15 सौ वर्ष पुराने शिव मंदिर के अवशेष मिले बूंदी जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी दूर भीमलत के पास जंगल में चौथी-पांचवी शताब्दी के गुप्तकालीन शिव मंदिर के भग्नावशेष मिले हैं। इन अवशेषों के आधार पर पुरातत्वविज्ञ इस मंदिर को 1400-1500 वर्ष पुराना बता रहे हैं। पुरा अन्वेषको के अनुसार हाड़ौती में ईंटों से निर्मित इस तरह का ये पहला मंदिर है। खंडहर अवस्था में मिले मंदिर का गर्भगृह व मंडप क्षतिग्रस्त है। गर्भगृह में अत्यंत सुंदर व कलात्मक शिवलिंग हैं। इस वन क्षेत्र में जीवन देवरा, जलींद्री, बाणगंगा, गोलपुर, उमरथूना, खेरूणा, पलका, कंवलपुरा, खजूरी का नाला, धोड़, नाथून, रूठी रानी के मंदिर, बसोली का ब्रह्माणी मंदिर, देवझर आदि जगहों पर शिव मंदिर हैं। इससे माना जाता है कि यह क्षेत्र शैव मतावलंबियों का गढ़ रहा होगा। भीमलत क्षेत्र में भग्नावशेष अवस्था में मिले मंदिर के मलबे में हजारों की मात्रा में टूटी और साबुत ईंटों का ढेर लगा हुआ हैं। गर्भगृह की चारों ओर की दीवारें अभी भी दिखाई देती है। इनमें पंद्रह इंच लंबी व तीन इंच मोटी गुप्तकालीन ईंटें हैं। पुरातत्ववेताओं के अनुसार भीमतल के पास मिले मंदिर के अ
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