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राजस्थान के संगीत ग्रंथ

1. संगीत राज - महाराणा कुंभा

2. रसिक प्रिया { गीत गोविन्द पर टीका }- महाराणा कुंभा

3. अनूप संगीत विनोद - बीकानेर के महाराजा अनूप सिंह

4. अनूप संगीत रत्नाकर - पं. भावभट्ट

5. भाव मंजरी - पं. भावभट्ट

6. राग विवेक - पं. भावभट्ट

7. अनूप संगीत विलास - पं. भावभट्ट

8. संगीत अनूपांकुश - पं. भावभट्ट

9. अनूप राग सागर - पं. भावभट्ट

10. राग रत्नाकर - राधाकृष्ण

11. राग कल्पद्रुम - कृष्णानंद व्यास

12. राग मंजरी - पुण्डरीक विट्ठल

13. रागमाला - पुण्डरीक विट्ठल

14. मुरली प्रताप अनूप कुश - पं. भावभट्ट

15. राधा गोविन्द संगीत सार - सवाई प्रताप सिंह

16. श्रृंगारहार - आचार्य ब्रहस्पति

Comments

  1. खरगोश का संगीत राग रागेश्री
    पर आधारित है जो कि खमाज थाट का सांध्यकालीन राग है, स्वरों में कोमल निशाद
    और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं, पंचम इसमें वर्जित है, पर हमने इसमें अंत में पंचम का प्रयोग भी
    किया है, जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता
    है...

    हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर ने दिया है.
    .. वेद जी को अपने संगीत कि प्रेरणा जंगल में चिड़ियों
    कि चहचाहट से मिलती है...
    Also visit my site - फिल्म

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राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋतु के बाद मराठों के विरूद्ध क

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