राजस्थान समसामयिक घटनाचक्र-
***डॉ सी पी जोशी को रेल मंत्रालय का अतिरिक्त दायित्व- वे राजस्थान से पहले रेलमंत्री बने***
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री डॉ सीपी जोशी को केन्द्र सरकार में रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रेल मंत्री मुकुल राय (तृणमूल सांसद) का इस्तीफा शनिवार दिनांक 22 सितंबर को स्वीकार कर लिया और उन्हें यह प्रभार सौंपा गया। यह
महत्वपूर्ण मंत्रालय कांग्रेस के पास 17 साल बाद वापस आया है। अब तक के अंतिम कांग्रेसी रेल मंत्री सी.के. जाफर शरीफ थे, जो 1991-1995 तक रेल मंत्री थे।
डॉ सीपी जोशी मूलतः नाथद्वारा के निवासी है तथा वर्तमान में भीलवाड़ा से लोकसभा सदस्य हैं। राजस्थान से अब तक कोई भी रेल मंत्री के पद पर नहीं रहा है। डॉ जोशी राजस्थान के पहले ऐसे नेता है जिन्हें रेल मंत्रालय का दायित्व मिला है। यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि उनके रेलमंत्री बनने से राजस्थान में रेलवे के विकास की गति बढ़ेगी जिससे राज्य के समग्र विकास में भी तेजी आएगी। अगर डॉ जोशी इस पद पर लगातार रहे तो राजस्थान की कई अधूरी रेल परियोजनाएँ जल्दी पूरी हो जाएगी तथा नई रेल योजनाओं को मंजूरी मिलेगी और नई रेल गाड़ियाँ भी चालू होगी। "राजस्थान के विविध रंग" की ओर से बधाई।
***ग्रामीण क्षेत्रों में एंबुलेंस रैफरल ट्रांसपोर्ट सुविधा के तहत 400 जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस 2 अक्टूबर से प्रारंभ***
डॉ सीपी जोशी मूलतः नाथद्वारा के निवासी है तथा वर्तमान में भीलवाड़ा से लोकसभा सदस्य हैं। राजस्थान से अब तक कोई भी रेल मंत्री के पद पर नहीं रहा है। डॉ जोशी राजस्थान के पहले ऐसे नेता है जिन्हें रेल मंत्रालय का दायित्व मिला है। यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि उनके रेलमंत्री बनने से राजस्थान में रेलवे के विकास की गति बढ़ेगी जिससे राज्य के समग्र विकास में भी तेजी आएगी। अगर डॉ जोशी इस पद पर लगातार रहे तो राजस्थान की कई अधूरी रेल परियोजनाएँ जल्दी पूरी हो जाएगी तथा नई रेल योजनाओं को मंजूरी मिलेगी और नई रेल गाड़ियाँ भी चालू होगी। "राजस्थान के विविध रंग" की ओर से बधाई।
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों से गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को राजकीय चिकित्सा संस्थानों तक लाने और घर तक पहुंचाने का काम अब सरकारी एंबुलेंस द्वारा निःशुल्क होगा जिसका नाम "जननी एक्सप्रेस" है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर राजधानी जयपुर के जयपुरिया अस्पताल परिसर में सरकार की "रैफरल ट्रांसपोर्ट सुविधा" के तहत इन एम्बुलेंसों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। प्रदेश में सुरक्षित मातृत्व एवं स्वास्थ्य नवजात के उद्देश्य से राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण, दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्रों की प्रसूताओं को प्रसव के लिए चिकित्सा संस्थानों तक अविलम्ब पहचाने के लिए यह योजना प्रारम्भ की गई है। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए नागरिक 104 नंबर डायल कर लाभ उठा सकते हैं। यह सुविधा सीधे स्वास्थ्य निदेशालय, जयपुर से जीपीएस (Global Positioning System) सिस्टम से जुड़ी हुई है। इस पर डॉयल करते ही प्रसूता के गांव की लोकेशन के बारे में जानकारी मिल जाएगी। इस सुविधा का लाभ सभी को पहुँचाने के लिए प्रतिमाह आशा सहयोगिनी, एएनएम व एम्बुलेंस के ड्राइवर को गाँव की सभी गर्भवती माताओं की सूची उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना के पहले चरण में 400 एंबुलेंस को जननी एक्सप्रेस के तहत चलाया जा रहा है। ये 400 एंबुलेंस राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) के तहत 11 करोड़ 99 लाख रूपए की लागत से खरीदी गई है। केंद्र सरकार ने इन एंबुलेंस के लिए आर्थिक सहयोग राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राजस्थान के बेहतर कार्य को देखते हुए बोनस के तौर पर दी हैं। जननी एक्सप्रेस के कार्य- 1. गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए राजकीय चिकित्सा संस्थान तक निःशुल्क पहुँचाना। 2. तीस दिवस तक के नवजात बीमार शिशुओं को राजकीय चिकित्सा संस्थान तक नि:शुल्क पहुँचाना। 3. प्रसूताओं तथा नवजात शिशुओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के पश्चात राजकीय चिकित्सा संस्थान से पुनः घर तक पहुँचाना।
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