राज्य में किसानों के बीच खेतों तथा अन्य जमीन के संबंध कई विवाद होते रहते हैं। किसके खेत की सही सीमा कहाँ तक है, किसी ने अन्य के खेत के कुछ भाग पर अपना अनाधिकृत कब्जा तो नहीं किया है, खेतों में जाने के रास्तों पर किसी का अतिक्रमण तो नहीं है, आदि कई विवाद किसानों के आए दिन होते रहते हैं। इन्हीं समस्याओं के संबंध में सही निर्णय करने के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में की गई घोषणा के अनुरूप भू-अभिलेख निरीक्षकों को जी.पी.एस. उपकरण उपलब्ध कराने के लिए 4 करोड़ 50 लाख स्वीकृत किए हैं। काश्तकारों को खेतों में पहुंचने के लिए रास्ते की लंबे समय से चली आ रही समस्या के निराकरण के उद्देश्य से राजस्थान काश्तकारी अधिनियम में आवश्यक संशोधन करते हुए 2 मार्च, 2012 को नियम बनाकर अधिसूचना जारी कर दी है। भू-अभिलेख निरीक्षकों को मौकों की देशांतर व अक्षांक्ष स्थिति को दर्शाते हुए जी.पी.एस. उपकरण उपलब्ध कराए जाएँगे, जिससे विवादित प्रकरणों से संबधित मौकों को भौगोलिक दृष्टि से चिह्नित कर, क्षेत्रों का अंकन संभव हो सकेगा।
क्या है जी.पी.एस.-
जी. पी. एस. अर्थात "ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम" एक उपग्रह आधारित नौवहन (Navigation) प्रणाली होती है। इसका विकास संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग ने किया था। 27 अप्रैल, 1995 से इस प्रणाली ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया था। वर्तमान समय में जी.पी.एस का प्रयोग बड़े पैमाने पर होने लगा है। इस प्रणाली के प्रमुख प्रयोग नक्शा बनाने, जमीन का सर्वेक्षण करने, वाणिज्यिक कार्य, वैज्ञानिक प्रयोग, ट्रेकिंग करने आदि के लिए भी किया जाता है। सर्वप्रथम उपग्रह नौवहन प्रणाली 'ट्रांजिट' का प्रयोग अमेरिकी नौसेना ने 1960 में किया था। आरंभ में जीपीएस प्रणाली का प्रयोग सेना के लिए किया जाता था, लेकिन अब इसका प्रयोग नागरिक कार्यों में बहुतायत से किया जा रहा है। आज कई मोबाइल फोन भी इस प्रणाली से युक्त होते हैं।
क्या है जी.पी.एस.-
जी. पी. एस. अर्थात "ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम" एक उपग्रह आधारित नौवहन (Navigation) प्रणाली होती है। इसका विकास संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग ने किया था। 27 अप्रैल, 1995 से इस प्रणाली ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया था। वर्तमान समय में जी.पी.एस का प्रयोग बड़े पैमाने पर होने लगा है। इस प्रणाली के प्रमुख प्रयोग नक्शा बनाने, जमीन का सर्वेक्षण करने, वाणिज्यिक कार्य, वैज्ञानिक प्रयोग, ट्रेकिंग करने आदि के लिए भी किया जाता है। सर्वप्रथम उपग्रह नौवहन प्रणाली 'ट्रांजिट' का प्रयोग अमेरिकी नौसेना ने 1960 में किया था। आरंभ में जीपीएस प्रणाली का प्रयोग सेना के लिए किया जाता था, लेकिन अब इसका प्रयोग नागरिक कार्यों में बहुतायत से किया जा रहा है। आज कई मोबाइल फोन भी इस प्रणाली से युक्त होते हैं।
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