* पाली नगर बांडी नदी के किनारे स्थित है।
* माही नदी को " वागड़ की गंगा" कहते हैं। यह डूंगरपुर तथा बाँसवाड़ा के मध्य सीमा बनाती है।
* सोम नदी उदयपुर तथा डूंगरपुर के बीच सीमा बनाती है।
* चर्मण्वती और कामधेनू चंबल नदी को कहते हैं।
* रूपारेल नदी को वराह नदी भी कहा जाता है।
* बनास नदी को वन की आशा भी कहते हैं।
* हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी के पाट को नाली कहते हैं।
* घग्घर नदी को मृत नदी के नाम से भी जाना जाता है।
* चंबल नदी द्वारा निर्मित 100 किमी लंबा गार्ज (महाखड्ड) भैंसरोडगढ़ (चित्तौड़गढ़) से कोटा तक है।
* डूंगरपुर जिले में बेणेश्वर त्रिवेणी संगम स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ माही, सोम तथा जाखम नदियों का संगम होता है।
* चंबल नदी द्वारा बनाया गया चूलिया जल प्रपात भैंसरोड़गढ़ (चित्तौड़गढ़) के निकट है।
* चंबल नदी अपेक्षाकृत कम वर्षा वाले भागों से अधिक वर्षा वाले भागों की ओर प्रवाहित होती है इसलिए इसमें वर्ष भर जल विद्यमान रहता है।
* चंबल नदी की अपवाह प्रणाली वृक्षाकार या पादपाकार है।
* राज्य में सबसे अधिक सतही जल चंबल नदी में उपलब्ध है। इस मामले में दूसरे स्थान पर बनास तथा तीसरे पर माही नदी है।
* राजस्थान की अपने पड़ोसी राज्यों के साथ सबसे बड़ी नदी सीमा मध्यप्रदेश के साथ है जो चंबल द्वारा बनाई गई है। यह 252 किमी लंबी है।
* पार्वती नदी दो बार राजस्थान व मध्यप्रदेश के बीच सीमा बनाती है।
* गंभीर नदी राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मध्य सीमा बनाती है।
* सवाई माधोपुर जिले में रामेश्वर पर चंबल बनास तथा सीप नदी का त्रिवेणी संगम है।
* राज्य में प्रवाहित होने वाली सबसे लंबी नदी बनास है। इसकी लंबाई 512 किमी है।
* राज्य में सबसे बड़ा जलग्रहण क्षेत्र बनास नदी का है।
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बनास का बहाव 480 किमी ह मेरी बुक का हीसाब स plz cheak this
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