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समसामयिक घटना चक्र-

जोधपुर के पूर्व नरेश गजसिंह को मिला आइटो हॉल ऑफ फेम अवार्ड

जोधपुर के पूर्व नरेश गजसिंह को भारतीय पर्यटन तथा होटल उद्योग के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए गुजरात के गांधीनगर में आयोजित एक समारोह में ‘आइटो हॉल ऑफ फेम अवार्ड-2011’ प्रदान किया गया। इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स नई दिल्ली की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी थे तथा विशिष्ट अतिथि केंद्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय व गुजरात के पर्यटन मंत्री नर्मदा शंकर व्यास थे।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय ठाकुर के अनुसार प्रति वर्ष यह पुरस्कार ऐसे व्यक्ति को प्रदान किया जाता है जिनके द्वारा किसी विशेष क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान किया गया हो। अब तक यह पुरस्कार राय बहादुर एमएस ऑबेरॉय, सर एडमंड्स हिलेरी, पंडित रविशंकर, जगमोहन, प्रफुल्ल पटेल, वसुजीत बैनर्जी को दिया जा चुका है।


डॉ. एस के गोयल को एपीआई का सर्वोच्च सम्मान

एसोसिएशन ऑफ फिजीशियन्स ऑफ इंडिया (ए. पी. आई.) ने कोटा के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. एस.के. गोयल को वर्ष 2011 का अति-विशिष्ट मेम्बर पुरस्कार के लिए चयनित किया है। डॉ. गोयल इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले राज्य के पहले फिजीशियन हैं। उनके द्वारा चिकित्सक के तौर पर दी जा रही 46 वर्षों की उत्कृष्ट सेवाओं के लिए उन्हें 12 जनवरी 2012 को कोलकाता में सम्मानित किया जाएगा। पिछले 20 वर्षों से दिया रहा यह पुरस्कार एपीआई का सर्वोच्च सम्मान है तथा इसे पूरे देश में से केवल एक ही फिजीशियन को दिया जाता है। एपीआई की कोटा चेप्टर अध्यक्ष डॉ. मीनाक्षी शारदा ने बताया कि डॉ. गोयल राज्य के वरिष्ठ चिकित्सक हैं। वे वर्ष 1994 में इंडियन कॉलेज ऑफ फिजीशियन की फैलोशिप पाने वाले भी चिकित्सा विभाग में कार्यरत राज्य के पहले फिजीशियन थे। वे इसके डीन भी रहे। एपीआई में वे राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर 23 वर्ष से सक्रिय हैं।

सूरज बरडिया बनी तेरापंथ संघ के महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष

राजस्थान के गंगा शहर निवासी हाल कोलकाता में रह रही सूरज बरडिया को जैन श्वेताम्बर धर्म के अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। उन्हें राजसमंद जिले के केलवा में आयोजित निर्वाचन में इस पद के चुना गया। 20 वर्षों से कोलकाता में धर्म संघ का प्रचार-प्रसार करने में जुटी सूरज इससे पूर्व तेरापंथ संघ की राष्ट्रीय कार्यसमिति में महामंत्री और उपाध्यक्ष के पद पर कार्य कर चुकी है।

जापान में छाएगी सीकर में आविश्कृत मशीन

सीकर में एक सामान्य व्यक्ति द्वारा बनाई गई मूंगफली खोदने में उपयोगी एक मशीन अब जापान में भी छाएगी। स्थानीय आविष्कारक युसूफ खां जेवली की इस मशीन का जापान से प्रकाशित होने वाली विज्ञान एवं तकनीकी पत्रिका मैट्रो मिनट्स में प्रकाशन के लिए चयन किया गया है। इस पत्रिका ने भारत से ऐसे दस लोगों का चयन किया है, जिन्होंने बिना किसी तकनीकी दक्षता के परंपरागत ज्ञान की सहायता से इस तरह का मौलिक आविष्कार किया है। इस संबंध में हाल ही में मैट्रो मिनट्स पत्रिका के सीईओ टाकउटो मोटोमूरा व अन्य प्रतिनिधि सीकर आए तथा उन्होंने इस मशीन की जानकारी लेकर स्वीकार किया कि यह मशीन काफी उपयोगी है। इसी कारण इस मशीन के निर्माण की विधि और लाभ की जानकारी विस्तार से इस पत्रिका में प्रकाशित की जाएगी। इसके अलावा जापान में आयोजित की जाने वाली वर्कशॉप में भी इसे स्थान दिया जाएगा। इस वर्कशॉप में युसूफ खां जापानी विद्यार्थियों को इस मशीन के निर्माण के बारे में जानकारी देंगे। यह वर्कशॉप अगले वर्ष दिसम्बर में होगी। उल्लेखनीय है कि इस मशीन के लिए युसूफ खां जेवली को राष्ट्रपति पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।

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हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋतु के बाद मराठों के विरूद्ध क

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