राजस्थान
की मरूधरा में सोने की भाँति दैदीप्यमान स्वर्ण
नगरी जैसलमेर कला व साहित्य के स्वर्ण से भी कीमती रत्नों की अनमोल खान के
रूप में भी पहचानी जाती है। यहाँ की विश्व प्रसिद्ध चित्रकला के साथ
साथ पारंपरिक लोकसंगीत, लोक
गायन व नृत्य ने पूरी दुनिया में अपना परचम फहरा
कर मरूप्रदेश का नाम रोशन किया है। रेत के महासागर से सात समन्दर पार तक
अपने लोक संगीत की सरिताएँ बहाने वाले कई मशहूर कलाकारों ने इस वीर धरा को
गौरवांवित किया है। विश्व के कला परिदृश्य में प्रसिद्ध राजस्थानी कलाकारों
में एक लोक कलाकार कमरूद्दीन खाँ भी अपनी अनूठी पहचान रखते हैं। आलमखाना
घराने की सांगीतिक परम्परा के वाहक तथा लम्बे समय से राजस्थानी लोकसंगीत
के लिए समर्पित विश्वविख्यात लोक कलाकार उस्ताद कमरुद्दीन खां को 7 मार्च
को गुजरात लोक कला फाउण्डेशन, अहमदाबाद
ने सन् 2012 के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय
गौरव पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया है। इसके तहत उन्हें 11 हजार
रुपए नकद पुरस्कार, स्मृति
चिह्न, सम्मान-पत्र शॉल आदि से दिए गए।
कमरुदीन खां का परिचय-
उस्ताद
कमरुदीन खां का जन्म 1 जनवरी
सन् 1961 को प्रसिद्ध
लोक कलाकार उस्ताद अकबर खाँ ‘आलमखाना’
के घर हुआ। कमरूद्दीन ने ऐसे
परिवार में जन्म लिया जो ऐतिहासिक जैसलमेर के दरबारी संगीतज्ञों में सम्मिलित
है। यह परिवार जैसलमेर रियासत के लंगा व मांगणियार समाज के मुखिया
‘आलमखाना’
घराने से संबंधित है। लोकसंगीत की जानीमानी
हस्ती पिता उस्ताद अकबर
खां के नक्शे कदम पर चलते हुए कमरूद्दीन ने आज लोक संगीत के क्षेत्र में
अद्वितीय मुकाम हासिल किया है। इन्होंने 'उस्ताद
आरबा संगीत संस्थान' के
माध्यम से जैसलमेर व बाड़मेर जिले के पिछड़े हुए मगर प्रतिभाशाली पेशेवर लंगा,
मांगणियार तथा मिरासी समुदाय के लोक कलाकारों
को राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय
स्तर के रंगमंचों पर पहचान व शोहरत दिलाने में महत्त्वपूर्ण
भूमिका अदा की है जिसके फलस्वरूप जैसलमेर का लोकसंगीत भारत के प्रसिद्ध
टीवी रियलिटी शो 'इण्डियन
आईडल' ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में
अतिलोकप्रिय हुआ है। देश-विदेश में कई राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मंचों
पर अपने हुनर की धाक जमा चुके श्री कमरूद्दीन के हुनर की सराहना विश्व
की कई महान हस्तियों ने की है। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय लोक महोत्सव क्रोशिया,
8 वीं एशियन ट्रेक एण्ड फील्ड मीट फेल्टीवल नई
दिल्ली, गणतंत्र दिवस
समारोह जयपुर, कोडयाक
फोक फेस्टीवल गुजरात, सुरसिंगार
संसद, राष्ट्रीय फिल्म
विकास निगम मुम्बई, भारत
सरकार के गीत एवं नाटक प्रभाग नई दिल्ली, गुजरात
लोक कला फाउण्डेशन अहमदाबाद, पश्चिमी
क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर,
राजस्थान पर्यटन विभाग जयपुर,
जवाहर कला केन्द्र जयपुर,
रूपायन संस्थान
बोरूंदा जोधपुर, भारतीय
लोक कला मण्डल उदयपुर, राजस्थान
संगीत नाटक अकादमी
जोधपुर, राष्ट्रीय लोककला महोत्सव सम्बलपुरा उड़ीसा
आदि के अतिरिक्त आकाशवाणी,
दूरदर्शन पर राजस्थानी लोक संगीत की
प्रस्तुतियाँ दी हैं। श्री खाँ
ने पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह, पूर्व
प्रधानमंत्री स्व. इन्दिरा गांधी
तथा देश के कई महान हस्तियों के सम्मुख कार्यक्रम प्रस्तुत कर राजस्थान
का गौरव बढ़ाया है।
उस्ताद
कमरूद्दीन खाँ को भारतीय सिनेमा का आर्टिस्ट होने
का भी गौरव मिला है। कमरूद्दीन खां ने हिन्दी फिल्म रूदाली, लम्हे, कृष्णा, सरफरोश, सात
रंग के सपने, जोर, मीनाक्षी, नन्हे
जैसलमेर आदि कई भारतीय व विदेशी फिल्मों में
कार्य कर राजस्थानी लोक संगीत की विशेष पहचान बनाई
है। राजस्थान के लोक संगीत की मधुर महक को भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में
विकिरित करने वाले अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त उस्ताद कमरूद्दीन खां को
कई पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए हैं।
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सुरसिंगार संसद, मुम्बई
में वर्ष 1989 में
विख्यात संगीत सम्राट श्री हरिओम शरण द्वारा सरस्वती अवार्ड।
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आठवें एशियन ट्रेक एण्ड फील्ड फेस्टीवल, नई
दिल्ली में प्रधानमंत्री राजीव गांधी व राष्ट्रपति आर.वेकटरमन द्वारा पुरस्कृत।
>
स्वरसाम्राज्ञी लता मंगेशकर द्वारा सन् 1988
में सम्मान।
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पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी, राष्ट्रपति
नीलम संजीव रेड्डी, प्रधानमंत्री
राजीव गांधी, राजस्थान
के राज्यपाल वसंतराव पाटिल, जैसलमेर
के पूर्व जिला कलक्टर ललित के.पंवार, सुधांशु
पंत आदि द्वारा विभिन्न
अवसरों पर सम्मान।
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जिला प्रशासन जैसलमेर की ओर से कमरुदीन को सन्
1987,
लोकसंगीत के उत्थान, विकास
एवं संरक्षण के लिए गणतंत्र दिवस 1990, राजस्थान
दिवस -1991 व 1998, स्वतंत्रता
दिवस समारोह 2003, साक्षरता
प्रचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय
कार्यों के लिए 1997 में
प्रशंसा-पत्र व सम्मान।
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पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर
द्वारा 1990 में आयोजित शिल्पग्राम मेले में मुख्यमंत्री
भेरोसिंह शेखावत से सम्मान।
>
1991 में यशवंतराव नाट्यशालागृह भावनगर (गुजरात) के
कोडियाक मेले में, 1994 में
अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के 22 वें
अधिवेशन में, 1994 में राष्ट्रीय
युवा उत्सव में खड़ताल वादन के लिए सम्मान।
>1994
में ही स्टेट फैडरेशन ऑफ यूनेस्को एसोसिएशन
राजस्थान तथा राजस्थान पर्यटन
विभाग द्वारा डेजर्ट फेस्टीवल -1994 में 'गोल्डन
ग्लोब' व पांच हजार
रुपए नकद पुरस्कार।
>
जोधपुर व बीकानेर संभागीय जलग्रहण विकास
कार्यशाला -1999 में
तथा गीत व नाटक प्रभाग द्वारा 2005 में
सम्मान।
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सन् 2008 में
क्रोशिया गणराज्य की राष्ट्रपति जोंदरका क्रोसर ने 42
वें इंटरनेशनल फोकलोर फेस्टीवल में सम्मान व
हुनर सराहना। उनका इस विशेष अवार्ड
से सम्मानित होना राजस्थान ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत के लोक कलाकारों
के लिए गौरव का की बात है।
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उड़ीसा के सम्बलपुर में हुए सोलहवें राष्ट्रीय
लोक कला महोत्सव में प्रशंसा पत्र व पुरस्कार।
bahut badiya jankari
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