पूर्व में यह भू अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम था जिसे अब ई-धरती (DILRMP) डिजिटल इण्डिया भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम का नाम दिया गया है। यह 2008 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था। DILRMP का मुख्य उद्देश्य शीर्षक गारंटी के साथ निर्णायक भूमि-शीर्षक प्रणाली को लागू करने के उद्देश्य से देश में एक आधुनिक, व्यापक और पारदर्शी भूमि अभिलेख प्रबंधन प्रणाली विकसित करना है। यह कार्यक्रम राज्य के समस्त भू-अभिलेख को एक्यूरेट एवं रियल-टाईम कर कम्प्यूटराईज्ड प्रतियां आम जनता को सुलभ कराने के उद्देश्य से विचारित किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित ई-धरती कार्यक्रम के तहत समस्त भू अभिलेख नये सिरे से तैयार किये जावेगें। यह कार्यक्रम अभिलेख (textual) एवं नक्शा (spatial) भू-अभिलेख एवं राजस्व एवं पंजीयन प्रणाली के अर्न्तयुग्मन (integration) के द्वारा वर्तमान डीड-प्रणाली (deed-systems) के स्थान पर कन्क्लुजीव टाईटलिंग की अभिशंषा करता है ताकि नागरिक अधिकार-अभिलेख की आदिनांकित प्रति एवं नक्शों की प्रति एकल खिड़की से प्राप्त कर सके। उद्देश्य- डिजिट...
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