प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय पॉप स्टार तथा यूनिसेफ की ब्रांड एम्बेसेडर शकीरा ने दिनांक 15 नवंबर को राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (एसआईईआरटी) उदयपुर के चिल्ड्रन मीडिया लैब में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की 17 ग्रामीण छात्राओं से मुलाकात की, उनके स्कूल और घर के अनुभव सुनें और छात्राओं का उत्साहवर्धन किया। यूनिसेफ की ओर से आयोजित इस मुलाकात कार्यक्रम में शकीरा ने राजस्थान के प्रति प्यार भी जताया। छात्राओं ने शकीरा से डांस सिखाने के लिए कहा तो शरीका ने उलटा पूछा कि क्या तुम मुझे राजस्थानी डांस सिखाओगी? इसके जवाब में छात्राओं ने नाचना शुरू किया तब शकीरा ने तालियां बजाकर उनकी हौसला अफजाई की।
एक छात्रा ने कृष्ण तुम बांसुरी की धुन बजाया ना करो... एवं अन्य गीत पर डांस किया। इस दौरान सभी छात्राएं गीत गा रही थीं तथा तालियां बजाकर शकीरा भी उन्हें उत्साहित कर रही थीं। अंत में शकीरा ने कहा आई लाइक राजस्थानी फोक।
छात्राओं ने शकीरा को बताया कि गरीब और असहाय होने के कारण घर से दूर आवासीय विद्यालय में रहना पड़ रहा है। इस पर शकीरा ने कहा कि अगर तुम्हारे लिए बस लगवा दी जाए तो क्या तुम घर पर रहना चाहोगी, तो सभी छात्राओं ने खुशी से हां बोला। शकीरा जहां इन छात्राओं के दर्द को निहार रही थी, वहीं छात्राएं शकीरा के करीब होने के अहसास से गदगद थी। शकीरा ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर, एनजीओ और कॉरपोरेट के साथ ही सरकार को मिलकर ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए कि ऐसी बच्चियां घर पर ही रहकर पढ़ाई कर सकें। छात्राओं को अब पूरी उम्मीद है कि शकीरा उनकी मदद करेगी। इन 17 छात्राओं में से चार छात्राएं शादीशुदा हैं। इनकी उम्र 10 से 14 वर्ष की थी। इस पर शकीरा ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए जल्दी शादी के पीछे कारणों को जाना, तो बच्चियों ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इस कारण घर वालों ने बड़ी बहन या भाई की शादी के साथ शादी करवा दी।
इस दौरान यूनिसेफ के राजस्थान चीफ सैम्युल मुआगिज, जिला कलेक्टर हेमंत गेरा, एडीएम सिटी एमएल चौहान, एसआईईआरटी के डायरेक्टर बीएस सांदू आदि मौजूद थे।
एक छात्रा ने कृष्ण तुम बांसुरी की धुन बजाया ना करो... एवं अन्य गीत पर डांस किया। इस दौरान सभी छात्राएं गीत गा रही थीं तथा तालियां बजाकर शकीरा भी उन्हें उत्साहित कर रही थीं। अंत में शकीरा ने कहा आई लाइक राजस्थानी फोक।
छात्राओं ने शकीरा को बताया कि गरीब और असहाय होने के कारण घर से दूर आवासीय विद्यालय में रहना पड़ रहा है। इस पर शकीरा ने कहा कि अगर तुम्हारे लिए बस लगवा दी जाए तो क्या तुम घर पर रहना चाहोगी, तो सभी छात्राओं ने खुशी से हां बोला। शकीरा जहां इन छात्राओं के दर्द को निहार रही थी, वहीं छात्राएं शकीरा के करीब होने के अहसास से गदगद थी। शकीरा ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर, एनजीओ और कॉरपोरेट के साथ ही सरकार को मिलकर ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए कि ऐसी बच्चियां घर पर ही रहकर पढ़ाई कर सकें। छात्राओं को अब पूरी उम्मीद है कि शकीरा उनकी मदद करेगी। इन 17 छात्राओं में से चार छात्राएं शादीशुदा हैं। इनकी उम्र 10 से 14 वर्ष की थी। इस पर शकीरा ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए जल्दी शादी के पीछे कारणों को जाना, तो बच्चियों ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इस कारण घर वालों ने बड़ी बहन या भाई की शादी के साथ शादी करवा दी।
इस दौरान यूनिसेफ के राजस्थान चीफ सैम्युल मुआगिज, जिला कलेक्टर हेमंत गेरा, एडीएम सिटी एमएल चौहान, एसआईईआरटी के डायरेक्टर बीएस सांदू आदि मौजूद थे।
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