जमनालाल बजाज पुरस्कारों की घोषणा
प्रसिद्ध जमनालाल बजाज ट्रस्ट द्वारा इस वर्ष के जमनालाल बजाज पुरस्कारों की घोषणा नई दिल्ली में की गई। इस वर्ष भी चार क्षेत्रों में इन पुरस्कारों की घोषणा की गई है।
1. अनुपम मिश्र को ग्राम विकास हेतु विज्ञान एवं तकनीक,
2. रमेश भैया एवं विमला बहन, विनोबा आश्रम, शाहजहांपुर, उत्तरप्रदेश को रचनात्मक कार्य,
3. शोभना रानाडे को महिला, बाल कल्याण एवं विकास हेतु जानकीदेवी बजाज पुरस्कार एवं
4. इंडोनेशिया की सुश्री आगस्ट इंदिरा उदयन को भारत से बाहर गांधी विचार के प्रसार हेतु प्रदान किया गया है। जमनालाल बजाज फाउंडेशन की स्थापना 1977 में जमनालाल बजाज की स्मृति में की गई थी।
अनुपम मिश्र गांधी शांति प्रतिष्ठान के पर्यावरण कक्ष के प्रभारी एवं द्वैमासिक पत्रिका गांधी मार्ग (हिन्दी) के सम्पादक हैं। वे पूर्व में गांधी शांति प्रतिष्ठान के सचिव पद पर भी कार्यरत रह चुके हैं। उन्होंने अनेक अविस्मरणीय पुस्तकें - देश का पर्यावरण, हमारा पर्यावरण, आज भी खरे हैं तालाब, राजस्थान की रजत बूंदे आदि का लेखन व सम्पादन किया है।
मध्यप्रदेश के मूल निवासी व कवि भवानी प्रसाद मिश्र के बेटे अनुपम मिश्र विगत कई दशकों से पानी और समाज के अंतर पर विस्तृत अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने भारत के अनेक क्षेत्रों में समाज को पानी को सहेजने एवं संवारने में जोड़ा हैं। शुरुआती दिनों में उन्होंने होशंगाबाद में मिट्टी बचाओ अभियान में भागीदारी की थी। उन्होंने हिमालय के क्षेत्रों एवं राजस्थान के रेगिस्तान में पानी के संरक्षण के लिए व ग्रामीण व देशज तकनीकों के उन्नयन के क्षेत्र में लगातार कार्य किया है।
रमेश भैया और विमला बहन ने विनोबा भावे के विचारों से प्रेरित होकर समाज सेवा के क्षेत्र मेंप्रवेश किया। रमेश भैया ने विनोबा जन्म शताब्दी के अवसर पर पूरे देश की पदयात्रा की। उन्होंने रामायण के पात्रों का आधार लेकर लोकसेवा का विस्तृत कार्यक्षेत्र तैयार किया। विमला बहन ने महिलाओं की उन्नति के लिए अनेक सेवा योजनाओं में सक्रिय भागीदारी की। गोरक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए गोशाला बनाई, जो पूरी तरह स्वावलंबी है। कत्ल के लिए जाने वाली गायों को एक समारोह आयोजित कर महिलाओं में वितरित किया। ट्रस्ट की विज्ञप्ति के मुताबिक उदयन बाली और लांबोक में अपने चार आश्रमों के माध्यम से इंडोनेशिया में अहिंसा, सत्य व मानवता के सिद्धांतों के आधार पर गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने में सक्रियता से शामिल रहे हैं। इस पुरस्कार में पांच लाख रुपए की सम्मान राशि एवं सम्मान पत्र दिया जाता है।
दलाई लामा को अंतरराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार 2011
अंतरराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार 2011 इस वर्ष दलाई लामा को दिया गया। महात्मा गांधी की पौत्री इला गांधी ने गांधी जयंती पर यह घोषणा की थी।
इला भट्ट को मिला इंदिरा शांति पुरस्कार
सामाजिक कार्यकर्ता इला भट्ट को 2011 का इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई। 19 नवंबर शनिवार को भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 94वीं जयंती पर सामाजिक कार्यकर्ता इला भट्ट को पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई। इला को यह पुरस्कार महिला सशक्तिकरण में उल्लेखनीय काम के लिए दिया जाएगा। इला भट्ट ने "सेवा" नाम से महिलाओं के लिए एक संगठन की स्थापना की है। 1972 में स्थापित सेवा से अब तक 13 लाख लोग जुड़ चुके है। यह सम्मान सामाजिक सरोकारों से जुड़े काम करने के लिए दिया जाता है।
मोहन धारिया इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार से सम्मानित
राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने तथा उसके संरक्षण के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहन धारिया को 26वें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इंदिरा गांधी के बलिदान दिवस के मौके पर तीन मूर्ति भवन में आयोजित एक समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 87 वर्षीय धारिया को सम्मानित किया। पुरस्कार में उन्हें एक प्रशस्ति पत्र व पांच लाख रुपए की नकद राशि प्रदान की गई। समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार सलाहकार समिति के सदस्य सचिव मोतीलाल वोरा ने भी भाग लिया।
प्रसिद्ध जमनालाल बजाज ट्रस्ट द्वारा इस वर्ष के जमनालाल बजाज पुरस्कारों की घोषणा नई दिल्ली में की गई। इस वर्ष भी चार क्षेत्रों में इन पुरस्कारों की घोषणा की गई है।
1. अनुपम मिश्र को ग्राम विकास हेतु विज्ञान एवं तकनीक,
2. रमेश भैया एवं विमला बहन, विनोबा आश्रम, शाहजहांपुर, उत्तरप्रदेश को रचनात्मक कार्य,
3. शोभना रानाडे को महिला, बाल कल्याण एवं विकास हेतु जानकीदेवी बजाज पुरस्कार एवं
4. इंडोनेशिया की सुश्री आगस्ट इंदिरा उदयन को भारत से बाहर गांधी विचार के प्रसार हेतु प्रदान किया गया है। जमनालाल बजाज फाउंडेशन की स्थापना 1977 में जमनालाल बजाज की स्मृति में की गई थी।
अनुपम मिश्र गांधी शांति प्रतिष्ठान के पर्यावरण कक्ष के प्रभारी एवं द्वैमासिक पत्रिका गांधी मार्ग (हिन्दी) के सम्पादक हैं। वे पूर्व में गांधी शांति प्रतिष्ठान के सचिव पद पर भी कार्यरत रह चुके हैं। उन्होंने अनेक अविस्मरणीय पुस्तकें - देश का पर्यावरण, हमारा पर्यावरण, आज भी खरे हैं तालाब, राजस्थान की रजत बूंदे आदि का लेखन व सम्पादन किया है।
मध्यप्रदेश के मूल निवासी व कवि भवानी प्रसाद मिश्र के बेटे अनुपम मिश्र विगत कई दशकों से पानी और समाज के अंतर पर विस्तृत अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने भारत के अनेक क्षेत्रों में समाज को पानी को सहेजने एवं संवारने में जोड़ा हैं। शुरुआती दिनों में उन्होंने होशंगाबाद में मिट्टी बचाओ अभियान में भागीदारी की थी। उन्होंने हिमालय के क्षेत्रों एवं राजस्थान के रेगिस्तान में पानी के संरक्षण के लिए व ग्रामीण व देशज तकनीकों के उन्नयन के क्षेत्र में लगातार कार्य किया है।
रमेश भैया और विमला बहन ने विनोबा भावे के विचारों से प्रेरित होकर समाज सेवा के क्षेत्र मेंप्रवेश किया। रमेश भैया ने विनोबा जन्म शताब्दी के अवसर पर पूरे देश की पदयात्रा की। उन्होंने रामायण के पात्रों का आधार लेकर लोकसेवा का विस्तृत कार्यक्षेत्र तैयार किया। विमला बहन ने महिलाओं की उन्नति के लिए अनेक सेवा योजनाओं में सक्रिय भागीदारी की। गोरक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए गोशाला बनाई, जो पूरी तरह स्वावलंबी है। कत्ल के लिए जाने वाली गायों को एक समारोह आयोजित कर महिलाओं में वितरित किया। ट्रस्ट की विज्ञप्ति के मुताबिक उदयन बाली और लांबोक में अपने चार आश्रमों के माध्यम से इंडोनेशिया में अहिंसा, सत्य व मानवता के सिद्धांतों के आधार पर गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने में सक्रियता से शामिल रहे हैं। इस पुरस्कार में पांच लाख रुपए की सम्मान राशि एवं सम्मान पत्र दिया जाता है।
दलाई लामा को अंतरराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार 2011
अंतरराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार 2011 इस वर्ष दलाई लामा को दिया गया। महात्मा गांधी की पौत्री इला गांधी ने गांधी जयंती पर यह घोषणा की थी।
इला भट्ट को मिला इंदिरा शांति पुरस्कार
सामाजिक कार्यकर्ता इला भट्ट को 2011 का इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई। 19 नवंबर शनिवार को भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 94वीं जयंती पर सामाजिक कार्यकर्ता इला भट्ट को पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई। इला को यह पुरस्कार महिला सशक्तिकरण में उल्लेखनीय काम के लिए दिया जाएगा। इला भट्ट ने "सेवा" नाम से महिलाओं के लिए एक संगठन की स्थापना की है। 1972 में स्थापित सेवा से अब तक 13 लाख लोग जुड़ चुके है। यह सम्मान सामाजिक सरोकारों से जुड़े काम करने के लिए दिया जाता है।
मोहन धारिया इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार से सम्मानित
राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने तथा उसके संरक्षण के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहन धारिया को 26वें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इंदिरा गांधी के बलिदान दिवस के मौके पर तीन मूर्ति भवन में आयोजित एक समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 87 वर्षीय धारिया को सम्मानित किया। पुरस्कार में उन्हें एक प्रशस्ति पत्र व पांच लाख रुपए की नकद राशि प्रदान की गई। समारोह में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार सलाहकार समिति के सदस्य सचिव मोतीलाल वोरा ने भी भाग लिया।
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