधाम से किया जाता है, जिसे लैला मजनूं के वार्षिक मेले के रूप में जाना जाता है। मेले में राजस्थान के श्रीगंगानगर व आसपास के जिलों के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा आदि प्रांतों के तकरीबन पचास-साठ हजार श्रद्धालु लोग शिरकत करते हैं तथा लैला मजनूं की मजार पर चादर व अकीदत के फूल चढ़ाकर मिन्नतें...
राजस्थान की कला, संस्कृति, इतिहास, भूगोल व समसामयिक तथ्यों के विविध रंगों से युक्त प्रामाणिक एवं मूलभूत जानकारियों की वेब पत्रिका "The web magazine of various colours of authentic and basic information of Rajasthan's Art, Culture, History, Geography and Current affairs