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जोधपुर रियासत (मारवाड़) में स्वाधीनता संग्राम –

1.    जोधपुर में आरंभिक जन-जागरण-
वर्ष / दिनांक
विवरण
1920
श्री चाँदमल सुराना तथा उनके साथियों द्वारा ‘मारवाड़ सेवा संघ’ की स्थापना
1921
‘मारवाड़ सेवा संघ’ द्वारा अंग्रेजी तौल चालू करने का विरोध सरकार ने मांग स्वीकार की
1922-24
‘मारवाड़ सेवा संघ’ द्वारा मारवाड़ से मादा पशुओं की निकासी का विरोध
1924
मारवाड़ हितकारिणी सभा की स्थापना इसके द्वारा प्रधानमंत्री सर सुखदेव प्रसाद को हटाने के लिए आन्दोलन मार्च में चांदमल सुराना तथा सभा के 2 अन्य कार्यकर्ताओं को देश निकाला जय नारायण व्यास तथा अन्य कार्यकर्ता पुलिस में हाजरी देने के लिए पाबंद नवम्बर में देश निकाले की आज्ञा तथा कार्यकर्ताओं की पुलिस में हाजरी समाप्त
1928
सरकार द्वारा मारवाड़ लोक राज्य परिषद् के अधिवेशन पर रोक देशद्रोह के जुर्म में जयनारायण व्यास को 6 साल तथा उनके सथियों को 5-5 साल की कैद
1931
जयनारायण व्यास तथा उनके साथी जेल से रिहा
1937
जयनारायण व्यास मारवाड़ से निष्कासित और अचलेश्वर प्रसाद को राज द्रोह के आरोप में ढाई साल की सजा

2.    मारवाड़ लोक परिषद् -
वर्ष / दिनांक
विवरण
16-5-1938
मारवाड़ लोक परिषद् की स्थापना।
फ़रवरी 1939
जयनारायण व्यास पर से प्रतिबन्ध हटा। वे राज्य सलाहकार मंडल में सम्मिलित।
1941
जोधपुर नगर पालिका के चुनाव। मारवाड़ लोक परिषद् को बहुमत मिला। जयनारायण व्यास नगर पालिका अध्यक्ष निर्वचित।
मई 1941
सरकार और मारवाड़ लोक परिषद् के मध्य तनाव। नगरपालिका से जयनारायण व्यास का इस्तीफ़ा। सलाहकार परिषद् के चुनावों का बहिष्कार। परिषद् द्वारा प्रधानमंत्री सर डोनाल्ड फील्ड को हटाने के लिए आन्दोलन। 26 मई को जयनारायण व्यास गिरफ्तार। मारवाड़ लोक परिषद् द्वारा सत्याग्रह शुरू। सैंकड़ों कार्यकर्त्ता गिरफ्तार।
जून 1942
सत्याग्रहियों द्वारा जेल में दुर्व्यवहार के विरुद्ध भूख हड़ताल। 19 जून को बालमुकुन्द बिस्सा की अस्पताल में मृत्यु।
अगस्त 1942
मारवाड़ लोक परिषद् द्वारा ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ में शामिल। करीब 400 कार्यकर्त्ता गिरफ्तार।
अक्टूबर 1942
जोधपुर में विद्यार्थियों द्वारा पुलिस लाइन्स में बम विस्फोट करने का प्रयास। विद्यार्थी गिरफ्तार।
1944
अप्रेल में कुछ युवकों द्वारा सरकारी कार्यालयों में एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर बम विस्फोट। गिरफ्तारियां और सजा। मई में सरकार और लोक परिषद् में समझौता। जयनारायण व्यास और अन्य कार्यकर्त्ता रिहा।
1945
सितम्बर 1945 में पं. नेहरु का जोधपुर आगमन, महाराज उम्मेद सिंह द्वारा उन्हें रात्रि भोज दिया। नेहरु जी की सलाह पर सर डोनाल्ड फील्ड के स्थान पर सी. एस. वेंकटाचारी की प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्ति।
1947
महाराजा उम्मेदसिंह की मृत्यु। हनुवंत सिंह जोधपुर के महाराजा बने।

13 मार्च 1947 को जागीरदारों द्वारा डाबडा गाँव में किस्सान सम्मलेन पर हमला। चुन्नीलाल शर्मा तथा 4 अन्य कार्यकर्ता शहीद। मथुरादास माथुर, द्वारका दास पुरोहित तथा नृसिंह कछवाहा आदि नेता गंभीर रूप से घायल।

अगस्त में जोधपुर महाराजा की धौलपुर के महाराजा के मार्फ़त जिन्ना से मुलाकात। जिन्ना द्वारा भारतीय राजाओं के पाकिस्तान में मिलने पर मनचाही शर्तें स्वीकार करने का आश्वासन। महाराजा की लार्ड माउंट बेटन से मुलाकात। जोधपुर भारतीय संघ में शामिल।

अक्टूबर में महाराजा द्वारा वेंकटाचार्य के स्थान पर महाराजा अजीत सिंह की प्रधानमंत्री पद पर नियुक्ति। नेहरू जी नाराज़। लोक परिषद् द्वारा नए मंत्रीमंडल का विरोध।
1948
फ़रवरी में वी. पी. मेनन का जोधपुर आगमन। जयनारायण व्यास द्वारा मिले-जुले मंत्रिमंडल का निर्माण।

सितम्बर में मंत्रिमंडल का पुनर्गठन। मथुरादास माथुरद्वारका दास पुरोहित मंत्रिमंडल में सम्मिलित।

दिसम्बर में वी. पी. मेनन तथा महाराजा के मध्य जोधपुर को राजस्थान में सम्मिलित करने के विषय पर वार्ता। महाराजा की सहमति।
1949
30 मार्च 1949 को सरदार पटेल द्वारा जयपुर में वृहद् राजस्थान का उद्घाटन। जोधपुर राज्य का अस्तित्व समाप्त।

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