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Terracotta art of Rajasthan- राजस्थान की मृण कला - राजस्थान की टेराकोटा कला

राजस्थान राज्य का सम्पूर्ण भू-भाग मृण कलाओं के लिए विशेष रूप से जाना जाता है तथा इनमें जैसलमेर का पोकरण, मेवाड़ का मोलेला व गोगून्दा तथा ढूंढाड़ व मेवात स्थित हाड़ौता व रामगढ़ की मिट्टी की कला की प्रसिद्धि देश में ही नहीं, अपितु विदेशों तक में फैली हुई है। मेवाड़ स्थित आहाड़ सभ्यता, गिलूण्ड, बालाथल आदि के साथ ही हनुमानगढ़ का कालीबंगा एैसे स्थल रहे है जो पुरासम्पदा के रूप में माटी की कला, मोहरे, मृदभाण्ड व मृणशिल्प आदि राज्य के पुरा कला वैभव की महता को रेखांकित करते हैं। मोलेला की मृणकला (Terracotta art of Mollela, Rajsamand)- राजसमन्द जिले के मोलेला गाँव की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान माटी से लोक देवी-देवताओं की हिंगाण ( देवताओं की मूर्तियाँ) बनाने के रूप में हैं। मोलेला गांव नाथद्धारा से लगभग 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मोलेला गांव का मृण शिल्प या कह सकते है टेराकोटा आर्ट विश्व प्रसिद्ध है। यहां के मृण शिल्पकार विविध प्रकार के लोक देवी-देवताओं का माटी में रूपांकन करते हैं, जिन्हें मेवाड़ के साथ ही गुजरात व मध्यप्रदेश की सीमाओं पर स्थित आदिवासी गांवों के लोग खरीदकर ले जाते ह...

राजस्थान की पहचान - कोटा डोरिया या मसूरिया साड़ी

कोटा ने बीते दशक में देश-दुनिया में अपनी विशेष पहचान कायम की है। यहां के कुछ विशेष उत्पादों ने देश-दुनिया में धूम मचा दी। इन्हीं में से एक कोटा डोरिया साड़ी ने तो कोटा को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है। कोटा डोरिया ने कोटा की ख्याति में चार चांद लगाए हैं। कोटा जिले के कैथून कस्बे के बुनकरों के इस हुनर के परदेशी भी कायल हैं। महिलाएं कोटा डोरिया की साडियों को बेहद पसंद करती हैं। कैथून की साडियों व अन्य उत्पादों की देश के कोने-कोने में अच्छी मांग है। कैथून में करीब चार हजार लूम हैं। उच्च गुणवत्ता की कोटा डोरिया मार्का की साड़ियों का निर्माण करना यहाँ के बुनकरों का पुस्तैनी काम है । ये कई पीढ़ियों से अपने हथकरघों (लूम्स) पर बुनाई का काम करते आ रहे है। हथकरधा पर ताना-बाना से निर्मित की जाने वाली इन साड़ियों को तैयार करने में बुनकर विशेष रूप से सिल्वर गोल्डन जरी , रेशम , सूत , कॉटन के धागों का मिश्रित रूप से उपयोग करते है। ये उच्च गुणवत्ता के धागे मुख्यतः बेंगलूरू (कर्नाटक) सूरत (गुजरात) , कोयम्बटूर (तमिलनाडु) से मंगवाये जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोटा डोरिया के कपडे व अन्य ...

The major handicrafts of Rajasthan --- राजस्थान के प्रमुख हस्तशिल्प

हस्तशिल्प का नाम    Name of Handicraft   स्थान Place 1. ब्लू पॉटरी Blue pottery - जयपुर Jaipur 2. ब्लैक पॉटरी Bl ack pottery - कोटा Kota 3. कागजी पॉटरी Paperwork pottery - अलवर Alwar 4. थेवा कला Thewa Art - प्रतापगढ़ Pratapgarh 5. लकड़ी के खिलौने Wooden toys - उदयपुर , डूंगरपुर , बस्सी (चितौड़) Udaipur, Dungarpur, Bassi (Chittorgarh) 6. पाव रजाई Paw Quilt - जयपुर Jaipur 7. पिछवाई Pichhwai Paintings - नाथद्वारा Nathdwara 8. टेराकोटा मूर्तियाँ Terracotta Sculptures - मोलेला (राजसमंद) , हरजी (जालौर) Molela (Rajsamand), Harji (Jalore) 9. नमदा Felt (numdah) - टौंक Tonk 10. दाबू प्रिंट Dabu Print - आकोला (चित्तौड़गढ़) Akola (Chittorgarh) 11....