विजयसिंह पथिक का वास्तविक नाम भूपसिंह था। उनका जन्म उत्तरप्रदेश के बुलन्दशहर जिले के गुढ़ावाली अख्तियारपुर गाँव में 27 फरवरी 1888 को एक गुर्जर परिवार में हुआ। उनके पिता श्री हमीरमल गुर्जर तथा माता श्रीमती कँवलकँवर थी। बचपन में ही अपने माता पिता के निधन हो जाने के कारण बालक भूप सिंह अपने बहन बहनोई के पास इंदौर आ गए। उन्होंने विधिवत शिक्षा केवल पाँचवी तक ही ग्रहण की किंतु बहन से हिंदी तथा बहनोई से अंग्रेजी, अरबी व फारसी की शिक्षा ली। कालांतर में उन्होंने संस्कृत, उर्दू, मराठी, बांग्ला, गुजराती तथा राजस्थानी भी सीख ली। वह अपने जीवन के प्रारम्भ से ही क्रान्तिकारी थे। इंदौर में उनकी मुलाकात प्रसिद्ध क्रांतिकारी शचीन्द्र सान्याल से हुई जिन्होंने उनका परिचय रासबिहारी बोस से कराया। रासबिहारी बोस ने पंजाब, दिल्ली, उत्तर भारत तथा राजस्थान में 21 फरवरी 1915 को एक साथ सशस्त्र क्रांति करने की योजना बनाई। इस क्रांति का राजस्थान में लक्ष्य अजमेर, ब्यावर एवं नसीराबाद थे तथा संयोजक राव गोपाल सिंह खरवा थे। क्रान्तिकारियों ने पथिक जी को राजस्थान में शस्र संग्रह के लिए नियुक्त किया गया था। पथिक ...
राजस्थान की कला, संस्कृति, इतिहास, भूगोल व समसामयिक तथ्यों के विविध रंगों से युक्त प्रामाणिक एवं मूलभूत जानकारियों की वेब पत्रिका "The web magazine of various colours of authentic and basic information of Rajasthan's Art, Culture, History, Geography and Current affairs