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राजस्थान सामान्य ज्ञान-
प्रतिदिन एक प्रश्न- 10

(Rajasthan GK-One Question Daily)

जैसलमेर के एक कवि ने अपनी कविताओं के माध्यम से जनता में राष्ट्रीयता की भावना का संचार किया। 'कांग्रेस की लावणी', 'नेताओं की लावणी', 'स्वराज्य लावणी', 'स्वराज्य बावणी' आदि प्रमुख रचनाओं का सृजन कर उन्होंने स्वाधीनता की अलख जगाई थी। यह कवि जैसलमेरी लोक रंगमंच, जिसे रम्मत कहा जाता है, के क्रांतिकारी कार्यकर्ता भी थे। उन्होंने रंगमंच को क्रांतिकारी नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने अपनी रम्मत का अखाड़ा 'श्रीकृष्ण कम्पनी' के नाम से प्रारंभ किया। सन् 1943 में उन्होंने अपनी रचना "स्वतंत्र बावनी" को महात्मा गाँधी को भी भेंट किया था। उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों को देखते हुए ब्रिटिश सरकार ने इस कवि पर कड़ी निगरानी रखी और इन्हें गिरफ्तार करने का वारण्ट जारी कर दिया। जब उन्हें वारण्ट की सूचना मिली, वह पुलिस कमिश्नर के घर गए एवं अपनी ओजस्वी वाणी में कहा- "कमिश्नर खोल दरवाजा, हमें भी जेल जाना है। हिन्द तेरा है न तेरे बाप का, हमारी मातृभूमि पर लगाया बन्दीखाना है॥" प्रश्न- इस क्रांतिकारी कवि को किस नाम से जाना जाता था?

बिजोलिया किसान आंदोलन और विजय सिंह पथिक - प्रतिदिन एक प्रश्न- 9 (Rajasthan GK-One Question Daily)

विजयसिंह पथिक का वास्तविक नाम भूपसिंह था। उनका जन्म उत्तरप्रदेश के बुलन्दशहर जिले के गुढ़ावाली अख्तियारपुर गाँव में 27 फरवरी 1888 को एक गुर्जर परिवार में हुआ। उनके पिता श्री हमीरमल गुर्जर तथा माता श्रीमती कँवलकँवर थी। बचपन में ही अपने माता पिता के निधन हो जाने के कारण बालक भूप सिंह अपने बहन बहनोई के पास इंदौर आ गए। उन्होंने विधिवत शिक्षा केवल पाँचवी तक ही ग्रहण की किंतु बहन से हिंदी तथा बहनोई से अंग्रेजी, अरबी व फारसी की शिक्षा ली। कालांतर में उन्होंने संस्कृत, उर्दू, मराठी, बांग्ला, गुजराती तथा राजस्थानी भी सीख ली। वह अपने जीवन के प्रारम्भ से ही क्रान्तिकारी थे। इंदौर में उनकी मुलाकात प्रसिद्ध क्रांतिकारी शचीन्द्र सान्याल से हुई जिन्होंने उनका परिचय रासबिहारी बोस से कराया। रासबिहारी बोस ने पंजाब, दिल्ली, उत्तर भारत तथा राजस्थान में 21 फरवरी 1915 को एक साथ सशस्त्र क्रांति करने की योजना बनाई। इस क्रांति का राजस्थान में लक्ष्य अजमेर, ब्यावर एवं नसीराबाद थे तथा संयोजक राव गोपाल सिंह खरवा थे।  क्रान्तिकारियों ने पथिक जी को राजस्थान में शस्र संग्रह के लिए नियुक्त किया गया था। पथिक ...

राजस्थान सामान्य ज्ञान-
प्रतिदिन एक प्रश्न- 8

Rajasthan GK- One Question Daily

आज का प्रश्न- भील जनजाति द्वारा खेले जाने वाले गवरी लोक नृत्य नाटक एक दृश्य में एक बंजारा अपनी दो पत्नियों सहित व्यापार सामग्री के बाळद के साथ नगर की सीमा पर आता है तो उसकी भेंट दाणी नामक पात्र से होती है जो उससे नगर प्रवेश से पूर्व "दाण" चुकाने के लिए कहता है। दाण की रकम को लेकर दोनों के बीच हास्य व्यंग्य से भरपूर बातचीत होती है। इसमें घूस देने तथा बंजारे की पत्नियों द्वारा नाच गाकर दाणी को रिझाने व दाण से मुक्ति पाने की चेष्टा की जाती है। मेवाड़ की रियासतकालीन कर व्यवस्था और कारिंदो की मानसिकता को प्रतिबिंबित करने वाले इस नाट्य में दाण का अर्थ क्या है?

आर.ए.एस. (प्री) परीक्षा में आए राजस्थान सामान्य ज्ञान के कुछ प्रश्न
R.A.S. (Pre) Rajasthan GK

1. राज्य में सेवण घास किस जिले में विस्तृत रूप से उगती है? (अ) बाड़मेर (ब) जोधपुर (स) जैसलमेर (द) सीकर उत्तर- स 2. निम्न प्रकार की वनस्पतियों में कौनसी राजस्थान में प्राप्य नहीं है? (अ) उष्ण कटिबंधीय शुष्क (ब) उष्ण कटिबंधीय कंटीली (स) उष्ण कटिबंधीय मरूस्थलीय (द) उष्ण कटिबंधीय तर पतझड़ी उत्तर- द 3. राजस्थान में भूरी मिट्टी का प्रसार क्षेत्र है- (अ) बनास नदी का प्रवाह क्षेत्र (ब) राजस्थान का दक्षिणी भाग (स) हाड़ौती का पठार (द) अरावली के दोनों तरफ उत्तर- द 4. मिट्टी में खारापन (लवणीयता) एवं क्षारीयता की समस्या का दीर्घकालीन हल है- (अ) रॉक फॉस्फेट (ब) जिप्सम का प्रयोग (स) वृक्षारोपण (द) यूरिया उत्तर- ब 5. राजस्थान में बारम्बार होने वाले सूखे और अकाल का प्रमुख कारण है- (अ) वनों का अवक्रमण (ब) जल का अविवेकपूर्ण उपयोग (स) अनियमित वर्षा (द) भूमि का कटाव उत्तर- स 6. जिनके उत्पादन में भारत में राजस्थान का स्थान प्रथम है, वह है- (अ) रॉक फॉस्फेट, टंग्स्टन व जिप्सम (ब) ग्रेनाइट, संगमरमर व बलुआ पत्थर (स) सीसा, जस्ता व तांबा (द) अभ्रक, घीया पत्थर व फ्लुओराइट उत्तर...

राजस्थान सामान्य ज्ञान-प्रतिदिन एक प्रश्न- 7 मिनी खजुराहो- "भंडदेवरा" Rajasthan GK-One Question Daily

भंड देवरा राजस्थान के हाड़ौती अंचल में बारां जिले के रामगढ़ में स्थित है। रामगढ़ के इस 10 वीं सदी के खजुराहो शैली के प्राचीन मंदिर को यहाँ के लोग "भंडदेवरा" कहते हैं। इसे यह नाम शायद इस मंदिर में मैथुन मूर्तियों के कारण दिया गया। प्राप्त अभिलेख के अनुसार नागवंशीय राजा मलय वर्मा द्वारा अपनी विजय के उपलक्ष्य में इसे निर्मित कराया गया था। इस मंदिर का जीर्णोद्वार 12 वीं सदी में राजा तृषा वर्मा द्वारा कराया गया था। वास्तुशिल्प की दृष्टि से यह एक बड़ा तथा महत्वपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर एक तालाब के किनारे है तथा वर्तमान में यह पुरातत्व विभाग के अधीन है। यहाँ सुर-सुंदरियाँ, गंधर्व तथा देवलोकपाल की प्रतिमाएँ अत्यंत कलात्मक और मनोहारी है। कुछ प्रतिमाएँ जोड़ों में रतिमग्न है जिसके कारण ही इस मंदिर को "हाड़ौती का खजुराहो या राजस्थान का मिनी खजुराहो" की संज्ञा प्रदान की जाती है। रामगढ़ के पहाड़ पर कासनी तथा अन्नपूर्णा देवी के मंदिर प्राकृतिक गुफाओं में स्थित है। इस मंदिर तक जाने के लिए झाला जालिम सिंह द्वारा लगभग 750 सीढ़ियाँ बनवाई गई थी। प्रश्न- भंडदेवरा के मंदिर में किस मुख्य द...

महत्वपूर्ण राजस्थान समसामयिक घटनाचक्र
Important Rajasthan Current Affairs

हिन्दुस्तान जिंक को प्रतिष्ठित सीएसआर एक्सीलेन्स अवार्ड 2011-12 वेदान्ता समूह की कम्पनी हिन्दुस्तान जिंक को ग्रामीण व सामाजिक विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रतिष्ठित औद्योगिक संस्था एसोचैम ने सीएसआर एक्सीलेन्स अवार्ड 2011-12 दिया है। जिंक को यह सम्मान केन्द्रीय कॉर्पोरेट अफेयर्स मंत्री वीरप्पा मोइली ने नई दिल्ली के होटल ली-मेरीडियन में दिनांक 15 फरवरी को प्रदान किया। पुरस्कार जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिलेश जोशी ने प्राप्त किया। गौरतलब है कि जिंक ने अपने सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों से राजस्थान के लगभग 200 गांवों में विकास के महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। तकरीबन 1 लाख 80 हजार बच्चों को नियमित दोपहर भोजन उपलब्ध करवाया है व कृषि विकास, जल प्रबन्धन एवं स्वास्थ्य तथा गांवों में सामुदायिक विकास सुनिश्चित करने संबंधी कार्य किए। गांवों में नियमित स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर लगा कर कम्पनी ने गांवों में चिकित्सा की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई। जयपुर में बनेगा उत्कृष्ट खेल प्रशिक्षण केन्द्र राज्य में खेलों का प्रथम एडवांस कोचिंग सेंटर जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में विकसित...

राजस्थान सामान्य ज्ञान-
प्रतिदिन एक प्रश्न- 6
Rajasthan GK-One Question Daily

पश्चिमी राजस्थान में उल्का-पिंड प्रभावित एक स्थान पर भूगर्भ वैज्ञानिक उस वक्त चौंक गए जब उन्होंने वहाँ ‘क्वार्ट्ज’ क्रिस्टल का एक अपररूप एक खनिज ‘स्टिशोवाइट’ देखा। यह खनिज ठीक वैसा ही है जैसा महाराष्ट्र की प्रसिद्ध ‘लोनर क्रेटर’ झील के पास पाया गया था। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( आईआईटी ) मुंबई के विशेषज्ञों ने पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले के एक ज्वालामुखीय इलाके पर ‘स्टिशोवाइट’ नामक खनिज के चुंबकीय कणों का पता लगाया। आईआईटी मुम्बई के प्रोफेसर डी.चन्द्रशेखरम, एस. सी. माथुर, आर. पी. त्रिपाठी, एवं जी. तृप्ति द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की करंट साइंस पत्रिका में जनवरी 2010 में प्रकाशित कराए गए शोध पत्र के अनुसार भूगर्भीय बनावट की व्यापक विविधता एवं ‘रीसेंट एल्युवियम’ से 57 फीसदी मैग्नेटाइट और नगण्य दुर्लभ मृदा तत्व के साथ 37 फीसदी हैमेटाइट से निर्मित ऐसे चुंबकीय गोलाकार कण के पाए गए है। पश्चिमी राजस्थान के इस ज्वालामुखीय क्षेत्र में खोजा गया लोनर क्रेटर से मिलता-जुलता ‘ स्टिशोवाइट ’ उल्का की श्रृंखला या क्षुद्रग्रह के प्रभाव से बना है। प्रश्न- यह ज्वालामुखीय क्षेत्र बाड़मेर ज...