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Showing posts from March, 2011

राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार - 2010 - 2011

1. सर्वोच्च मीरा पुरस्कार- उदयपुर के डॉ. ज्योतिपुंज को, उनकी काव्य कृति ‘बोलो मनु ! बोलते क्यों नहीं ’ पर, पुरस्कार स्वरूप इन्हें 31 हजार रुपए। 2. कविता विधा पर ‘सुधीन्द्र पुरस्कार’ जयपुर के गोविन्द माथुर को उनकी काव्य कृति ‘बची हुई हंसी’ पर। 3. कथा -उपन्यास विधा पर ‘डॉ. रांगेय राघव पुरस्कार’ जयपुर की मनीषा कुलश्रेष्ठ को उनकी कृति ‘कठपुतलियां ’ पर। 4. नाटक विधा पर ‘देवीलाल सामर पुरस्कार’ हरीश बी. शर्मा को उनकी कृति ‘गोपीचंद की नाव और देवता’ पर। 5. आलोचना विधा पर ‘देवराज उपाध्याय पुरस्कार’ जोधपुर के प्रो. मोहनकृष्ण बोहरा को उनकी कृति ‘एलियट और हिन्दी साहित्य चिंतन' पर। 6. ’विविध विधाएं पर ‘कन्हैयालाल सहल पुरस्कार’ चित्तौड़गढ़ जिले के बेगूं के नंदकिशोर चतुर्वेदी को उनकी यात्रा संस्मरण कृति ‘दिव्य देवालयों का देश दक्षिण भारत' पर। ( क्रम संख्या 2 से 6 तक के सभी पुरस्कार 15 - 15 हजार रुपए के हैं) 7. प्रथम प्रकाशित कृति ‘सुमनेश जोशी’ पुरस्कार - कोटा के ओम नागर को उनकी कृति ‘देखना एक दिन’ पर। 8. बाल साहित्य पर ‘शम्भूदयाल सक्सेना’ पुरस्कार भीलवाड़ा के डॉ. शम्भूनाथ तिवार

ब्यावर का प्रसिद्ध बादशाह मेला और बादशाह की सवारी

यूँ तो राजस्थान के सवारी नाट्य में से एक बादशाह की सवारी कई शहरों में निकाली जाती है किंतु अजमेर से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित ब्यावर कस्बे में हर साल बड़े धूमधाम से निकाली जाने वाली हिंदुस्तान के एक दिन के बादशाह की सवारी अत्यंत प्रसिद्ध है। इसे बादशाह का मेला भी कहा जाता है। यह सवारी उत्सव बादशाह अकबर के जमाने से ही यहाँ होली के दूसरे दिन प्रतिवर्ष मनाया जाता है जिसमें बादशाह के रूप में अकबर के नौ रत्नों में से एक राजा टोडरमल की सवारी निकाली जाती है। कहा जाता है कि अकबर ने खुश होकर राजा टोडरमल को एक दिन की बादशाहत सौंपी थी। बादशाहत मिलने के बाद टोडरमल इतना खुश हुए कि वे हाथी पर सवार होकर प्रजा के बीच आए और हीरे-मोती के अलावा सोने व चांदी की अशर्फियां लुटाकर उन्होंने अपनी खुशी प्रकट की थी। उस समय तो टोडरमल ने अशर्फियां लुटाई थी, लेकिन अब अशर्फियों की जगह गुलाल लुटाई जाती है। बादशाह से मिली खर्ची यानी गुलाल को लोग अपने घरो में ले जाते हैं। लोगों का विश्वास है कि खर्ची उनके घर में बरकत लाती है। यही कारण है कि बादशाह से खर्ची पाने के लिए बड़ी संख्या में लोग इस सवारी में उमड़ते हैं। कहा

Devnarayan ji, the deity of Gurjars गुर्जरों के आराध्य लोक देवता देवनारायण जी

लोक देवता देवनारायण जी या देवजी Rajasthan Study- राजस्थान के लोकदेवता : देवनारायण जी Rajasthan ke Lokdevata devnarayan ji देवजी का जन्म - राजस्थान के लोक देवता देवनारायण जी Rajasthan ke Lokdewata devnarayan ji का जन्म सन् 1243 के लगभग माघ शुक्ला छठ को बगड़ावत महाभारत के नायक पिता गुर्जर वीर भोजा (सवाई भोज) और माता साडू देवी खटाणी के घर मालासेरी की डूंगरी, आसीन्द (भीलवाड़ा) में हुआ था। इनका जन्म का नाम उदयसिंह (ऊदल जी) था। पिता भोजा इनके जन्म से पूर्व ही भिनाय के शासक से युद्ध करते हुए अपने 23 भाइयों सहित मारे गए थे। भिनाय के शासक से इनकी रक्षा करने के लिए इनकी माता इन्हें अपने पीहर मालवा लेकर चली गई, वहीं ननिहाल में इनकी परवरिश हुई। इन तथ्यों की पुष्टि 'मारवाड़ राज की पर्दुशमारी रिपोर्ट' तथा बीकानेर संग्रहालय में संरक्षित ग्रंथ 'अथ वात देवजी बगड़ावत री' से होती है। बड़े होकर देवजी गायों की रक्षा करने तथा अपने पूर्वजों की मौत का प्रतिशोध लेने भिनाय गए। वहाँ उनका भिनाय के शासक से भयंकर संघर्ष हुआ। इस युद्ध में उन्होंने उसे मौत के घाट उतार दिया एवं गायों

Jain Teerth Rishabhdev's Fair- जैन तीर्थ ऋषभदेव का मेला

प्रथम जैन तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के जन्म दिवस पर प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला प्रसिद्ध जैन तीर्थ ऋषभदेव का मेला चैत्र कृष्ण अष्टमी दिनांक 26 मार्च सुबह सुरक्षाकर्मियों द्वारा दी गई 21 बंदूकों से सलामी के साथ शुरू हुआ। मेले का आगाज होते ही मंगला के दर्शन खुले, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में भक्तों ने मंदिर में पहुँच कर पूजा अर्चना की। मेले के पहले दिन दोपहर 12.30 बजे विधि विधान के साथ मंदिर शिखर पर ध्वजा चढ़ाई गई। इसके बाद निकली शोभायात्रा में प्रभु ऋषभदेव की पालकी को निज मंदिर से पगल्याजी तक ले जाया गया। वहां भगवान की पूजा अर्चना की गई। इस मेले के तहत 26 मार्च रात को जन्म कल्याणक आरती और मंगलदीप आरती की गई जिसमें हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। मेले में दूरदराज के भक्तों की दिनभर आवाजाही रही। मेले के दूसरे दिन भगवान ऋषभदेव का मंगला दर्शन के पश्चात दुग्धाभिषेक तथा जलाभिषेक किया गया। सुबह की आरती के बाद दिनभर केसरिया जी भगवान की केसर पूजा चली जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने कालिया बाबा ऋषभदेव को केसर चढ़ाई। दोपहर को आंगी धराने के साथ ही शिखर पर जयकारों के साथ ध्वजा भी च

राइट टू री-कॉल के तहत मतदाता हटा सकेंगे निकायों के अध्यक्ष को

राज्य विधानसभा द्वारा नगर पालिका कानून की धारा 53 में किए गए संशोधन के अनुसार अब राजस्थान में भी ठीक ढंग से काम नहीं करने वाले महापौर, सभापति और नगर पालिका अध्यक्षों को वापस बुलाने का अधिकार ( राइट टू रिकॉल ) मतदाताओं को होगा। इसके लिए दो तिहाई पार्षदों को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देना होगा, लेकिन अध्यक्ष को जनमत संग्रह (वोटिंग) के आधार पर ही हटाया जा सकेगा। दो साल बाद हटा सकेंगे: नगर पालिका कानून की धारा 53 में किए गए संशोधन के अनुसार निकाय प्रमुख के खिलाफ पद ग्रहण करने की तारीख से दो साल तक और उपचुनाव में जीतकर आए अध्यक्ष के खिलाफ उसके आधे कार्यकाल तक अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। यह होगी हटाने की प्रक्रिया: निकाय अध्यक्ष को हटाने के लिए तीन-चौथाई पार्षद कलेक्टर को लिखित आवेदन करेंगे। *. कलेक्टर अविश्वास प्रस्ताव का आवेदन करने वाले पार्षदों का सत्यापन करेंगे। *. 7 दिन में अपनी शंका का समाधान करने के बाद वे 14 दिन के अंदर संबंधित निकाय में साधारण सभा की बैठक बुलाएंगे। *. इसकी अध्यक्षता उनके मनोनीत प्रतिनिधि करेगा। *. साधारणसभा में तीन-चौथाई बहुमत से अविश्वास

समसामयिक घटनाचक्र

ऊर्जा संरक्षण भवन दिशा निर्देशों से संबंधित अधिसूचना का अनुमोदन- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रिमण्डल की दिनांक 22 मार्च को हुई बैठक में भवनों में ऊर्जा के दक्ष उपयोग एवं इसके संरक्षण के लिए ऊर्जा संरक्षण भवन दिशा निर्देशों से संबंधित अधिसूचना का अनुमोदन किया गया। यह दिशा निर्देश सौ किलोवाट लोड से अधिक उपयोग करने वाले व्यावसायिक भवनों पर लागू होगा। इन दिशा निर्देशों की पालना से 30 से 40 प्रतिशत बिजली की बचत हो सकेगी। रेफल्स विश्वविद्यालय नीमराना ( अलवर ) विधेयक, 2011 पारित- राज्य विधानसभा ने 22 मार्च को रेफल्स विश्वविद्यालय नीमराना ( अलवर ) विधेयक, 2011 ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक में गोम्बर एजुकेशन फाउण्डेशन, नई दिल्ली को राज्य में निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालय स्थापित करने की अनुमति दी गई है। इससे राज्य में विश्वस्तरीय उत्कृष्ट शोध, अनुसंधान एवं अध्ययन सुविधाओं का सृजन होगा। निःशक्तजनों के पेंशन नियमों में संशोधन- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निःशक्तजन पेंशन नियमों की आय सीमा में संशोधन की स्वीकृति प्रदान की है। अब जिन परिवार की सम्मिलित वार्षिक आय स

डूंगरपुर के भीलूड़ा गाँव की मशहूर पत्थरमार होली -

आदिवासी बहुल वागड़ क्षेत्र के डूंगरपुर जिले के भीलूड़ा गाँव में खेली जाने वाली पत्थरमार होली राजस्थान भर में अपनी तरह की अनूठी एवं मशहूर होली है जिसमें लोग रंग, गुलाल तथा अबीर के स्थान पर एक दूसरे पर जमकर पत्थरों की बारिश करते हैं। इस गाँव की वर्षों पुरानी इस परम्परा के अनुसार होली के दूसरे दिन धुलेंडी पर्व पर शाम को इस रोमांचक होली का आयोजन होता है। इस होली को देखने आसपास के कई गाँवों से हजारों की संख्या में ग्रामीण इकठ्ठे होते हैं। शाम ढलते ढलते पत्थरमार होली खेलने वाले लोग गाँव के श्रीरघुनाथ मन्दिर के सामने के मैदान में जमा हो जाते हैं और इस पत्थरमार होली की शुरूआत करते हैं। सबसे पहले आमने सामने पत्थर उछालने से यह अनूठा कार्यक्रम शुरू होता है। इस विचित्र होली के दौरान वीर रस की धुन पर ढोल नगाड़ों का वादन चलता रहता है और यह कार्यक्रम परवान चढ़ता जाता है। जैसे जैसे नगाड़े की आवाज तेज होती जाती है वैसे वैसे पत्थरों की बारिश भी तेज होती जाती है। बाद में पत्थरों की मार से छितराए समूहों पर पत्थर फेंकने के लिए गोफण ( रस्सी से बनी पारंपरिक गुलैल ) भी प्रयुक्त की जाती है।   स्थानीय अ

समसामयिक घटनाचक्र

कोटा में खुलेगा ट्रिपल आई टी- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी ( आईआईआईटी अथवा ट्रिपल आईटी ) की स्थापना एजुकेशन सिटी कोटा में प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप- पीपीपी के अंतर्गत की जाएगी। राष्ट्रीय स्तर के इस संस्थान को कोटा में खोले जाने की घोषणा पिछले दिनों राज्य सरकार द्वारा की गई। यह राज्य की पहली ट्रिपल आईटी पीपीपी होगी तथा इसे न लाभ-न-हानि आधार पर संचालित किया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार से 50 प्रतिशत, राज्य सरकार से 35 प्रतिशत और किसी प्राइवेट उद्योग समूह से 15 प्रतिशत निवेश होगा। राज्य सरकार की ओर से निशुल्क जमीन के अलावा भवन, लैब व उपकरणों के लिए 85 प्रतिशत मदद मिलेगी। बाद में स्टाफ नियुक्त करने और संचालित करने की जिम्मेदारी उद्योग समूह की होगी। वैधानिक प्रक्रिया पूरी न हो पाने से नहीं खुली शेखावाटी यूनिवर्सिटी- शेखावाटी विश्वविद्यालय खोलने के मामले में सरकार ने हाल ही में विधानसभा में कहा है कि वैधानिक प्रक्रिया पूरी होने पर ही यह यूनिवर्सिटी खोली जाएगी। गौरतलब है कि इस यूनिवर्सिटी को खोलने की घोषणा पिछली भाजपा सरकार ने अपने बजट भाषण में 17 मार्च 2008 को की थी। उस व

दशामाता का त्यौहार

राजस्थान के विभिन्न अंचलों में दशामाता का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। जब मनुष्य की दशा ठीक होती है तब उसके सभी कार्य अनुकूल होते हैं किंतु जब दशा प्रतिकूल होती है तब अत्यंत परेशानी होती है। इसी दशा को दशा भगवती या दशा माता कहा जाता है। अपने परिवार की दशा उत्तम रखने के निमित्त हिंदू धर्म में दशा माता की पूजा तथा व्रत करने का विधान है। दस दिनों तक होती है दशामाता की पूजा किन्तु मुख्य पूजा होती है चैत्र कृष्ण दशम को- दशा माता का पूजन होली के दूसरे दिन अर्थात चैत्र कृष्ण 1 से ही प्रारंभ हो जाता है जब महिलाएँ स्नान कर के दशा माता के थान पर धूप दीपक और घी गुड़ का प्रसाद एवं गेहूँ आदि अनाज के आखे अर्पित करके दशा माता की कथा, जिसे स्थानीय भाषा में  ''दशा माता री वात'' कहते हैं, का श्रवण करती है। महिलाएं 10 दिनों तक रोजाना दशा माता की अलग अलग कहानियों को कहती व श्रवण करती है। दसवें दिन अर्थात चैत्र कृष्ण दशमी  को दशा माता का मुख्य त्यौहार मनाया जाता है । इस दिन महिलाओं द्वारा व्रत रखा जाता है तथा पीपल का पूजन कर दशामाता की कथा सुनी जाती है। इस दिन घरों में प

चारभुजा नाथ का फागोत्सव मेला

चारभुजा नाथ का फागोत्सव मेला- चारभुजा नाथ का फागोत्सव मेला मेवाड़ के चार धामों में से एक भगवान चारभुजानाथ राजसमंद जिले के गढ़बोर ग्राम में स्थित हैं जहाँ वर्षों पुरानी परंपरा के अनुसार दो बड़े धार्मिक मेले लगते हैं-  1. पहला भादवा शुक्ल जलझूलनी एकादशी का मेला और  2. दूसरा होली के दूसरे दिन से प्रारंभ हो कर पंद्रह दिन तक चलने वाला फागोत्सव मेला।  भक्तों की मान्यता के अनुसार पांडव कालीन कृष्ण मूर्ति वाले इस मंदिर में इस दौरान प्रतिदिन गुलाल व अबीर उड़ा कर फाग को उत्सव पूर्वक मनाया जाता है।  फाग के इन्द्रधनुषी रंगों में सराबोर होने के लिए दूरदराज से बड़ी तादाद में भक्त जन इस तीर्थ स्थली में आते हैं। इस फागोत्सव के दौरान पंद्रह दिन तक भगवान की प्रतिमा को रेवाडी में झूलाया जाता है और पुजारी रसिया गाते हैं।  रंगपंचमी को भगवान के बाल स्वरूप को सोने व चाँदी की पिचकारियों से रंग खेलाने की अनूठी परंपरा है।  इस वर्ष यह मेला 20 मार्च से लेकर 2 अप्रैल तक चलेगा।  इस मेले में प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी शीतला सप्तमी को शीतला माता की पूजा के उपरांत गाँव भर में प्रातः रंग खेला जाएग

परीक्षापयोगी समसामयिक सामान्य जानकारी

राजस्थान में मृदा एटलस जारी - मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के मृदा नामक एटलस का लोकार्पण 6 दिसंबर 2010 को किया। राजस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संकलित इस एटलस में राजस्थान की 344 मृदा श्रेणियों की पहचानकर उनका वर्गीकरण दिया गया है। कृषि, सिंचाई, वन, शहरों के फैलाव, भूमि संरक्षण आदि के अनुरूप इन मृदाओं की क्षमता का कुल छह श्रेणियों में भी वर्गीकरण है। राज्य सरकार की विभिन्न विभागों की योजनाओं की क्रियान्विति में मृदा एटलस उपयोगी बताया गया है। कालबेलिया नृत्य पर डाक टिकट - भारतीय डाक विभाग ने भारत और मैक्सिको के मध्य राजनयिक संबंध के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 15 दिसंबर 2010 को दो स्मारक डाक टिकट जारी किए गए। इन डाक टिकटों में एक पर राजस्थान के कालबेलिया नृत्य को दर्शाया गया है, जबकि दूसरे पर मैक्सिको का राष्ट्रीय नृत्य जराबे टपाटियो को चित्रित किया गया है। गौर तलब है कि भारत और मैक्सिको के बीच वर्ष 1950 में राजनयिक संबंध स्थापित हुआ था। विदेश राज्यमंत्री के स्तर पर एक द्विपक्षीय संयुक्त आयोग का वर्ष 1984 में गठन हुआ था और इस आयोग पर ही द्विपक्षीय स

भरतपुर की होली

सभी पाठकों को होली की शुभकामनाएँ राजस्थान के विभिन्न इलाकों में होली अलग अलग तरीकों से अलग ही अंदाज व अनूठी परंपरा के साथ मनाई जाती है। राजस्थान का भरतपुर क्षेत्र ब्रज का भाग होने से वहाँ की संस्कृति पर ब्रजांचल का पूरा प्रभाव है। यहाँ होली अत्यंत ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है। ब्रजांचल फाल्गुन के आगमन के साथ ही होली के रंग में रंगना शुरू हो जाता है। यहाँ होली की परंपरा अत्यंत ही प्राचीन है तथा कृष्ण भक्ति से ओतप्रोत है। कृष्ण भक्ति के रस में डूबे हुए होली के रसिया गीत ब्रज की धरोहर है, जिनमें नायक ब्रजराज रास बिहारी भगवान श्रीकृष्ण तथा नायिका ब्रजेश्वरी राधारानी को ह्रदय के अंतरतम में विराजमान करके भक्ति भावना से हुरियारे लोग रसिये गाते हुए रंगों से सराबोर होते हुए होली खेलते हैं। ब्रज के गाँव गाँव में ब्रजवासी अपने लोकवाद्य "बम" के अलावा ढप, ढोल एवं झांझ बजाते हुए रसिया गाते हैं। डीग ब्रज की ह्रदयस्थली है, होली उत्सव में यहाँ की ग्रामीण महिलाएँ अपने सिर पर भारी भरकम चरकुला रखकर उस पर जलते दीपकों के साथ नृत्य करती हैं। चरकुला यहाँ का प्रसिद्ध लोकनृत्य है। संपूर्ण ब्रज मे

राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के प्राचीन नाम

1. यौद्धैय - श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ के पास का क्षेत्र 2. अहिच्छत्रपुर - नागौर { जांगल प्रदेश की राजधानी } 3. गुर्जरत्रा - जोधपुर पाली 4. वल्ल /दुंगल/माड - जैसलमेर 5. स्वर्णगिरि - जालोर 6. चंद्रावती - आबू 7. शिव/मेदपाट या प्राग्वाट/मेवाड़ - उदयपुर चित्तौड़ 8. वागड़ - डूंगरपुर बाँसवाड़ा 9. कुरू - अलवर 10. शूरसेन/ब्रजभूमि - भरतपुर करौली धौलपुर 10. हय हय/ हाड़ौती - कोटा बूँदी झालावाड़ 11. विराट/बैराठ - अलवर जयपुर 12. जांगल - बीकानेर जोधपुर 13. शाकम्भरी - सांभर 14. ढूंढाड़ - जयपुर टौंक 15. मालव देश - प्रतापगढ़ व झालावाड़ 16. आलौर - अलवर 17. कांठल - प्रतापगढ़ 18. मत्स्य प्रदेश - भरतपुर अलवर का क्षेत्र 19. गोपालपाल - करौली 20. आर्बुद प्रदेश - सिरोही 21. गोंडवाड़ा - जालोर व पाली का कुछ भाग 22. ब्रजनगर - झालरापाटन

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज -
18 मार्च 2011

1. राजस्थान के एकीकरण के चतुर्थ चरण में किस शहर को वृहद राजस्थान की राजधानी बनाया गया? उत्तर - जयपुर को 2. राजस्थान के एकीकरण के चतुर्थ चरण में 30 मार्च 1949 को बने वृहद राजस्थान का राजप्रमुख किसे बनाया गया था? उत्तर - मानसिंह II को 3. राजस्थान के एकीकरण के चतुर्थ चरण में 30 मार्च 1949 को बने वृहद राजस्थान का मुख्यमंत्री { प्रथम मुख्यमंत्री } किसे मनोनीत किया गया था? उत्तर - हीरालाल शास्त्री को 4. राजस्थान के एकीकरण के चतुर्थ चरण में 30 मार्च 1949 को बने वृहद राजस्थान का उद्घाटन किसने किया था? उत्तर - सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 5. राजस्थान दिवस 30 मार्च को क्यों मनाया जाता है? उत्तर - राजस्थान के एकीकरण के चतुर्थ चरण में 30 मार्च 1949 को वृहद राजस्थान बनने के कारण 6. राजस्थान एकीकरण के पंचम चरण में 15 मई 1949 को मत्स्य संघ, वृहद राजस्थान और नीमराना ठिकाने को संयुक्त कर बनाए गए राज्य का नाम क्या रखा गया? उत्तर - संयुक्त वृहद राजस्थान 7. राजस्थान एकीकरण के पंचम चरण में 15 मई 1949 को गठित संयुक्त वृहद राजस्थान की राजधानी क्या थी? उत्तर - जयपुर 8. राजस्थान एकीकरण क

खाटूश्याम जी का मेला संपन्न

सीकर जिले में स्थित खाटूश्याम जी का फाल्गुन शुक्ला एकादशी का मुख्य लक्खी मेला दिनांक 16 मार्च को भरा गया। इस दिन करीब साढ़े तीन लाख श्रद्धालुओं ने मंदिर में हाजिरी लगा कर दर्शन किए। इस मेले में 17 किमी दूर रींगस से लेकर खाटूश्याम नगर तक का प्रत्येक मार्ग श्रद्धालुओं से अटा पड़ा था। इसमें राजस्थान के साथ साथ हरियाणा, बनारस, दिल्ली, पंजाब, बंगाल व गुजरात से लाखों श्रद्धालु पहुंचे। बाबा श्याम के दर्शन के लिए रींगस से खाटूश्यामजी तक 17 किमी लंबी लाइन में लगना पड़ रहा था। अनुमान के मुताबिक एक मिनट में देश के कोने-कोने से आए करीब 360 श्रद्धालुओं ने शीश के दानी खाटूश्याम के दर्शन किए। इस बार बाबा के मेले में अब तक लगभग 12 लाख श्रद्धालु जुटे। श्रद्धालुओं की भीड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रींगस से खाटूश्यामजी 20 मिनट मे पहुंचने वाले वाहन अब दो घंटों में पहुँच रहे थे। खाटू की तरफ जाने वाले सभी मार्ग श्याम भक्ति में रमे हुए थे। हर तरफ भक्तों का सैलाब उमड़ रहा था, जो श्याम के भजनों पर नाचते-गाते आ रहे थे। रींगस से ही माहौल केसरिया रंग में रंगा नजर आ रहा था। एकादशी पर बाबा श्याम

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज -
17 मार्च 2011


1. राजस्थान के एकीकरण के द्वितीय चरण में 25 मार्च 1948 को बनाए गए राजस्थान संघ का प्रधानमंत्री किसे बनाया गया था? उत्तर - श्री गोकुल चंद असावा को 2. राजस्थान संघ निर्माण 25 मार्च 1948 को हुआ। इसमें राजप्रमुख किसे बनाया गया था? उत्तर - महाराव कोटा श्री भीमसिंह को 3. राजस्थान स्थापना के द्वितीय चरण में बनाए गए राजस्थान संघ की राजधानी किस शहर को रखा गया? उत्तर - कोटा को 4. राजस्थान के एकीकरण में दिनांक 25 मार्च 1948 को कोटा, बूँदी, झालावाड़, बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, कुशलगढ़ ठिकाना, प्रतापगढ़, शाहपुरा और टौंक को मिला कर किस संघ की स्थापना की गई? उत्तर - राजस्थान संघ की 5. दिनांक 18 अप्रैल 1948 को राजस्थान संघ में किस रियासत को मिला कर संयुक्त राजस्थान की स्थापना की गई? उत्तर - उदयपुर को 6. दिनांक 18 अप्रैल 1948 को बनाए गए संयुक्त राजस्थान का प्रधानमंत्री किसे बनाया गया? उत्तर - माणिक्य लाल वर्मा को 7. राजस्थान स्थापना के तृतीय चरण में बनाए गए संयुक्त राजस्थान का राजप्रमुख किसे बनाया था? उत्तर - उदयपुर के महाराणा भूपालसिंह को 8. राजस्थान एकीकरण के तृतीय चरण में निर्मित स

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज -
16 मार्च 2011


1. राजस्थान की प्रथम महिला विधायक कौन थी जो 1953 में बांसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनावों में विधायक बनी थी? उत्तर - श्रीमती यशोदा देवी 2. राजस्थान के वो कौनसे नेता थे जो सम्पूर्ण देश में एक मात्र विधायक रहे जो प्रथम दस विधान सभा चुनावों में लगातार जीते थे? उत्तर - हरिदेव जोशी 3. राजस्थान की प्रथम लोकप्रिय ( उत्तरदायी ) सरकार श्री हीरालाल शास्त्री के नेतृत्व में 7 अप्रेल 1949 को गठित हुई तथा श्री शास्त्री राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बने। इससे पहले इस पद का नाम क्या था? उत्तर - प्रधानमंत्री 4. राजस्थान के प्रथम मनोनीत मुख्यमंत्री कौन थे? उत्तर - हीरालाल शास्त्री 5. 3 मार्च 1952 को राज्य की प्रथम लोकतान्त्रिक सरकार बनी जिसके प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री कौन बने? उत्तर - टीकाराम पालीवाल 6. राजस्थान में राजप्रमुख के स्थान पर राज्यपाल का पद को राज्य के पुनर्गठन के पश्चात 1 नवम्बर  1956 को सृजित हुआ। इस समय राज्य का प्रथम राज्यपाल किसे बनाया गया? उत्तर - सरदार गुरुमुख निहालसिंह को 7. सोलह मार्च 1948 को अलवर, भरतपुर, धौलपुर व करौली को मिलाकर बनाए गए मत्स्य संघ का प्रध

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज -
15 मार्च 2011


1. राजस्थान के प्रथम गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री कौन थे? उत्तर - भेरोसिंह शेखावत 2. राजस्थान के किस पूर्व राज्यपाल का विगत 2 जनवरी को निधन हुआ? उत्तर - बलिराम भगत का 3. राजस्थान का सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र कौनसा है? उत्तर - जैसलमेर 4. राजस्थान की प्रथम महिला विधायक का नाम क्या है? उत्तर - श्रीमती यशोदा देवी 5. राजस्थान की प्रथम महिला सांसद का नाम क्या है? उत्तर - श्रीमती शारदा भार्गव { प्रथम महिला राज्य सभा सदस्य 1952 } 6. राज्य से चुनी गई प्रथम महिला लोकसभा सदस्य कौन थी? उत्तर - महारानी गायत्री देवी 7. राजस्थान से केंद्रीय मंत्रिमंडल में केबिनेट मंत्री बनने वाले प्रथम व्यक्ति कौन थे? उत्तर - कालूलाल श्रीमाली  ( 1958- 1963) 8. राजस्थान से केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने वाली प्रथम महिला कौन थी? उत्तर -डॉ. गिरिजा व्यास 9. राज्य के पहले व एक मात्र अल्पसंख्यक मुख्यमंत्री कौन थे जिनका कार्यकाल के दौरान ही निधन हो गया था? उत्तर - बरकतुल्ला खां 10. एक नवंबर 1956 को अजमेर मेरवाड़ा का राजस्थान में विलय हो जाने के फलस्वरूप राज्य के पुनर्गठन के पश्चात विधान

राजस्थान के कला एवं संगीत संस्थान -
नाम और स्थान


1. रवीन्द्र मंच - जयपुर , स्थापना 1963 2. भारतीय लोक कला मंडल - उदयपुर , स्थापना 1952 3. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी - जोधपुर , स्थापना 1957 4. राजस्थान संगीत संस्थान - जयपुर , स्थापना 1950 5. पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र - उदयपुर , स्थापना 1986 6. रूपायन संस्थान - बोरून्दा , जोधपुर 7. जवाहर कला केन्द्र - जयपुर 8. राजस्थान स्कूल ऑफ आर्टस - जयपुर 9. कत्थक केन्द्र - जयपुर , स्थापना 1978 10. पं झाब्बरमल शोध संस्थान - जयपुर 11. राजस्थान ललित कला अकादमी - जयपुर , स्थापना 1957 12. महाराणा कुंभा संगीत संस्थान - उदयपुर 13. मीरा कला मंदिर - उदयपुर 14. गुरु नानक संस्थान - जयपुर 15. नाट्य विभाग , राजस्थान विश्वविद्यालय - जयपुर , स्थापना 1977

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज -
14 मार्च 2011

1. राजस्थान राज्य अभिलेखागार कहाँ स्थित है? उत्तर - बीकानेर में 2. राजस्थान की किस लोक कला में गोबर और फूल पत्तियों से दीवार पर पूजास्थल बनाकर चित्र अंकन किया जाता है? उत्तर - सांझी में 3. बूँदी में चित्रशाला का निर्माण किसके शासन काल में किया गया? उत्तर - महाराव उम्मेद सिंह 4. चित्रकला की अलवर शैली का प्रारंभ किसके शासन काल में हुआ? उत्तर - राजा प्रताप सिंह 5. उदयपुर में स्थित 'टखमण 28 ' नामक संस्था किसके विकास के लिए कार्यरत है? उत्तर - चित्रकला एवं मूर्तिकला के लिए 6. निहालचंद द्वारा बनाई गई चित्रकृति बनी - ठनी को भारतीय मोनालिसा नाम सर्वप्रथम किसके द्वारा दिया गया? उत्तर - एरिन डिक्सन द्वारा 7. पुस्तक प्रकाश चित्र संग्रहालय कहाँ स्थित है? उत्तर - जोधपुर में 8. प्रसिद्ध नृत्य गणेश मूर्ति कहाँ स्थित है? उत्तर - अलवर में 9. भित्ति चित्रों को दीर्घ काल तक सजीव बनाए रखने की आलेखन प्रणाली को क्या कहा जाता है? उत्तर - अरायशा 10. नाथद्वारा की पिछवाई चित्रकला की विषय वस्तु क्या होती है? उत्तर - कृष्ण की लीलाएं

परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण जानकारी

प्रदेश का पहला मुस्लिम महिला छात्रावास- वक्फ बोर्ड के तत्वावधान में प्रदेश का पहला मुस्लिम महिला छात्रावास अप्रैल में शुरू जयपुर में होगा। वक्फ बोर्ड ने मोती डूंगरी रोड स्थित मुस्लिम मुसाफिरखाने के पास छात्रावास के लिए के पास जगह चिह्नित कर दी और अब इसके निर्माण की कार्रवाई की जा रही है। राजधानी जयपुर की शिक्षण संस्थाओं में अध्ययन करने वाली छात्राओं को आवास के लिए दिक्कत होती थी। छात्रावास बनने पर उन्हें इससे मुक्ति मिलेगी। इस छात्रावास में दसवीं से कॉलेज स्तर की छात्राओं का प्रवेश हो सकेगा। वक्फ बोर्ड की बेवसाइट भी बनेगी - वक्फ बोर्ड ने देवस्थान विभाग की तरह राजकॉम्प को बेवसाइट बनाने का ठेका दिया है। इस बेवसाइट का कार्य भी अप्रैल माह तक पूरा हो जाएगा। *- लियाकत अली,चेयरमैन वक्फ बोर्ड। कुंभलगढ़-टॉडगढ़ रावली नेशनल पार्क बनेगा-   करीब 525 वर्ग किलोमीटर में फैले कुंभलगढ़ क्षेत्र को नेशनल पार्क के रूप में विकसित करने का वन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी फिलहाल रणथंभौर और भरतपुर के केवलादेव को नेशनल पार्क के

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज -
13 मार्च 2011

1. डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली का क्या नाम है? उत्तर - वागड़ी 2. जयपुर, किशनगढ़, टोंक लावा एवं अजमेर, मेरवाड़ा के पूर्वी अंचलों में बोली जाने वाली बोली कौनसी है? उत्तर - ढ़ूंढ़ाही 3. वह बोली कौनसी है जो राजस्थान के अलवर जिले की किशनगढ़, तिजारा, रामगढ़, गोविन्दगढ़ तथा लक्ष्मणगढ़ तहसील एवं भरतपुर जिले की कामां, डीग तथा नगर तहसील में बोली जाती है? उत्तर - मेवाती 4. बूंदी, कोटा तथा झालावाड़, बूंदी क्षेत्र में बोली जाने वाली बोली कौनसी है? उत्तर - हाड़ौती 5. अहीरवाटी बोली किस क्षेत्र में बोली जाती है? उत्तर - अलवर जिले की बहरोड़ तथा मुण्डावर एवं किशनगढ़ के पश्चिम भाग में 6. पश्चिमी अंचल में बोली जाने वाली राजस्थानी की प्रधान बोली का नाम क्या है? उत्तर - मारवाड़ी 7. जोधपुर, सीकर, नागौर, पाली, बीकानेर, सिरोही, बाड़मेर, जैसलमेर आदि जिलों तक राजस्थानी की किस बोली का प्रभाव है? उत्तर - मारवाड़ी 8. राजस्थानी की किस बोली में ए तथा ओ की ध्वनि का विशेष प्रयोग किया जाता है? उत्तर - मेवाड़ी 9. राजस्थान के किस अंचल में मालवी बोली का प्रभाव है?

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज -
10 मार्च 2010

1. राजस्थान में पाई गई ताम्र सभ्यता के रूप में प्रसिद्ध कौनसी सभ्यता ताम्रवती नगरी अथवा धूलकोट के नाम से भी प्रसिद्ध है जो लगभग 4000 वर्ष पूर्व विद्यमान थी? उत्तर - आहड़ सभ्यता 2. बीजक डूँगरी, भीम डूँगरी, मोती डूँगरी इत्यादि के नाम से विख्यात पुरातात्त्विक पहाड़ियां कहाँ स्थित है? उत्तर - बैराठ या विराटनगर में 3. बिजौलिया प्रशस्ति शिलालेख में चौहानों की उत्पत्ति किससे हुई बताई गई है? उत्तर - वत्सगौत्रीय ब्राह्मण से 4. सन् 1191 ई. में तराइन के प्रथम युद्ध में किस शासक ने मुहम्मद गौरी को परास्त किया था? उत्तर - पृथ्वीराज चौहान ने 5. मुहम्मद गौरी व पृथ्वीराज चौहान के बीच तराइन का प्रथम युद्ध किस सन् में हुआ जिसमें पृथ्वी राज की पराजय हुई? उत्तर - 1192 ई. में 6. चित्तौड़ पर दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय वहाँ का शासक कौन था? उत्तर - राणा रत्नसिंह 7. ‘पद्मावती’ नामक ग्रंथ में चित्तौड़ के राजा रत्न सिंह की सुंदर रानी पद्मिनी की कथा का वर्णन किया गया है। इसके रचियता कौन थे? उत्तर - मलिक मुहम्मद जायसी 8. जयपुर में सुदर्शनगढ़ (नाहरगढ़) किले का

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज -
9 मार्च 2011


1. शुक्र नीतिकारों ने दुर्ग के कितने प्रकार बताए हैं? उत्तर - नौ 2. जिस दुर्ग के चारों ओर खाई, कांटों और पत्थरों से दुर्गम मार्ग बने हो, उसे किस प्रकार का दुर्ग कहते हैं? उत्तर - एरण दुर्ग 3. जिसके चारों ओर बहुत गहरी व बड़ी खाई हो, ऐसे दुर्ग को क्या कहते हैं? उत्तर - पारिख दुर्ग 4. जो दुर्ग चारों ओर से बड़े - बड़े काँटेदार वृक्षों से घिरा हुआ होता है वह शुक नीति के अनुसार किस प्रकार का दुर्ग कहलाता है? उत्तर - वन दुर्ग 5. वह दुर्ग ओर जिसके चारो ओर मरूभूमि का फैलाव हो, इसे किस प्रकार का दुर्ग कहते हैं? उत्तर - धन्व या धान्वन दुर्ग 6. जो दुर्ग चारों ओर जल से घिरा हो वह शुक्र नीति के अनुसार किस श्रेणी में आता है? उत्तर - जल दुर्ग 7. अत्यधिक संख्या में चतुर वीर सैनिक वाले होने से अभेद्य माने जाने वाले दुर्ग को इस विशेषता के कारण किस दुर्ग श्रेणी का कहा जाता है? उत्तर - सैन्य दुर्ग 8. सहाय दुर्ग में किस प्रकार के लोग रहते हैं? उत्तर - शूर एवं अनुकूल आचरण करने वाले लोग 9. खाई, काँटे व पत्थरों के कारण दुर्गम जालौर दुर्ग को किस दुर्ग श्रेणी का कहा जाता है? उत्

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज -
8 मार्च 2011


1. निरंजनी संप्रदाय की प्रधान पीठ कहाँ स्थित है? उत्तर - डीडवाना में 2. रैदास की वाणियों को क्या कहा जाता है? उत्तर - रैदास की परची 3. दादू पंथ के प्रवर्तक संत दादूदयाल की मृत्यु 1605 में कहाँ हुई थी? उत्तर - नरायणा (जयपुर) में 4. जसनाथी सम्प्रदाय के संस्थापक जसनाथजी का जन्म कहाँ हुआ था? उत्तर - कतरियासर (बीकानेर) 5. संतपीपा का जन्म किस वंश में हुआ था? उत्तर - खींची राजपूत वंश में 6. संत पीपा की छतरी कहाँ स्थित है? उत्तर - गागरोन किला ( झालावाड़ ) में 7. निष्कलंक संप्रदाय की स्थापना किस लोक संत ने की थी? उत्तर - सन्त मावजी ने 8. बेणेश्वर धाम की स्थापना करने वाले लोकसंत मावजी का जन्म कहाँ हुआ था? उत्तर - साबला (डूँगरपुर) में 9. जोधपुर के महामंदिर में किस संप्रदाय की प्रधान पीठ स्थित है? उत्तर - नाथ संप्रदाय की 10. नागौर के पीपासर में पँवारवंशीय राजपूत परिवार में जन्मे किस लोक संत ने साम्प्रदायिक संकीर्णता, कुप्रथाओं एवं कुरीतियों का विरोध करने के साथ साथ पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाई थी और जिनके सिद्धान्त ‘29 शिक्षा’ के नाम से जाने जाते हैं? उत्तर -

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज -
6 मार्च 2011

1. रामदेवजी को किसका वंशज माना जाता है? उ. अर्जुन का 2. गोगाजी के स्थान सामान्यतः किस वृक्ष के नीचे होते हैं? उ. खेजड़ी के 3. ऊंट पालक राइका जाति सबसे ज्यादा किस लोकदेवता को अपना आराध्य देव मानती है? उ. पाबूजी को 4. चारण देवी आवड़माता का स्थान कहाँ स्थित है? उ. जैसलमेर में 5. चारण देवियों के भक्तों के स्तुतिपाठ क्या कहलाते हैं? उ. चरजा ( सिगाऊ व घाडाऊ ) 6. आईमाता के भक्त अधिकतर किस जाति के होते हैं? उ. सिरवी 7. खण्डेलवाल वैश्यों की कुलदेवी शाकम्भरी या सकराय का विख्यात मंदिर कहाँ स्थित है? उ. उदयपुरवाटी के निकट झुंझुनूं जिले में 8. आमेर के महल में किस लोकदेवी का मंदिर है? उ. शिलादेवी का 9. किस लोकदेवी के मंदिर को दरगाह कहा जाता है? उ. आईमाता के 10. अलवर जिले के राजगढ़ तहसील में नाई जाति की किस लोकदेवी का मंदिर है? उ. नारायणी माता का

टौंक की चारबैत लोक गायन शैली

>राजस्थान के टौंक में प्रचलित चारबैत लोक गायन शैली में गायक ढप बजाकर कव्वालों की तरह घुटनों के बल खड़े हो कर भावावेश में गीत गाते हैं। कुछ गायक ऊँची कूद लेकर ढप को उछालते हुए भी गाते हैं। >ये गायक दलों में होते हैं और इनकी प्रतियोगिता भी होती है। दलनायक एक एक बंद गाता है एवं सहयोगी उसकी पुनरावृत्ति करते हैं। >इसमें समस्यापूर्ति का प्रावधान भी होता है। अतः दल में एक आशुकवि भी होना जरूरी है जो प्रतिद्वंद्वी का उत्तर तुरंत रचना कर के देता है। >यह विधा मूलतः पठानी मूल की काव्य विधा है जिसका गायन पहले पश्तो भाषा में होता था। >भारत में इस कला को लोक भाषा में प्रस्तुत करने का श्रेय अब्दुल करीम खाँ को है। उनके द्वारा इसे लोक भाषा में प्रस्तुत करने के कारण परंपरागत उस्तादे ने उनका बहिष्कार भी किया था। >टौंक में चारबैत की परंपरा नवाब फैजुल्ला के समय प्रारंभ हुई थी। >टौंक में इसकी शुरुआत अब्दुल करीम खाँ द्वारा भेजे गए खलीफा करीम खाँ निहंग ने की थी। >इसमें मुस्लिम कलाकार धार्मिक परिधि से निकल कर राम और कृष्ण की महिमा के गीत भी गाते हैं। >इस समय इन चारबैत म

राजस्थान के लीला नाट्य

अवतारी महापुरुषों के स्वरूप धारण कर उनके जीवन चरित्र का अभिनय मंचन ही लीला नाट्य कहलाता है। इनमें राम और कृष्ण की जीवन से संबंधित लीलाओं के ही विभिन्न रूप मिलते हैं। 1. राम लीला - इसमें तुलसीकृत रामचरित मानस, कथा वाचक राधेश्याम की रामरामायण तथा केशव की रामचंद्रिका पर आधारित रामलीलाएं प्रमुखत: खेली जाती है। प्रमुख रामलीलाएं - >भरतपुर की रामलीला >कोटा के पाटूंदा गाँव की रामलीला - हाड़ौती के प्रभाव वाली। >कामां तहसील के जुरहरा की प्रसिद्ध रामलीला - जुरहरा की रामलीला में पंडित शोभाराम की लिखी लावणीयां बड़ी लोकप्रिय है। यह पूरा गाँव ही रामलीला की पावन स्थली है। अलवर के हिन्दी के प्राध्यापक डॉ जीवन सिंह के ठाकुर घराने द्वारा संरक्षित है। वो स्वयं भी रावण का बहुत अच्छा अभिनय करते हैं। >बिसाऊ की रामलीला - मूकाभिनय और मुखौटों के लिए प्रसिद्ध। राम, चारों भाई व अन्य पात्र मुखौटे पहनते हैं। >अटरू की धनुषलीला - इसमें धनुष राम द्वारा नहीं तोड़ा जाता है बल्कि विवाह योग्य युवकों द्वारा तोड़ा जाता है। मान्यता है कि इसके पश्चात इनका विवाह शीघ्र हो जाता है। >माँगरोल की ढ

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज -
5 मार्च 2011

1. रैदास की छतरियां कहाँ स्थित है? उत्तर - चित्तौड़गढ़ में 2. पीतल का बना हुआ वह कौनसा सुषिर वाद्य है जो सरगड़ों का खानदानी वाद्य भी है? उत्तर - बाँकली 3. मीरा बाई के पति का नाम क्या था? उत्तर - भोज राज 4. किस हिन्दू राजा को अभिनव भरताचार्य, हिन्दू सुरताण आदि उपाधियों से जाना जाता है? उत्तर - राणा कुम्भा को 5. राजस्थान के किस राजा ने संगीतराज, संगीत मीमांसा ग्रन्थ और गीत गोविंद पर रसिक प्रिया नामक टीका लिखी थी। उत्तर - राणा कुम्भा ने 6. राजस्थान के किस क्षेत्र का प्राचीननाम शिवि, प्राग्वाट, मेदपाट आदि भी था? उत्तर - मेवाड़ का 7. झुंझुनुँ जिले में कृष्ण जन्माष्टमी पर लगने वाले मेले का नाम क्या है? उत्तर - नरहड़ का मेला या शक्कर बाबा की दरगाह का मेला 8. पृथ्वीराज राठौड़ द्वारा लिखित किस पुस्तक को पांचवाँ वेद कहा जाता है? वेलिक्रसन रूक्मणी री 9. वीर भाण द्वारा रचित किस ग्रंथ में मुगल सेना के विरुद्ध राठौड़ों द्वारा लड़े गए युद्ध का वर्णन है? उत्तर - राजरूपक में 10. ’मारवाड रा परगना री विगत‘ पुस्तक के लेखक कौन थे? उत्तर - मुहणोत नैणसी 11. किन क्षेत्रों के 1 नवम

राजस्थान सामान्य ज्ञान क्विज -
4 मार्च 2011


1. अवैध एवं हथकढ़ मदिरा के कारोबार से जुड़े परिवारों के पुनर्वास हेतु उस महत्वकांक्षी योजना का नाम क्या है , जिसे सर्वप्रथम प्रायोगिक तौर पर जोधपुर जिले में लागू किया गया , लेकिन अब इस योजना को राजस्व के समस्त जिलों में चलाया जा रहा है ? उत्तर - नवजीवन योजना 2. राज्य में पहली बार पंचायत समिति स्तर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंतर्गत कौनसा नया पद सृजित किया गया है ? उत्तर - सामाजिक सुरक्षा अधिकारी 3. जनसाधारण की समस्याओं और शिकायतों का पारदर्शिता एवं जबावदेही के साथ निस्तारण के लिए राज्य के सभी 244 उपखण्ड अधिकारी कार्यालयों में "ई-सुगम" प्रणाली किस दिनांक तक अनिवार्य रूप से प्रारम्भ करने का निर्णय सरकार द्वारा किया गया है ? उत्तर - 1 अप्रैल , 2011 तक 4. सवाई जयसिंह ने किस सन् में जयपुर नगर की स्थापना की थी जिसके वास्तुकार पं.विद्याधर भट्टाचार्य थे ? उत्तर - 1727 ई. में 5. मिर्जा राजा जयसिंह ने शिवाजी को औरंगजेब के दरबार में आने के लिए राजी किया तथा शिवाजी के साथ 11 जून , 1665 को एक संधि की थी , इस संधि को किस नाम से जाना जाता है ? उत्त