जयपुर साहित्य महोत्सव (जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल) के दौरान सिंगापुर में रह रहे श्रीलंकाई लेखक शेहान करुणतिलका को उनकी अंग्रेजी में लिखी गई प्रथम पुस्तक ‘चाइनामैन’ के लिए दक्षिण एशियाई साहित्य का 2012 का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार के रूप में उन्हें 50,000 अमरीकी डॉलर की राशि प्रदान की गई।
समारोह की मुख्य अतिथि भूटान की राजमाता आशि दोरजी वांगमो वांगचुक ने शेहान करुणतिलका को पुरस्कार से सम्मानित किया। इस पुरस्कार की घोषणा अक्टूबर 2011 में ही ब्रिटेन में हुए डीएससी दक्षिण एशियाई साहित्य महोत्सव में कर दी गई थी।
चाइनामैन नामक उपन्यास में क्रिकेट को एक रूपक की तरह प्रयुक्त किया गया है। इस उपन्यास में खेल के ज़रिए श्रीलंका को नए और रोचक अंदाज़ में देखने की प्रयास किया गया है।
पुरस्कार की दौड़ में दक्षिण एशिया क्षेत्र के छह लेखकों की रचनाएं शामिल थी। इनमें चाइनामैन के अतिरिक्त निम्नांकित पुस्तकें थी-
1. यू आर अनंतमूर्ति की अनुवादित पुस्तक ‘भारतीपुत्र’
2. चंद्रकांता की पुस्तक ‘ए स्ट्रीट इन श्रीनगर’
3. उषा के आर की किताब ‘मंकी-मैन’
4. तबिश ख़ैर की किताब ‘द थिंग अबाउट ठग्स’
5. कावेरी नंबिसन की पुस्तक ‘द स्टोरी दैट मस्ट नॉट बी टोल्ड’
पुरस्कार के विजेता के चयन के लिए जो निर्णायक मंडल की अध्यक्ष इरा पांडे थी जबकि अन्य सदस्य डॉ. अलेस्टेयर निवेन, डॉ. फ़करुल आलम, फ़ैज़ा एस ख़ान और मैरी ब्रेनर थे।
दक्षिण एशियाई क्षेत्र की रचनाओं, वहां के लोगों और संस्कृति को एक नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से यह पुरस्कार जनवरी 2010 में प्रारंभ किया गया था।
वर्ष 2011 में यह पुरस्कार एच एम नक़वी को उनके प्रथम उपन्यास ‘होमब्वॉय’ के लिए दिया गया था।
केन्या के चार्लिस ने जीता जयपुर मैराथन
दिनांक 22 जनवरी 2011 को रामनिवास बाग गेट से प्रारंभ हुई जयपुर मैराथन के पुरुष वर्ग के सभी पदकों पर विदेशी एथलीट्स ने कब्जा किया। इसमें प्रथम स्थान पर रहने वाले केन्या के चार्लिस को 3 लाख रुपए, द्वितीय स्थान पर रहने वाले गत विजेता सिमॉन कसिमिल को एक लाख रुपए, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले इथोपिया के आर डमासू को 75 हजार रुपए तथा चौथे स्थान के विजेता इथोपिया के अबा बे को 50 हजार रुपए का चैक और पदक देकर सम्मानित किया गया।
जयपुर मैराथन की महिला कैटेगरी में भी प्रथम स्थान पर केन्या की एथलीट नॉमी, दूसरे स्थान पर रशिया की विल्लीसोवा, तीसरे स्थान पर भारत की पम्पा चन्दा, चौथे स्थान पर वेस्ट बंगाल की जुम्मा खातून और पांचवे स्थान पर मुम्बई की संगीता यादव ने पदक हासिल किया।
इस मैराथन में भारत के बीसी तिलक अन्तर्राष्ट्रीय कैटेगरी में 9 वें स्थान पर रहे, लेकिन भारतीय कैटेगरी में उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी कैटेगरी में दूसरे स्थान पर अलवर के रतिराम सैनी, तीसरे स्थान पर विश्राम मीणा रहे। इस मैराथन में देश विदेश के हजारों धावको ने भाग लिया तथा विजेताओं को 14 लाख रुपए के पुरस्कार प्रदान किए गए।
समारोह की मुख्य अतिथि भूटान की राजमाता आशि दोरजी वांगमो वांगचुक ने शेहान करुणतिलका को पुरस्कार से सम्मानित किया। इस पुरस्कार की घोषणा अक्टूबर 2011 में ही ब्रिटेन में हुए डीएससी दक्षिण एशियाई साहित्य महोत्सव में कर दी गई थी।
चाइनामैन नामक उपन्यास में क्रिकेट को एक रूपक की तरह प्रयुक्त किया गया है। इस उपन्यास में खेल के ज़रिए श्रीलंका को नए और रोचक अंदाज़ में देखने की प्रयास किया गया है।
पुरस्कार की दौड़ में दक्षिण एशिया क्षेत्र के छह लेखकों की रचनाएं शामिल थी। इनमें चाइनामैन के अतिरिक्त निम्नांकित पुस्तकें थी-
1. यू आर अनंतमूर्ति की अनुवादित पुस्तक ‘भारतीपुत्र’
2. चंद्रकांता की पुस्तक ‘ए स्ट्रीट इन श्रीनगर’
3. उषा के आर की किताब ‘मंकी-मैन’
4. तबिश ख़ैर की किताब ‘द थिंग अबाउट ठग्स’
5. कावेरी नंबिसन की पुस्तक ‘द स्टोरी दैट मस्ट नॉट बी टोल्ड’
पुरस्कार के विजेता के चयन के लिए जो निर्णायक मंडल की अध्यक्ष इरा पांडे थी जबकि अन्य सदस्य डॉ. अलेस्टेयर निवेन, डॉ. फ़करुल आलम, फ़ैज़ा एस ख़ान और मैरी ब्रेनर थे।
दक्षिण एशियाई क्षेत्र की रचनाओं, वहां के लोगों और संस्कृति को एक नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से यह पुरस्कार जनवरी 2010 में प्रारंभ किया गया था।
वर्ष 2011 में यह पुरस्कार एच एम नक़वी को उनके प्रथम उपन्यास ‘होमब्वॉय’ के लिए दिया गया था।
केन्या के चार्लिस ने जीता जयपुर मैराथन
दिनांक 22 जनवरी 2011 को रामनिवास बाग गेट से प्रारंभ हुई जयपुर मैराथन के पुरुष वर्ग के सभी पदकों पर विदेशी एथलीट्स ने कब्जा किया। इसमें प्रथम स्थान पर रहने वाले केन्या के चार्लिस को 3 लाख रुपए, द्वितीय स्थान पर रहने वाले गत विजेता सिमॉन कसिमिल को एक लाख रुपए, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले इथोपिया के आर डमासू को 75 हजार रुपए तथा चौथे स्थान के विजेता इथोपिया के अबा बे को 50 हजार रुपए का चैक और पदक देकर सम्मानित किया गया।
जयपुर मैराथन की महिला कैटेगरी में भी प्रथम स्थान पर केन्या की एथलीट नॉमी, दूसरे स्थान पर रशिया की विल्लीसोवा, तीसरे स्थान पर भारत की पम्पा चन्दा, चौथे स्थान पर वेस्ट बंगाल की जुम्मा खातून और पांचवे स्थान पर मुम्बई की संगीता यादव ने पदक हासिल किया।
इस मैराथन में भारत के बीसी तिलक अन्तर्राष्ट्रीय कैटेगरी में 9 वें स्थान पर रहे, लेकिन भारतीय कैटेगरी में उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी कैटेगरी में दूसरे स्थान पर अलवर के रतिराम सैनी, तीसरे स्थान पर विश्राम मीणा रहे। इस मैराथन में देश विदेश के हजारों धावको ने भाग लिया तथा विजेताओं को 14 लाख रुपए के पुरस्कार प्रदान किए गए।
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