राजस्थान में मृदा एटलस जारी -
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के मृदा नामक एटलस का लोकार्पण 6 दिसंबर 2010 को किया। राजस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संकलित इस एटलस में राजस्थान की 344 मृदा श्रेणियों की पहचानकर उनका वर्गीकरण दिया गया है। कृषि, सिंचाई, वन, शहरों के फैलाव, भूमि संरक्षण आदि के अनुरूप इन मृदाओं की क्षमता का कुल छह श्रेणियों में भी वर्गीकरण है। राज्य सरकार की विभिन्न विभागों की योजनाओं की क्रियान्विति में मृदा एटलस उपयोगी बताया गया है।
कालबेलिया नृत्य पर डाक टिकट -
भारतीय डाक विभाग ने भारत और मैक्सिको के मध्य राजनयिक संबंध के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 15 दिसंबर 2010 को दो स्मारक डाक टिकट जारी किए गए। इन डाक टिकटों में एक पर राजस्थान के कालबेलिया नृत्य को दर्शाया गया है, जबकि दूसरे पर मैक्सिको का राष्ट्रीय नृत्य जराबे टपाटियो को चित्रित किया गया है। गौर तलब है कि भारत और मैक्सिको के बीच वर्ष 1950 में राजनयिक संबंध स्थापित हुआ था। विदेश राज्यमंत्री के स्तर पर एक द्विपक्षीय संयुक्त आयोग का वर्ष 1984 में गठन हुआ था और इस आयोग पर ही द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं का दायित्व है।
राज्य की वार्षिक योजना का आकार बढ़ेगा -
योजना भवन नई दिल्ली में 22 फरवरी को योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मध्य हुए विचार विमर्श के पश्चात राज्य के वार्षिक योजना के मसौदे को अंतिम रूप दिया गया जिसमें योजना आयोग ने राजस्थान की वर्ष 2011-12 की वार्षिक योजना का आकार 27 हजार 500 करोड़ रुपये तय किया है। यह राजस्थान की अब तक की सबसे बड़ी वार्षिक योजना है। यह योजना वर्ष 2010-11 के लिए योजना आयोग द्वारा स्वीकृत की गई वार्षिक योजना 24,000 करोड़ रुपए से 3500 करोड़ रुपए अधिक है।
>वार्षिक योजना 2011-12 में सर्वोच्च प्राथमिकता ऊर्जा क्षेत्र को दी गई है जबकि सामाजिक एवं सामुदायिक सेवाओं को द्वितीय प्राथमिकता दी गई है। इन पर योजना राशि की क्रमशः 44 एवं 30 प्रतिशत राशि व्यय किया जाना प्रस्तावित है।
>राज्य की 2010-11 की वार्षिक योजना मे भी ऊर्जा क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई थी लेकिन केन्द्र सरकार से कोल ब्लॉक्स का आवंटन नहीं होने कारण योजना लक्ष्यों को पाने में कठिनाई रही जिससे 3700 करोड़ रुपए का कम व्यय होने की संभावना है।
पुलिस अधिकारी फूल मोहम्मद की दर्दनाक मौत-
सवाई माधोपुर जिले के सूरवाल गांव में गुरुवार दिनांक 17 मार्च को मानटाउन थाना अधिकारी फूल मोहम्मद को एक अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम में आंदोलनरत उग्र भीड़ ने जिंदा जला दिया गया। यह घटना उस समय हुई जब वे एक महिला दाखाबाई की लुटेरों द्वारा हत्या हो जाने के विरोध में गाँव की जनता द्वारा किए जा रहे आंदोलन के समय ड्यूटी पर थे कि आंदोलन का नेतृत्व कर रहे एक छात्र नेता राजेश मीणा ने पानी की टंकी पर चढ़ कर खुद को आग लगा ली और वहाँ से कूद कर अपनी जान दे दी थी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने फूल मोहम्मद को शहीद का दर्जा देने, परिवार को 25 लाख, बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाने, एमआईजी मकान और आश्रित को नौकरी देने की घोषणा की।
घटना के दौरान वहां मौजूद पुलिस अधिकारी तथा जवान भीड़ को देख हवाई फायर करते हुए भाग गए। शहीद सीआई फूल मोहम्मद का शव शुक्रवार दिनांक 18 मार्च को उनके पैतृक गांव खीरवा (सीकर) में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
छात्र नेता राजेश मीणा ने दी जान -
सवाई माधोपुर जिले के सूरवाल कस्बे में एक वृद्धा दाखा बाई की हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर दिनांक 17 मार्च को छात्र नेता राजेश मीणा बाईस मीटर ऊंची पानी की टंकी से आग लगाकर कूद गया। राजेश की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के बाद गुस्साई करीब तीन हजार लोगों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और मौके पर खड़े सवाई माधोपुर के मानटाउन थाना प्रभारी फूल मोहम्मद की जीप तथा एक अन्य जीप को घेर लिया और आग लगा दी। थाना प्रभारी जीप में जिंदा जल गए। राजेश मीणा राजस्थान विश्वविद्यालय में वर्ष 2010 में छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ चुका है। राजेश लोक प्रशासन से एमए कर रहा था।
अंपायरों का स्टिंग ऑपरेशन-
एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में उदयपुर के बलवंत शर्मा, जोधपुर के राजेश शर्मा व तपेश कौशिक सहित छह अंपायरों को टूर्नामेंट में फिक्सिंग के लिए राजी होते दिखाया गया था। इसके पश्चात बीसीसीआई ने इस स्टिंग ऑपरेशन में फंसे राजस्थान के दो अंपायरों राजेश शर्मा एवं तपेश कौशिक को निलंबित कर दिया। बोर्ड ने दिल्ली के देवेंद्र शर्मा को वर्ल्डकप में आईसीसी के सहयोगी की भूमिका से भी हटा दिया। बलवंत शर्मा रिटायर्ड हो चुके है इसलिए उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
राजस्थान की बेटी लता राठौर चुनी गई मुंबई में फायर वुमेन-
राजस्थान की निवासी 25 वर्षीया लता प्रेम सिंह राठौर मुंबई फ़ायर ब्रिगेड के इतिहास में पहले ‘फ़ायरवुमन दल' की सदस्य चुनी गई। 800 मीटर दौड़, चालीस किलोग्राम वजन उठा कर दौड़ना और वजन लेकर सीढ़ी चढ़ने जैसे कई परीक्षणों वाली कठिन चयन प्रक्रिया के बाद चुनी गईं पहली और केवल चार महिला सदस्यों में लता भी शामिल है।
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