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28 नवंबर को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय-

1. कस्टोडियन कृषि भूमि के 30 हजार गैर खातेदारों को खातेदारी अधिकार संबंधी निर्णय-
बैठक में अलवर, भरतपुर, हनुमानगढ, श्रीगंगानगर जिलों के 30 हजार से अधिक गैर खातेदार काश्तकारों सहित प्रदेश के जो काश्तकार कस्टोडियन भूमि पर काबिज है, उनको बाजार दर के स्थान पर नियमन शुल्क लेकर खातेदारी अधिकार दिए जाने का निर्णय किया है। अब उन्हें 25 प्रतिशत डी.एल.सी. दर के स्थान पर सिंचित जमीन की मात्र 2 हजार रुपए प्रति बीघा तथा असिंचित जमीन के एक हजार रुपए प्रति बीघा नियमन शुल्क लेकर खातेदारी अधिकार दिए जा सकेंगे।
इससे कस्टोडियन कृषि भूमि के मूल आवंटियों एवं मूल आवंटियों से हस्तांतरित कब्जाधारियों को खातेदारी अधिकार प्रदान करने में आ रही कठिनाइयों का समाधान होगा। कस्टोडियन (निष्क्रान्त) भूमि पर काबिज काश्तकारों को खातेदारी अधिकार देने की समस्या लम्बे समय से चली आ रही थी। सबसे बड़ी समस्या यह थी कि गैर खातेदारी अधिकार से खातेदारी अधिकार देने के लिये बाजार दर की 25 प्रतिशत राशि जमा करानी पड़ती थी तथा उसके साथ सिंचित जमीन के लिए एक हजार रुपए प्रति बीघा और बारानी जमीन के लिए 500 रुपए प्रति बीघा की राशि अतिरिक्त रूप में देनी होती थी।

2. कुम्भलगढ राष्ट्रीय उद्यान घोषित-

बैठक में कुम्भलगढ राष्ट्रीय उद्यान घोषित किए जाने का अनुमोदन किया गया। इससे कुम्भलगढ एवं टॉडगढ रावली वन्य जीव अभ्यारण्यों को राष्ट्रीय उद्यान घोषित हो जाने पर इस क्षेत्र में वनों एवं वन्य जीवों की प्रभावी सुरक्षा एवं विकास हो सकेगा। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में स्थित कुम्भलगढ़ किला, रणकपुर जैन मंदिर तथा अन्य पर्यटन स्थलों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। जैवविविधता के लिए पहचान रखने वाले कुम्भलगढ़ का 401.51 वर्ग किलोमीटर तथा इसी प्रकार टॉडगढ रावली अभ्यारण्य का 107.09 वर्ग किलोमीटर भूमि सम्मिलित होगी।

3. महिलाओं को चाइल्ड एडोप्शन लीव-

बैठक में राज्य की महिला कर्मचारियों को जिनके दो से कम बच्चे है, उन्हें एक वर्ष से कम आयु का बच्चा गोद लेने पर 180 दिन का चाइल्ड एडोप्शन लीव देने की भी मंजूरी दी गई।

4. आमजन के लिए कल्याणकारी प्रस्ताव-

बैठक में दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 357 ए के अन्तर्गत आहत व्यक्ति या उनके आश्रितों को मुआवजे की राशि प्रदान किए जाने के प्रस्तावों को भी स्वीकृति दी गई। इसके तहत आहत व्यक्ति और उनके आश्रितों को मृत्यु/बलात्कार पर अधिकतम 2 लाख रुपए, पुनर्वास के लिए अधिकतम एक लाख रुपए, नाबालिग से बलात्कार पर अधिकतम 3 लाख रुपए तथा चोट आदि नुकसान पर अधिकतम एक लाख रुपए के मुआवजे का प्रावधान किया गया है। मुआवजा राशि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रभावित परिवार के आवेदन पर विचार कर अधिकतम दो माह के अन्दर प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार ने इस हेतु 10 करोड़ रुपए का प्रारम्भिक प्रावधान किया है।

5. खनन पट्टे आवंटन संबंधी मामले केबिनेट सब-कमेटी को-

बैठक में जिला करौली में मैसर्स कल्याणी नेचुरल रिर्सोसेस प्रा.लि. तथा मैसर्स कल्याणी माईनिंग वेन्चर्स प्रा.लि. को एम. एम. डी. आर. एक्ट 1957 की धारा 11 (5) के अन्तर्गत खनिज आयरन और खनन पट्टे देने पर विचार हुआ। इस कम्पनी के द्वारा किए जाने से 15 हजार करोड़ रुपए का निवेश आने की सम्भावना है और प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा।
मैसर्स सैंट गोबेन ग्लास इण्डिया लि. को एम. एम. डी. आर. एक्ट 1957 की धारा 11 (5) के अंतर्गत सिलिका सैण्ड खनन पट्टे के आवंटन के प्रकरण पर भी चर्चा हुई। यह कम्पनी दुनिया की सबसे बड़ी एवं प्रतिष्ठित ग्लास कम्पनी है।
इस कम्पनी ने साइट पर कार्य शुरू कर 500 करोड़ रुपए का निवेश भी कर दिया है।
बैठक में इन कम्पनियों को खनन पट्टे के आवंटन के प्रकरण का पूर्ण परीक्षण करने हेतु एक केबिनेट सबकमेटी के समक्ष रखे जाने का निर्णय लिया और यह कमेटी उक्त प्रकरणों पर विचार कर राज्य मंत्रिमंडल को अवगत कराएगी।

6. राजस्थान कौशल एवं आजीविका परिषद का गठन-
बैठक में "राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास परिषद" तथा "राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम" स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया। इससे राज्य में कौशल एवं आजीविका विकास द्वारा युवाओं की क्षमता वृद्धि एवं रोजगार के अधिकाधिक अवसर सृजित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा नीति निर्धारण एवं कार्यक्रम क्रियान्वित किए जा सकेंगे।

7. दस नगरपालिकाओं को ऋण पर ब्याज माफ-
बैठक में नगरपालिका भीनमाल, सरदारशहर, चाकसू, नागौर, रतनगढ, सिरोही, चूरू, श्रीगंगानगर, जालौर एवं ब्यावर की खराब आर्थिक स्थिति के कारण इनके ऋण पर देय ब्याज को माफ किए जाने के प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया। भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा 60:40 के अनुपात में दिए गए ऋण की मूल राशि इन 10 नगरपालिकाओं द्वारा अदा की जा चुकी है। लेकिन इनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने से इस ऋण पर ब्याज की राशि अदा नहीं की जा सकी है।

8. जयपुर मैट्रो के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय
बैठक में जयपुर मैट्रो परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए महत्वपूर्ण फैसले के तहत लोकोमोटिव खरीद के लिए जयपुर मैट्रो को राज्य सरकार 650 करोड़ रुपए तीन साल में उपलब्ध कराएगी। इससे प्रथम चरण को निर्धारित समय में चालू करना सम्भव होगा। इसके अलावा परियोजना से संबंधित अहम मुद्दे जैसे जमीन अधिग्रहण, परियोजना की लागत में संशोधन, कार्मिकों की नियुक्ति इत्यादि बिन्दुओं पर भी व्यापक निर्णय लिए गए।

9. भीखाभाई के नाम पर कॉलेज-
बैठक में डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा के राजकीय महाविद्यालय का नामकरण आदिवासी नेता स्वर्गीय श्री भीखाभाई भील के नाम पर श्री भीखा भाई राजकीय महाविद्यालय किए जाने का भी निर्णय लिया गया।

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