समसामयिक घटनाचक्र
रणजी ट्रॉफी में लगातार दूसरी बार चैंपियन बना राजस्थान, तमिलनाडु को पहली पारी बढ़त के आधार पर हराया
चेन्नई के चेपक स्टेडियम में खेले गए रणजी ट्रॉफी के फाइनल में राजस्थान ने मेजबान तमिलनाडु को ड्रॉ मैच में पहली पारी में मिली 326 रन की बढ़त के आधार पर हरा कर अपना खिताब बरकरार रखा। इस प्रकार राजस्थान एक बार फिर घरेलू क्रिकेट का बादशाह बन गया है। मैच के अंतिम दिवस दिनांक 23 जनवरी 2011 को राजस्थान ने पांच विकेट पर 204 रन बनाकर दूसरी पारी घोषित की तथा तमिलनाडु को 531 रन का असंभव लक्ष्य दिया।
तमिलनाडु ने जब दूसरी पारी में आठ रन पर दो विकेट गंवाए, तब दोनों कप्तान मैच समाप्त करने पर राजी हो गए। ये दोनों विकेट स्पिनर गजेंद्र सिंह ने लिए। इस मैच में राजस्थान के कप्तान ऋषिकेश कानिटकर ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया जिसे बल्लेबाजों ने उचित साबित करते हुए विनीत सक्सेना के शानदार 257 रनों तथा आकाश चौपड़ा के 94 व कप्तान ऋषिकेश कानिटकर 67 रनों के साथ पहली पारी में विपक्षी टीम को 621 रनों का विशाल लक्ष्य दिया। इसके जवाब में तमिलनाडु की टीम पहली पारी में मात्र 295 रन ही बना सकी तथा राजस्थान को पहली पारी में 326 की बढ़त प्राप्त हुई। तमिलनाडु की ओर से इस पारी में 150 रनों की बेहतरीन पारी खेली लेकिन उनका संघर्ष टीम के काम नहीं आ सका। टीम के शेष खिलाड़ियों में कोई भी अर्धशतक भी नहीं बना सका। राजस्थान के रितुराज ने 76 रन देकर 4 विकेट, पंकज सिंह ने 58 रन देकर 2 विकेट, सुमित माथुर ने 53 रन देकर 2 विकेट तथा गजेन्द्र सिंह ने 97 रन देकर एक विकेट लिए। राजस्थान ने मेजबान टीम को फॉलोऑन देने की बजाए दूसरी पारी में बल्लेबाजी की तथा 5 विकेट पर 204 रन बना कर पारी घोषित कर दी। राजस्थान टीम 10 वीं बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची थी और यह उसका दूसरा खिताब है। पिछले साल उसने पहली बार यह ट्रॉफी जीती थी। लगातार दो साल रणजी खिताब जीतने वाली राजस्थान पाँचवीं टीम है। इससे पूर्व मुंबई, महाराष्ट्र, दिल्ली तथा कर्नाटक की टीमें लगातार दो साल तक रणजी ट्रॉफी जीत कर यह उपलब्धि हासिल कर चुकी है। इस मैच में दोहरा शतक जमाने वाले विनीत सक्सेना का मैन ऑफ द मैच दिया गया। राजस्थान के उत्कृष्ट खेल को देश भर में प्रशंसा मिली। तमिलनाडु के कप्तान लक्ष्मीपति बालाजी ने भी स्वीकार किया कि राजस्थान खिताब का हकदार था। राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) ने विजेता टीम को 1.31 करोड़ रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है। जीत के समय आरसीए अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी, क्रिकेट डायरेक्टर चंद्रकांत पंडित तथा 25 जिला क्रिकेट संघों के पदाधिकारी भी मैदान में उपस्थित थे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से भी पुरस्कार स्वरूप टीम को तीन करोड़ रुपए मिलेंगे। इसके अलावा राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी राजस्थान क्रिकेट टीम को लगातार दूसरी बार रणजी ट्रॉफी विजेता बनने पर बधाई देते हुए एक करोड़ 11 लाख रुपए का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
पुष्कर-अजमेर रेलमार्ग हुआ शुरू
पुष्कर-अजमेर रेल मार्ग दिनांक 23 जनवरी 2011 को उस समय प्रारंभ हो गया जब रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने इस नए रेल मार्ग का उद्घाटन किया। रेल मंत्री के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय संचार राज्यमंत्री सचिन पायलट और रेलवे बोर्ड अध्यक्ष विनय मित्तल ने बटन दबाकर तथा हरी झंडी दिखाकर इस ट्रैक पर पहली ट्रेन को रवाना किया।
रेल मंत्री त्रिवेदी ने इस मौके पर पुष्कर-मेड़ता का नया रेल मार्ग बनाए जाने की भी घोषणा कर दी। इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, विधानसभा में मुख्य सचेतक डॉ. रघु शर्मा, नसीराबाद विधायक महेंद्र सिंह गुर्जर, आरटीडीसी अध्यक्ष रणदीप धनकड़, किशनगढ़ विधायक नाथूराम सिनोदिया, रूपाराम डूडी, पुष्कर नगर पालिका अध्यक्ष मंजू कुर्डिया, अजमेर यूआईटी सदर नरेन शाहनी, पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
तमिलनाडु ने जब दूसरी पारी में आठ रन पर दो विकेट गंवाए, तब दोनों कप्तान मैच समाप्त करने पर राजी हो गए। ये दोनों विकेट स्पिनर गजेंद्र सिंह ने लिए। इस मैच में राजस्थान के कप्तान ऋषिकेश कानिटकर ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया जिसे बल्लेबाजों ने उचित साबित करते हुए विनीत सक्सेना के शानदार 257 रनों तथा आकाश चौपड़ा के 94 व कप्तान ऋषिकेश कानिटकर 67 रनों के साथ पहली पारी में विपक्षी टीम को 621 रनों का विशाल लक्ष्य दिया। इसके जवाब में तमिलनाडु की टीम पहली पारी में मात्र 295 रन ही बना सकी तथा राजस्थान को पहली पारी में 326 की बढ़त प्राप्त हुई। तमिलनाडु की ओर से इस पारी में 150 रनों की बेहतरीन पारी खेली लेकिन उनका संघर्ष टीम के काम नहीं आ सका। टीम के शेष खिलाड़ियों में कोई भी अर्धशतक भी नहीं बना सका। राजस्थान के रितुराज ने 76 रन देकर 4 विकेट, पंकज सिंह ने 58 रन देकर 2 विकेट, सुमित माथुर ने 53 रन देकर 2 विकेट तथा गजेन्द्र सिंह ने 97 रन देकर एक विकेट लिए। राजस्थान ने मेजबान टीम को फॉलोऑन देने की बजाए दूसरी पारी में बल्लेबाजी की तथा 5 विकेट पर 204 रन बना कर पारी घोषित कर दी। राजस्थान टीम 10 वीं बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची थी और यह उसका दूसरा खिताब है। पिछले साल उसने पहली बार यह ट्रॉफी जीती थी। लगातार दो साल रणजी खिताब जीतने वाली राजस्थान पाँचवीं टीम है। इससे पूर्व मुंबई, महाराष्ट्र, दिल्ली तथा कर्नाटक की टीमें लगातार दो साल तक रणजी ट्रॉफी जीत कर यह उपलब्धि हासिल कर चुकी है। इस मैच में दोहरा शतक जमाने वाले विनीत सक्सेना का मैन ऑफ द मैच दिया गया। राजस्थान के उत्कृष्ट खेल को देश भर में प्रशंसा मिली। तमिलनाडु के कप्तान लक्ष्मीपति बालाजी ने भी स्वीकार किया कि राजस्थान खिताब का हकदार था। राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) ने विजेता टीम को 1.31 करोड़ रुपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है। जीत के समय आरसीए अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी, क्रिकेट डायरेक्टर चंद्रकांत पंडित तथा 25 जिला क्रिकेट संघों के पदाधिकारी भी मैदान में उपस्थित थे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से भी पुरस्कार स्वरूप टीम को तीन करोड़ रुपए मिलेंगे। इसके अलावा राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी राजस्थान क्रिकेट टीम को लगातार दूसरी बार रणजी ट्रॉफी विजेता बनने पर बधाई देते हुए एक करोड़ 11 लाख रुपए का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।
पुष्कर-अजमेर रेलमार्ग हुआ शुरू
पुष्कर-अजमेर रेल मार्ग दिनांक 23 जनवरी 2011 को उस समय प्रारंभ हो गया जब रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने इस नए रेल मार्ग का उद्घाटन किया। रेल मंत्री के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, केंद्रीय संचार राज्यमंत्री सचिन पायलट और रेलवे बोर्ड अध्यक्ष विनय मित्तल ने बटन दबाकर तथा हरी झंडी दिखाकर इस ट्रैक पर पहली ट्रेन को रवाना किया।
रेल मंत्री त्रिवेदी ने इस मौके पर पुष्कर-मेड़ता का नया रेल मार्ग बनाए जाने की भी घोषणा कर दी। इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ, विधानसभा में मुख्य सचेतक डॉ. रघु शर्मा, नसीराबाद विधायक महेंद्र सिंह गुर्जर, आरटीडीसी अध्यक्ष रणदीप धनकड़, किशनगढ़ विधायक नाथूराम सिनोदिया, रूपाराम डूडी, पुष्कर नगर पालिका अध्यक्ष मंजू कुर्डिया, अजमेर यूआईटी सदर नरेन शाहनी, पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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